झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले में 19 से 25 साल के युवा पिछले 2-3 साल में तेजी से अपराध की तरफ बढ़े हैं। यह कहना है एडिशनल एसपी डॉ. तेजपाल सिंह का। उन्होंने कहा कि क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए समय समय पर कार्रवाई की जाती है।
अपराध पर अंकुश के लिए सोशल मीडिया पर विशेष नजर है। गैंगस्टर्स को फॉलो करने वाले युवाओं की काउंसिलिंग की जाती है, अपराध से दूर रहने के लिए समय समय पर समझाइश की जाती है।
उन्होंने कहा- चकाचौंध भरी जिंदगी और महंगे शौक युवाओं को क्राइम की दुनिया में पैर पसारने को मजबूर कर रही हैं। अपने शौक पूरे करने के लिए युवा तेजी से अपराध की ओर से बढ़ रहे हैं। अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए दिनदहाड़े वारदात को अंजाम देना और हथियार रखने का शौक युवाओं की जिंदगी को खराब कर रहा है।
आलम यह कि पिछले एक से दो साल में 19 से 25 वर्ष की आयु तक के युवा लूट, डकैती, चोरी, रंगदारी की वारदात को अंजाम के मामले पुलिस में आए हैं। अभी हाल में झुंझुनूं में डकैती, लूट, मर्डर जैसे नाबालिगों की संख्या भी काफी रही है।
जिसको लेकर पुलिस भी हैरान बनी हुई है। झुंझुनूं जिलें में करीब एक दर्जन से अधिक 19 से 25 साल के ऐसे युवा हैं जो कि अपराध की दुनिया में कदम बढ़ा चुके हैं। इनके द्वारा दिनदहाड़े लूट, चोरी, रंगदारी आदि वारदात के मामले सामने आए हैं। हालांकि अधिकतर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
वारदात में नाबालिग भी शामिल
जिले के हरियाणा बॉर्डर से सटे इलाकों में लूट-डकैती, रंगदारी, अवैध हथियारों रखने की घटनाएं सामने आ रही हैं, उनमें नाबालिग लड़के भी सामने आ रहे हैं। दरअसल कई युवा नाबालिगों को नए-नए सपने व शौक दिखाते हैं। इन सपनों को देखकर नाबालिग भी राह भटक जाते हैं।
इस तरह की घटनाओं में नाबालिग पुलिस के लिए चुनौती बनकर सामने आते हैं। नाबालिगों के साथ पुलिस कड़ाई और नामजदगी की कार्रवाई भी नहीं कर सकती है।
हथियारों का शौक कर रहा बर्बाद
इस सब के पीछे युवाओं में पनप रहा हथियार रखने का शौक सबसे बड़ा कारण है। इसी के चलते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर युवा हथियार डालकर प्रदर्शन करना, खौफ पैदा करना, खुद को ताकतवर बताने जैसे हरकतें कर रहे हैं। परिजनों की अनदेखी, शिक्षा का अभाव, नैतिक शिक्षा की कमी, गलत संगत का होना भी इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण है।