जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- राजस्थान में हम हिंदुत्व को लेकर बीजेपी को उनका एजेंडा नहीं बनने देंगे। यहां सभी धर्म, जाति, वर्ग मिलकर राजनीति करेंगे। हम लोग हिंदू नहीं हैं क्या? हमारी आस्था हिंदू धर्म में इनसे ज्यादा है। उनमें कई लोग ऐसे भी हैं, जिनका वास्ता हिंदू धर्म से है ही नहीं। खाली राम मंदिर बनाने की राजनीति करने के लिए हिंदू बन गए हैं। उनमें से कई लोग हिंदू धर्म को नहीं मानते। फिर भी वो लोग हिंदू बन गए, क्योंकि वोटों की राजनीति करनी थी। अब धीरे-धीरे उनकी पोल खुलती जा रही है। गहलोत बुधवार को पाली-जालोर के दौरे पर थे।
जालोर में मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा- गायों की सेवा तो हमने की है। पहली बार हमने ही गौ निदेशालय बनाया। अनुदान दिया। हम लोगों ने गायों की सेवा के लिए सब कुछ किया। लेकिन इसके नाम पर वोट नहीं मांगे। बीजेपी वालों ने गायों के लिए कुछ नहीं किया, लेकिन वे गौमाता के नाम पर वोट की मांग करेंगे।
हम राजनेता पब्लिक प्रॉपर्टी हैं
गहलोत ने कहा- बीजेपी वाले बौखलाए हुए हैं। ये साढ़े चार साल में सरकार के खिलाफ कोई आंदोलन खड़ा नहीं कर सके। अब उनको हाईकमान बार-बार फटकार लगा रहा है। जालोर सांसद देवजी पटेल कल बिना अपॉइनटमेंट लिए मुझसे मिलने आए थे। वे आएं उनका स्वागत है लेकिन पहले बताना चाहिए था। वे जिस वक्त आए, उस वक्त मैं सो रहा था। मेरी तबीयत नाासाज थी। मैं कोई बात छुपाता नहीं हूं। हम राजनेता पब्लिक प्रॉपर्टी हैं। हमें अपने आपको पब्लिक प्रॉपर्टी ही मानना चाहिए। हम परिवार की प्रॉपर्टी नहीं हैं। हम पब्लिक प्रॉपर्टी हैं। हम तो उस रूप में राजनीति करते हैं। जब पब्लिक प्रॉपर्टी हैं तो मिलने से मना कौन कर सकता है। मेरे स्टाफ ने सासंद देवजी पटेल को बैठाया। उनके लिए चाय मंगवाई। बाद में मालूम पड़ा वो चले गए। फिर मैंने उनको टेलीफोन किया। उनका सुझाव पूछा। आपस में बात की, क्लियर बात हो गई।
सांसद देवजी पटेल को हाईकमान की फटकार लगी होगी
गहलोत ने कहा- मुझे लगता है देवजी भाई को रात में फटकार लगी होगी। बीजेपी हाईकमान ने देवजी भाई को फटकारा होगा कि सीएम ने 2 घंटे वेट करा दिया। कुछ बोल नहीं रहे हो। देवजी ने रात को ट्वीट किया कि इंसल्ट हो गई। यह चीजें पॉलिटिक्स में चलती रहेंगी। जनता माई-बाप होती है। हम तो अपना काम कर सकते हैं। अपना धर्म निभा सकते हैं। प्रथम सेवक के रूप में मैं हूं। मेरा मंत्रिमंडल एमएलए जो कर सकते हैं वह किया है। पांच साल में कमी नहीं रखी है।
इंदिरा गांधी के साथ डिप्टी मिनिस्टर रहा
गहलोत ने कहा- मैं 42 साल पहले पार्लियामेंट में चला गया था। इंदिरा गांधी के साथ डिप्टी मिनिस्टर बन गया। मेरा अपना अनुभव है। राजस्थान ऐसा राज्य है जो शांतिप्रिय है। यह पॉलिटिकली भी शांतिप्रिय है। अपनी मांगों को लेकर जो बाकी राज्यों वाले नेता उछल-कूद करते हैं, वैसा यहां नहीं होता। बाकी राज्यों में नेता मांगों के लिए या जो भी चर्चा में रहने के लिए उछल-कूद करते हैं। राजस्थान कभी दिल्ली में चर्चा में रहता ही नहीं था। चाहे पार्लियामेंट हो या बाहर। संसद के सेंट्रल हॉल में भी राजस्थान चर्चा में नहीं रहता था। पहली बार राजस्थान चर्चा में आया है। हमारी स्कीम्स की चर्चा हो रही है। हमारी तमाम योजनाएं चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
कई राज्य हमारी योजनाओं को लागू कर रहे
गहलोत ने कहा- हमारी सरकार ने इस बार जो काम किया है, उसकी वजह से राजस्थान दूसरे राज्यों में चर्चा का विषय बन गया है। कई राज्य मेनिफेस्टो बनाते हुए हमारी स्कीम को साथ में रखते हैं कि कौन सी स्कीम हमारे यहां लागू कर सकते हैं। हमारी योजनाओं को कई राज्य लागू कर रहे हैं। राजस्थान पहली बार चर्चा में भी आया है। मैंने कहा 2030 तक राजस्थान अगर नंबर वन नहीं बने तो कम से कम नंबर वन के जो राज्य आते हैं उनकी श्रेणी में तो आए।
केंद्र के बदले नियमों से तूफान के नुकसान का मुआवजा समय पर नहीं मिलता
गहलोत ने कहा – तूफान से हुए नुकसान का किसानों को समय पर मुआवजा मिले इसका प्रयास कर रहे हैं। इसमें केंद्र सरकार ने बहुत से अड़ंगे लगा दिए हैं। एनडीआरएफ के नियमों में केंद्र ने बदलाव कर दिए हैं। इसमें होने वाले नुकसान को कृषि बीमा से जोड़ दिया है। कृषि बीमा में बहुत टाइम लगता है। उसको आप इससे लिंक कर दोगे तो समय पर मुआवजा नहीं मिलेगा। इनके एनडीआरफ के दो तीन पॉइंट्स ऐसे हैं, जो आपत्तिजनक हैं। मैंने पीएम मोदी को पत्र लिखा है कि आप इन प्रावधानों को खत्म करो। तब जाकर लोगों को राहत मिल पाएगी। यह मुद्दा केवल राजस्थान का नहीं है। पूरे देश का है। राजस्थान में तकलीफ सबसे ज्यादा है, क्योंकि राजस्थान में पहले से अकाल-सूखा पड़ता रहा है। हमें पुराना अनुभव है कि स्थितियां कितनी विकट हो जाती हैं।