Russia’s Wagner Group : रूस में भाड़े के सैनिकों का समूह क्यों बना सेना के लिए चुनौती, क्या है इसकी पूरी कहानी?

Russia’s Wagner Group : यूक्रेन से जारी युद्ध के बीच रूस के वैगनर समूह के प्रमुख ने रूसी रक्षा मंत्रालय के खिलाफ बगावत कर दी है। वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन की बगावत के बाद रूसी रक्षा मंत्रालय ने उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। प्रिगोझिन रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के मालिक हैं। प्रिगोझिन ने रूसी सेना के मुख्यालय रोस्तोव-ऑन-डॉन पर कब्जे के लिए अपने लड़ाकों को भी भेजने की बात कही है। हथियारबंद बगावत के आरोप में प्रिगोझिन को 20 साल की सजा हो सकती है।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन बड़े संकट में घिर गए हैं। रूस की शक्तिशाली प्राइवेट आर्मी समूह वैगनर ने बगावत कर दी है। मॉस्को हाई-अलर्ट पर है। राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रूस में तख्तापलट होने की आशंका जताई जा रही है। यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूसी भाड़े के बॉस येवगेनी प्रिगोझिन और सैन्य शीर्ष अधिकारियों के बीच लंबे समय से चल रहा गतिरोध अब खुलकर सामने आ गया है। वैगनर समूह के 25, 000 सैनिक मरने मारने के लिए तैयार हैं।

मॉस्को आने वाले हाई-वे बंद किए गए

वैगनर ग्रुप के लड़ाके मोर्चे पर है। वैगनर चीफ ने रूस के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। मॉस्को आने वाले हाई-वे को बंद किया गया है। वैगनर का दावा है कि रूसी सेना का दूसरा हेलीकॉप्टर भी मार गिराया गया है। रोस्टोव के गवर्नर ने लोगों से घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। वैगनर ने ये भी दावा किया है कि उनकी आर्मी ने रोस्तोव शहर में कई जगह पर कब्जा कर लिया है। रोस्तोव के मेयर ने लोगों से घर के अंदर रहने की अपील की है।

वैगनर ग्रुप भाड़े के सैनिकों की एक निजी सेना है जो यूक्रेन में नियमित रूसी सेना के साथ लड़ रही है। एक समय पुतिन के सहयोगी रहे प्रिगोजिन ने हाल के महीनों में मॉस्को के साथ लगातार कड़वी दुश्मनी को अंजाम दिया है।

25,000 सैनिक मरने मारने को तैयार

वैगनर के प्रमुख ने शनिवार को कहा कि उनकी 25,000-मजबूत सेना “मरने के लिए तैयार” है क्योंकि उन्होंने रूस के सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकने की कसम खाई थी। येवगेनी प्रिगोजिन ने एक नए ऑडियो संदेश में कहा, “हम सभी मरने के लिए तैयार हैं। “हम रूसी लोगों के लिए मर रहे हैं। हम अपनी मातृभूमि और रूसी नागरिकों के लिए खड़े हैं। उन्हें ऐसे लोगों से मुक्ति मिलनी चाहिए जो आम लोगों की हत्या कर रहे हैं। येवगेनी प्रिगोजिन ने कहा कि वे अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को नष्ट कर देंगे।

मॉस्को ने सुरक्षा बढ़ायी

वैगनर कसैनिक समूह की धमकियों के बाद रूस ने सैन्य वाहनों को तैनात किया है और सरकारी सुविधाओं और प्रमुख स्थानों के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है। मॉस्को में हाई अलर्ट जारी किया गया है।

आखिर ये वैगनर ग्रुप क्या है? ये कैसे काम करता है? क्या है वैगनर समूह की ताकत? इस ग्रुप पर क्या आरोप लगते रहे हैं? प्रिगोझिन कौन हैं? प्रिगोझिन कैसे इस प्राइवेट आर्मी के मुखिया बने? आइये जानते हैं…

अभी क्या हुआ है?
वैगनर समूह के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने शनिवार को रूसी सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेकने का एलान कर दिया। प्रिगोझिन ने आरोप लगाया रूसी सैन्य नेतृत्व उनके लोगों पर हमले करा रहा है। प्रिगोझिन के एलान के चंद घंटे पहले ही रूसी रक्षा मंत्रालय ने प्रिगोझिन पर सशस्त्र विद्रोह करने का आरोप लगाया था। दरअसल, बीते कुछ महीनों से प्रिगोझिन लगातार रूसी रक्षा मंत्री, सर्गेई शोइगु और यूक्रेन में सेना के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव पर हमलावर हैं। प्रिगोझिन का आरोप है कि ये दोनों अधिकारी जानबूझकर वैगनर लड़ाकों को कम आपूर्ति कर रहे हैं।

इस बीच रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन में “स्वयंसेवक संरचनाओं” को जून के अंत तक सरकार के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करना होगा। सरकार की इस घोषणा में वैगनर समूह का नाम नहीं लिया गया था, लेकिन इस कदम को सरकार द्वारा वैगनर समूह पर अधिक नियंत्रण हासिल करने के प्रयास के रूप में देखा गया। इसके बाद प्रिगोझिन ने बयान जारी कर घोषणा की कि उनकी सेना इस तरह के किसी भी अनुबंध का बहिष्कार करेगी।

Story of Russia's Wagner Group how it became challenge for russia itself

वैगनर समूह
यूक्रेन युद्ध में इस संगठन की क्या भूमिका रही है?
पूर्वी यूक्रेन के बखमुत शहर पर कब्जे के दौरान वैगनर समूह के लड़ाके बड़े पैमाने पर सक्रिय थे। यूक्रेनी सैनिकों का दावा है कि वैगनर लड़ाकों को खुले मैदान में बड़े पैमाने पर हमले के लिए भेजा गया था, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग मारे गए। युद्ध के शुरुआत में रूसी सेना ने वैगनर समूह के लड़ाई में शामिल होने की पुष्टि नहीं की थी। हालांकि, बाद में इन भाड़े के सैनिकों की साहस की प्रशंसा की थी।

आखिर ये वैगनर ग्रुप क्या है?  
वैगनर समूह को आधिकारिक तौर पर PMC वैगनर कहा जाता है। यह समूह 2014 में पहली बार चर्चा में आया। तब यह समूह पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों की मदद कर रहा था। उस समय यह एक गुप्त संगठन था। इस संगठन पर दुनियाभर के अलग-अलग देशों में रूसी सरकार के लिए छद्म युद्ध लड़ने के आरोप लगे। कहा जाता है कि यह संगठन अफ्रीका और मध्य पूर्व में सक्रिय था। खासतौर पर लीबिया, सीरिया, मोजाम्बिक, माली, सूडान और मध्य अफ्रीका के देशों में इस समूह के गृह युद्ध में शामिल होने के आरोप लगे। 2015 से 2018 के बीच वैगनर ग्रुप रूस की सेना और बशर अल-असद की टुकड़ियों के साथ भी लड़ा है।

इस समूह को रूस की निजी सैन्य कंपनी के तौर पर जाना जाता है। पिछले साल युद्ध शुरू होने के बाद रूस की तरफ से इस ग्रुप को यूक्रेन के राष्ट्रपति को ही निशाना बनाने की सुपारी दी गई थी। बताया गया था कि रूस ने किराए पर काम करने वाले हत्यारों के समूह- वैगनर ग्रुप को जेलेंस्की की हत्या का जिम्मा सौंपा था।

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पुतिन
कैसे बढ़ा वैगनर समूह?
शुरुआत में इस संगठन के करीब पांच हजार लड़ाके थे। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती गई। इस वक्त इस समूह के करीब 50 हजार लड़ाके यूक्रेन में रूस की ओर से लड़ रहे हैं। जनवरी में ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय की ओर से यह दावा किया गया था। इसमें कहा गया कि 2022 से इस संगठन ने बड़े पैमाने पर लड़ाकों की भर्ती शुरू की है, क्योंकि रूसी सेना में नियमित सैनिकों की भर्ती में मुश्किल हो रही थी।
इसी साल की शुरूआत में अमेरिकी नेशनल सिक्युरिटी काउंलिस ने दावा किया था कि करीब 80 फीसदी वैगनर लड़ाके यूक्रेन युद्ध में हिस्सा ले रहे हैं। दिलचस्प बात है कि रूस में भाड़े की सैनाएं गैर-कानूनी हैं। इसके बाद भी वैगनर समूह एक कंपनी में पंजीकृत है, इसका मुख्यालय सेंट पीटर्सबर्ग में है। इस कथित प्रतिबंध के बाद भी यह संगठन रूस के अलग-अलग शहरों में बड़े पैमाने पर भर्ती कर रहा है।

किसने की वैगनर समूह की शुरुआत?
रूस के पूर्व सैन्य अधिकारी दिमित्री उत्किन को इस संगठन की शुरुआत करने वाला माना जाता  है। रूसी सेना में लेफ्टिनेंट रह चुके उत्किन चेचेन्या युद्ध का भी हिस्सा रहे हैं। इसके साथ ही रूसी खुफिया एजेंसी-जीआरयू में वह काम कर चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि उत्किन ने अपने पूर्व रेडियो कॉल साइन के नाम पर समूह का नाम रखा और क्रेमलिन के साथ संबंध बनाए रखा था। हालांकि, रूस की तरफ से इस संगठन से संबंध होने की बात हमेशा से नकारी जाती रही है।Story of Russia's Wagner Group how it became challenge for russia itself

प्रिगोझिन
प्रिगोझिन कौन हैं?
इस समूह के मौजूदा प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन एक अमीर व्यवसायी हैं। येवगेनी प्रिगोझिन का जन्म साल 1961 में लेनिनग्राड में हुआ था। लेनिनग्राड को आज हम सेंट पीट्सबर्ग के नाम से जानते हैं। साल 1981 में येवगेनी को मारपीट, डकैती और धोखाधड़ी का दोषी पाए जाने पर 13 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि सोवियत यूनियन के पतन के बाद येवगेनी को 9 साल की सजा के बाद ही रिहा कर दिया गया था।

जेल से बाहर आने के बाद येवगेनी ने एक छोटा सा बिजनेस शुरू किया और हॉट डॉग का स्टॉल लगाया। इसके बाद येवगेनी ने एक रेस्तरां खोला। जल्द ही येवगेनी का रेस्तरां काफी प्रसिद्ध हो गए। येवगेनी के रेस्तरां की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि खुद रूसी राष्ट्रपति पुतिन विदेशी मेहमानों को इस रेस्तरां में खाना खिलाने ले जाने लगे। इस तरह येवगेनी रूसी राष्ट्रपति पुतिन के करीब आए। पुतिन से करीबी का फायदा उठाकर येवगेनी प्रिगोझिन ने कैटरिंग का बिजनेस शुरू किया और वह रूसी सेना और स्कूली बच्चों को खाना खिलाने के सरकारी ठेके लेने लगे। इसी के चलते येवगेनी की पहचान पुतिन के रसोइए के रूप में हो गई।

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व्लादिमीर पुतिन
क्या है वैगनर ग्रुप की ताकत?
2017 की ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट की मानें तो वैगनर ग्रुप अब तक रूस के समर्थन से 6000 किराए के हत्यारों की फौज खड़ी कर चुका है। अमेरिकी थिंक टैंक के मुताबिक, कागजों पर वैगनर ग्रुप एक निजी संगठन है, लेकिन इसका प्रबंधन और अभियान रूसी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी के जरिए संचालित होने की बात सामने आ चुकी है। यह निजी सेना मिलिट्री के ही पूर्व अधिकारियों और जवानों से मिलकर बनती हैं और सुपारी लेकर लक्षित हत्याएं (टारगेटेड किलिंग) करती हैं। यानी कुल मिलाकर यह भाड़े के सैनिक होते हैं, जिनकी किसी सरकार के प्रति कोई खास जिम्मेदारी नहीं होती।

क्या-क्या हैं वैगनर ग्रुप पर आरोप?
वैगनर ग्रुप पर अब तक मानवाधिकार उल्लंघन और आम लोगों पर अत्याचार के कई आरोप लग चुके हैं। खासकर मध्य अफ्रीकी देशों में इस संगठन पर लोगों के साथ बर्बरता करने के आरोप लगे हैं। इसके अलावा रूस के हित वाले कई और देशों में इस संगठन पर हिंसा भड़काने, प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा करने और आम लोगों की जान लेने के भी आरोप हैं। यूक्रेन के डोनबास में भी 2014 में वैगनर ग्रुप पर आम लोगों के टॉर्चर और उनकी बर्बर हत्या के आरोप लगे थे। दिसंबर 2021 में यूरोपीय संघ ने इस संगठन के आठ लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
‘हमारा जवाब कठोर से भी कठोर होगा’, वैगनर आर्मी की बगावत पर भड़के पुतिन

विद्रोहियों को मिलेगी कड़ी सजा- पुतिन

अपने संबोधन में  पुतिन ने कहा कि आज हम जिस चीज का सामना कर रहे हैं वह आंतरिक विश्वासघात है। हमें रूस में अपनी सभी सेनाओं की एकता की आवश्यकता है। जो कोई भी विद्रोह के पक्ष में कदम उठाएगा उसे सजा मिलेगी। पुतिन ने बताया कि रूसी सेना हीरो की तरह काम कर रही है। वह आर-पार के मूड में हैं। उन्होंने कहा कि वैगनर के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। पुतिन बातों से साफ है कि वह यूक्रेन को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे। इस बीच विद्रोहियों को सरेंडर करने को कहा गया है।

रूसी मीडिया ने प्रिगोजिन के हवाले से कुछ वीडियो जारी किए हैं, जिसमें रोस्तोव की सड़कों और मिलिट्री हेडक्वार्टर के बाहर वैगनर के लड़ाके और बख्तरबंद गाड़ियां नजर आ रही हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, हालात को देखते हुए रोस्तोव के मेयर ने लोगों से घर के अंदर रहने की अपील की है। क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन को रक्षा मंत्रालय, आंतरिक मामलों के मंत्रालय और नेशनल गार्ड से लगातार इस मामले पर जानकारी मिल रही है।

मॉस्को आने वाले हाई-वे बंद किए गए

वैगनर ग्रुप के लड़ाके मोर्चे पर है। वैगनर चीफ ने रूस के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। मॉस्को आने वाले हाई-वे को बंद किया गया है। वैगनर का दावा है कि रूसी सेना का दूसरा हेलीकॉप्टर भी मार गिराया गया है। रोस्टोव के गवर्नर ने लोगों से घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। वैगनर ने ये भी दावा किया है कि उनकी आर्मी ने रोस्तोव शहर में कई जगह पर कब्जा कर लिया है। रोस्तोव के मेयर ने लोगों से घर के अंदर रहने की अपील की है।

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