जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : देश-विदेश में शोधकार्य कर युवाओं के दिलों में बसने वाले स्वामी विवेकानंद पर पीएचडी करने और उनके विचारों का प्रचार – प्रसार करने का बीड़ा उठाने वाले जिले के भीमसर गांव के युवा लेखक व चिन्तक डॉ. जुल्फिकार ने नई दिल्ली के कांन्स्टीटयूशन क्लब में अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक व विश्व प्रख्यात शांतिदूत जैन आचार्य डॉ. लोकेश मुनि को अपनी 3 पुस्तकें –
(1) ‘रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन
(2) ‘स्वामी विवेकानंद चिन्तन एवं रामकृष्ण मिशन खेतड़ी
(3) ‘स्वामी विवेकानंद और राजस्थान की कुछ प्रेरक घटनाएं’ भेंट की।
साथ ही रामकृष्ण मिशन खेतड़ी सहित स्वामीजी के पद-स्पर्श से पवित्र हुए स्थान अलवर, जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, माउंट आबू , खेतड़ी व जोधपुर आदि उन स्थानों का मानचित्र भी भेंट किया | जहां राजस्थान में अपनी प्रवास-यात्राओं के दौरान स्वामीजी गए थे | इस पर विश्व प्रख्यात शांतिदूत समाज सुधारक जैन आचार्य डॉ. लोकेश मुनि ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अल्पायु में धर्म, दर्शन, जीवन, विश्व बंधुत्व जैसे विषयों पर महारत हासिल करने के साथ जो संदेश दिये वे आज भी मानवता के कल्याण की राह दिखाते हैं, वह कहते थे।
विचार व्यक्तित्व के जनक होते हैं, जो आप सोचते हैं, वैसे ही बन जाते हैं | इस अवसर डॉ. जुल्फिकार ने जैन आचार्य डॉ. लोकेश मुनि को स्वामी विवेकानंद पर देश-विदेश में किये गये अपने कार्यों से अवगत करवाने पर और आगे भी काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। यही वजह है कि दुनियाभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन तक जैन आचार्य डॉ. लोकेश मुनि के विचारों से काफी प्रभावित हैं।