चूरू : चूरू में मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद मेडिकल सुविधाओं का विकास होने लगा है। पहले जो ऑपरेशन जयपुर और बीकानेर में हुआ करते थे, वो अब शहर के अस्पतालों में भी होने लगे हैं। हिमोफीलिया बी से ग्रसित एक 8 साल के बच्चे का सरकमसीजन ऑपरेशन करवाने के लिए उसकी मां ने मुंबई, सूरत और जयपुर के बड़े अस्पतालों में दिखाया, लेकिन बच्चा हिमोफीलिया से ग्रसित होने के कारण डॉक्टर्स ने उसका ऑपरेशन करने से मना कर दिया। चूरू में एक प्राइवेट हॉस्पिटल की डॉक्टर ने बच्चे का सफल ऑपरेशन कर दिया।
उन्होंने बताया कि रामगढ़ निवासी रूबीना खत्री अपने 8 साल के बेटे मोहम्मद वालिद को लेकर आई थी। उसने बताया था कि उसका बेटा हिमोफीलिया बी से ग्रसित है। उसका सरकमसीजन करवाने के लिए मुंबई, सूरत और जयपुर के बड़े अस्पतालों में दिखाया, लेकिन वहां के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा हिमोफीलिया बी से ग्रसित है। उसको हर महीने फैक्टर 9 के इंजेक्शन लगते हैं, इसलिए ऑपरेशन के दौरान ब्लीडिंग हो जाए तो वह रुकती नहीं है। इस दौरान बच्चे को कुछ भी हो सकता है। ऐसे में उन्होंने बच्चे के ऑपरेशन को हाई रिस्क मानते हुए मना कर दिया। डॉ. सुमन भडिया ने बताया कि बच्चों को 2 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कर उसकी पूरी जांच की। जांच रिपोर्ट देखने के बाद करीब 1 घंटे तक चले ऑपरेशन में इलाज किया गया। बच्चा स्वस्थ है, जिसको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन में काफी रिस्क रहता है, लेकिन सावधानी पूर्वक काम किया जाए तो ऐसे ऑपरेशन सफल रूप से किए जा सकते हैं।