जयपुर : राज्य उपभोक्ता आयोग की जोधपुर बेंच ने एक्सीडेंट के दौरान कार के एयरबैग नहीं खुलने को उत्पादकीय दोष करार देते हुए हुंडई मोटर इंडिया पर 21 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। वहीं, विपक्षी कंपनी को निर्देश दिया है कि वह एक्सीडेंट में मरे विरेन्द्र सिंह के परिवारजनों को हर्जाना राशि 45 दिन में भुगतान करें। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस देवेन्द्र कच्छवाहा, सदस्य निर्मल सिंह मेड़तवाल व लियाकत अली ने यह आदेश नीतू व अन्य के परिवाद पर दिया।
परिवाद में कहा गया था कि उन्होंने 2 मई 2012 को विपक्षी कंपनी की कार खरीदी थी और उसका विक्रेता के जरिए बीमा कराया था। उसके पति 27 दिसंबर 2012 को कार से जोधपुर से नागौर जा रहे थे और उनके साथ रामेश्वरलाल व अन्य दो लोग भी थे।
बीमा कंपनी ने भी टोटल लॉस मानते हुए दावा राशि दे दी
नागौर रोड पर अज्ञात वाहन से एक्सीडेंट होने पर कार दो-तीन बार पलटी, पर उसके एयरबैग नहीं खुले। हादसे में सिर में गंभीर चोटें आने से विरेन्द्र व कार में बैठे तीन अन्य की भी मौत हो गई। एफआईआर 27 दिसंबर को ही कोतवाली थाना, नागौर में दर्ज हुई। एक्सीडेंट में कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और बीमा कंपनी ने भी टोटल लॉस मानते हुए दावा राशि दे दी।
लेेकिन सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कार का सेफ एयरबैग ऑपरेटिंग सिस्टम फेल होने से उसके बैग नहीं खुले, इससे विरेन्द्र के सिर पर गंभीर चोट आई। यह कार निर्माता कंपनी का उत्पादकीय दोष था इसलिए विपक्षी कंपनी उन्हें क्षतिपूर्ति राशि दे। जवाब में कंपनी ने कहा कि एक्सीडेंट चालक की लापरवाही से हुआ, परिवाद में बीमा कंपनी को पक्षकार नहीं बनाया गया है। यह मामला सुनने का अधिकार उन्हें नहीं है, इसलिए परिवाद खारिज किया जाए। आयोग ने दोनों पक्षों को सुनकर एयरबैग न खुलने को उत्पादकीय दोष माना और हर्जाना लगाया।