सीकर : चार्टर प्लेन, लग्जरी कारों में घूमने वाली महिला ‘ठग’:शराब कंपनी में इन्वेस्टमेंट के नाम पर करोड़ों ठगे, सीकर-जयपुर में सबसे ज्यादा शिकार

सीकर : एक युवती की खूबसूरत तस्वीरें और कम समय में पैसे 3-4 गुना करने के झांसे में आकर सैकड़ों लोगों ने करोड़ों रुपए गंवा दिए। कभी जूही, कभी जोना तो कभी कटरीना बनकर इस युवती ने ठगी का पूरा साम्राज्य खड़ा कर लिया। ठगी का तरीका भी अनोखा है। युवती सोशल मीडिया पर खुद के चार्टर प्लेन, लग्जरी कारों के साथ फोटो अपलोड करती। दुबई, फ्रांस, इटली की होटलों में लग्जरी लाइफ के फोटो डालती। खुद को बिजनेस वूमन बताती। लोग जब उससे सोशल मीडिया पर कॉन्टेक्ट करते तो ठगी का असली खेल शुरू होता। युवती लोगों को एक शराब बनाने वाली एक कंपनी के मोबाइल ऐप के बारे में बताती, जो उसने लोगों को ठगने के लिए बना रखा था।

ऐप पर शराब की महंगी बोतलों पर रुपए इन्वेस्ट करने पर तीन गुना रिटर्न का झांसा दिया जाता। शुरुआत में लोग जुड़ते और इंवेस्ट करते तो पहले कई दिनों तक उनके खाते में रुपए ट्रांसफर होते। इससे लोगों को विश्वास हो जाता कि कंपनी फर्जी नहीं है। फिर जैसे ही लोग बड़ी रकम इंवेस्ट करते, युवती वो रुपए हड़पकर ऐप बंद कर देती।

8 जून को सीकर के साइबर थाने में जब मुकदमा दर्ज हुआ तो नए तरह की ठगी का खुलासा हुआ। तीन लोगों के एफआईआर दर्ज कराने के बाद अब ठगी के शिकार कई लोग सामने आ रहे हैं।

पढ़िए कैसे युवती ने तैयार किया ठगी का तंत्र…

हर ठगी के बाद बदल लेती नाम और शहर

‘द वाइन ग्रुप’ कंपनी की हैड बताने वाली इस ठग के जूही, जोना, कटरीना जैसे कई नाम है। कंपनी की ऐप इंस्टॉल करने के बाद यह युवती लोगों को मोबाइल नंबर व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड करती है। इसके बाद जूही लोगों को बताती है कि कैसे रुपए ऐप में इन्वेस्ट करने हैं और उसके बाद आपको तीन से चार गुना रिटर्न मिलेगा। हर शहर में इस युवती ने अपना नाम अलग-अलग बता रखा है। सीकर में लोगों के साथ ठगी करते समय युवती ने खुद का नाम जूही बताया, जयपुर के लोगों को जोना (Johna) नाम बताया।

महिला ठग लग्जरी कारों के साथ विदेशी टूर के दौरान लग्जरी लाइफ की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर लोगों को झांसे में लेती है।
महिला ठग लग्जरी कारों के साथ विदेशी टूर के दौरान लग्जरी लाइफ की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर लोगों को झांसे में लेती है।

प्राइवेट जेट, विदेशों में ऐश और लग्जरी लाइफ का दिखावा

ठग युवती ने फेसबुक पर जूही नाम से अपना फेसबुक अकाउंट बना रखा है। अमेरिका के वॉशिंगटन में घर और खुद को डॉक्टर बताती है। युवती खुद को कंपनी की हैड थी। लोगों को झांसे में लेने के लिए उकसाती थी कि कंपनी में पैसे इंवेस्ट करके वे कैसे करोड़पति बनकर उसकी तरह लग्जरी लाइफ जी सकते हैं।

ठग युवती ने सोशल मीडिया पर खुद के प्राइवेट जेट, हेलीकॉप्टर, शिप और फॉरेन टूर करते हुए के फोटो अपलोड कर रखे हैं। अमेरिका के नियाग्रा फॉल्स, पेरिस, फ्रांस, दुबई, इंग्लैंड की लग्जरी होटल्स रूम में ठहरने के फोटो भी अपलोड कर रखे हैं। युवती ठग की लग्जरी लाइफ देखकर कई लोग झांसे में आकर ठगी का शिकार हो गए।

कंपनी के फर्जी ऑफिस और एंप्लॉय दिखाते

ठगी की मास्टरमाइंड युवती ने ठगों की पूरी फौज खड़ी कर रखी है। लोगों को वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ने के बाद कंपनी के अलग-अलग ऑफिस में कर्मचारियों के इवेंट और अवार्ड शो सेलिब्रेट करते हुए के फोटो-वीडियो भेजते थे। कंपनी का भारत में गोवा में ऑफिस और फैक्ट्री होने का भी दावा किया जाता था।

कंपनी के फैक्ट्री में वाइन बनाने के प्रोसेस और प्रोडक्ट दिखाए जाते। दावा किया जाता था कि कंपनी की वाइन ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंग्लैंड जैसे देशों में बड़ी महंगी बिकती है।

आलिशान विदेशी लोकेशन पर ऐसी तस्वीरें खिंचवाकर पोस्ट की जाती थी, जिससे लोग ये समझते थे कि वाकयी कंपनी प्रॉफिट में है।
आलिशान विदेशी लोकेशन पर ऐसी तस्वीरें खिंचवाकर पोस्ट की जाती थी, जिससे लोग ये समझते थे कि वाकयी कंपनी प्रॉफिट में है।

ठगों का पहला टारगेट महिलाएं, लग्जरी लाइफ जीने का झांसा

ठगों का पहला टारगेट होता था युवतीएं। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा युवतीओं के वॉट्सऐप ग्रुप में ऐप के लिंक को भेजा जाता था। जयपुर के मुकेश भार्गव ने बताया कि खुद को कंपनी की प्रोडक्शन हैड बताने वाली जोना हमेशा दबाव बनाती थी कि अपने पड़ोस और रिश्तेदारों में ज्यादा से ज्यादा युवतीओं को इस ग्रुप से जोड़ें।

उसका मकसद था महिलाओं को अपनी लग्जरी लाइफ दिखाकर, उन्हें बिजनेस वुमन बनने के सपने दिखाना। इस बीच जब वॉट्सऐप ग्रुप पर ठगी के मैसेज वायरल होने लगे तो ठगों ने महिलाओं और युवतियों का एक वीडियो बनाकर वायरल करवाया।

जिसमें बताया गया कि कंपनी के खिलाफ ठगी की झूठी बातें फैलाई जा रही हैं। कंपनी पर ट्रस्ट करें। आपको को तीन से चार गुना रिटर्न मिलेगा।

बताते हैं कैसे ठगी करती है शातिर युवती

ठगों ने अपनी एक फर्जी कंपनी टीडब्ल्यूजी (द वाइन ग्रुप) नाम से बना रखी है। खुद को ब्रांडेड शराब बनाने वाले कंपनी दिखाकर उसमें इन्वेस्टमेंट का झांसा दिया जाता है।

बताया जाता है कि उनका खुद का गोवा में वाइन की फैक्ट्री है जिसमें बनने वाली महंगी शराब ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, यूके में एक्सपोर्ट होती है।

इस तरह से मोबाइल ऐप के जरिए लोगों को इन्वेस्टमेंट के लिए कहा जाता था।
इस तरह से मोबाइल ऐप के जरिए लोगों को इन्वेस्टमेंट के लिए कहा जाता था।

ठगी का ये पूरा खेल मोबाइल ऐप के जरिए ही चलता है। ऐप फर्जी होने के कारण प्ले स्टोर पर से डाउनलोड नहीं होता। इसके लिए ठग एक लिंक बनाकर व्हाट्सएप पर ग्रुपों में भेजते हैं।

लिंक से ऐप डाउनलोड करने पर उसे भेजने वाले शख्स को बोनस के 100 रुपए मिलते हैं। इसी लालच में लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को लिंक आगे भेजकर ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं।

सीकर के एक पीड़ित पप्पूराम ने बताया कि उन्हें ऐप का लिंक सबसे पहले उनकी किराएदार ने भेजा था। वहीं जयपुर के मुकेश को उसके ऑफिस में काम करने वाले एक साथी कर्मचारी ने यह लिंक भेजा था।

ऐप डाउनलोड करते ही शुरू होता है असली खेल

ऐप इंस्टॉल करने के बाद इसमें लॉग इन करना पड़ता है। मोबाइल पर ओटीपी आता है। जिससे अकाउंट बन जाता है। ऐप में लॉगिन करते ही ठग उस मोबाइल नंबर को अपने वॉट्सऐप ग्रुप में ऐड कर देते हैं।

इसके बाद जूही, जोना जैसे अलग-अलग नाम से एक युवती उसी व्हाट्सएप ग्रुप में अपनी कंपनी में इन्वेस्टमेंट प्लान समझाती है। बताया जाता है कि ऐप में पैसा कैसे एड करना है। प्रोडक्ट कैसे खरीदने हैं और आपको इन्वेस्टमेंट पर डबल पैसा कैसे बनेगा? इसकी सारी प्रोसेस समझाई जाती है।

इन्वेस्ट करने वाले को कुछ दिन तक अपने खाते में इनकम आती दिखाई देती थी। लेकिन जैसे ही कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट कर देता, ठग रकम देना बंद कर देते थे।
इन्वेस्ट करने वाले को कुछ दिन तक अपने खाते में इनकम आती दिखाई देती थी। लेकिन जैसे ही कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट कर देता, ठग रकम देना बंद कर देते थे।

महंगी शराब की बोतलों पर पैसे इवेस्ट करो, तीन से चार गुना कमाई का झांसा

ऐप में सबसे कम 300 रुपए का रिचार्ज करवाना पड़ता है। इसके बाद ऐप में महंगे ब्रांड की वाइन की बोतलों की लिस्ट दिखाई जाती है, जिसके ऊपर प्राइस टैग लगा होता है। ठगों के मुताबिक कोई भी 3 हजार से लेकर करीब 2 लाख तक की शराब की बोतलों पर पैसा लगाकर उसका पार्टनर बन सकता है। झांसा देते हैं कि आपके द्वारा जिस शराब की बोतल में पैसा लगाया गया है इनकी अमेरिका, यूरोप में भारी डिमांड है। ये कई गुना दाम पर वहां के लोग डॉलर में खरीदते हैं। यही पैसा आपको रिटर्न में हमारी कंपनी देती है।

पहले दिन से रिर्टन, ताकि लोग लाखों रुपए इन्वेस्ट करें

ठग इतने शातिर हैं कि बोतल पर पैसे इन्वेस्ट करने वाले को पहले ही दिन से रिटर्न के देना शुरू कर देते हैं। ताकि लालच में आकर लोग और ज्यादा पैसे लगाएं। अगर किसी ने 3000 रुपए शराब की बोतल पर इन्वेस्ट किए हैं तो उसे इसके बदले 11000 रुपए वापस उसके बैलेंस में शो किए जाते हैं। 300 लगाने पर 1200 रुपए तक जमा करवा देते हैं। करीब एक महिने तक लोगों को 200 से 400 रुपए हर दिन रिटर्न के तौर पर वापस दिए जाते हैं।

जुड़ने वाले हर ग्राहक को इस तरह से रिवेन्यू दिखाया जाता था।
जुड़ने वाले हर ग्राहक को इस तरह से रिवेन्यू दिखाया जाता था।

खुद के पैसे निकलवाने के लिए एक और चाल

ठग पैसे लगाने वाले लोगों के अकाउंट के ट्रांजेक्शन को ट्रैक करते हैं। चार से पांच हजार रुपए इन्वेस्ट करने तक हर दिन रिर्टन के तौर 200 से 300 रुपए वापस देते हैं।

इतना रिटर्न मिलते देख लोग लालच में आ जाते हैं और लाखों रुपए इन्वेस्ट कर बैठते हैंं। जैसे ही ठगों के पास लाखों रुपए पहुंच जाते हैं, ये रिटर्न देना बंद कर देते हैं। फिर मैसेज करते हैं कि सर्वर में दिक्कत होने के कारण पैसा ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है।

ठगों की यही चाल रहती थी कि कैसे भी कर लोगों से पैसा ठग लिया जाए। इन्वेस्टमेंट करने वालों की ऐसे पेमेंट रोक दी जाती थी। फिर इसे निकलवाने के लिए सर्वर लेने के लिए कहा जाता था।

अब उन ग्राहकों को नए जाल में फंसाया जाता है। ठग पीड़ितों को पैसा वापस करने के बदले सर्वर खरीदने के नाम पर 8 से 20 हजार रुपए और डिमांड करते हैं। ये पैसे जमा करवाने के बावजूद भी जमा पैसा वापिस नहीं करते। फिर बैंक प्रोसेस में एरर के नाम पर उलझाकर रखते हैं। इसके बाद जब ठगों का टारगेट पूरा हो जाता है तो ऐप को बंद कर दिया जाता है। ऐप बंद होने के बाद लोगों को पता लगता है कि उनके साथ ठगी हुई है।

अपनी फंसी हुई रकम वापिस पाने के लिए लोग फिर ठगों के जाल में फंस जाते थे।

रिटर्न देकर जयपुर के 400 से ज्यादा लोगों को ठगा

जयपुर में रहने वाले मुकेश भार्गव ने बताया कि मैं प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूं। मेरे ऑफिस में काम करने वाले एक साथी कर्मचारी ने इस ऐप के बारे में बताया। वो हर दिन तीन से गुणा रिटर्न ले रहा था। मैं भी झांसे में आ गया। मैंने 22 मार्च को सबसे पहले 470 रुपए का एक रिचार्ज करवाया। सबसे छोटा 350 रुपए का एक प्रोडक्ट (शराब की बोतल) खरीदी। प्रोडक्ट पर इन्वेस्ट करने के बाद हर रोज 21 रुपए मेरे खाते में आने लगे। मुझे भरोसा हो गया। लालच में आकर मैंने 15 से 20 हजार रुपए इन्वेस्ट कर दिए। करीब एक हफ्ते तक हर दिन 200 से 300 रुपए रिटर्न आता रहा। लेकिन बाद में अचानक पैसे आने बंद हो गए। खुद को कंपनी की प्रोडक्शन हेड बताने वाली जोना से बात करने पर उसने बताया कि 20 हजार रुपए देकर सर्वर खरीदना होगा। मैंने सर्वर के नाम से 20 हजार रुपए दे दिए तो दो दिन बाद कंपनी की ऐप ही बंद हो गई। मेरे नंबरों से लॉगिन होना बंद हो गया। जिन नंबरों से बात की थी वो भी बंद आने लगे। हमें ठगी का एहसास हो चुका था। मेरे साथ जयपुर शहर से करीब 400 ज्यादा लोग भी उस वॉट्सऐप ग्रुप में जुड़े हुए थे। इन सभी का पैसा भी डूब गया। हर शख्स ने कम से कम 15 से 20 हजार रुपए लगा रखे थे।

रिश्तेदारों के 1 करोड़ रुपए से ज्यादा ठगे

सीकर में रहने वाले पप्पूराम चौधरी ने बताया कि उसके यहां झुंझुंनू की सोनू यादव किराए रहती थी। सोनू ने ही टीडब्ल्यूजी द वाइन ग्रुप का इवाइट टैक्स मैसेज पत्नी के मोबाइल पर भेजा था। ऐप पर लॉगइन करने के बाद कैटरीना नाम की युवती ने उनका नंबर कंपनी के वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया। सोनू ने मेरी पत्नी के साथ ऐप मेरे मोबाइल में भी डाउनलोड करवाया। सबसे पहले हमने 470 रुपए की एक शराब की बोतल पर रुपए इन्वेस्ट किए। इस पर हर दिन हमको 21 रुपए खाते में आने लगे कुल 850 रुपए आ गए। इसके बाद हमकों विश्वास हो गया। इसके बाद हमारे कई दोस्त और रिश्तेदार भी इस ऐप से जुड़ गए। कंपनी ने सभी से करीब 1 करोड़ रुपए से ज्यादा ठग लिए।

15 लाख रुपए से ज्यादा ठग लिए

जयपुर में रहने वाले आशीष ने बताया कि उसकी वाइफ को एक युवती ने वॉट्सऐप ग्रुप पर कंपनी के ऐप का लिंक भेजा था। ऐप डाउनलोड करने के बाद हमने पहले छोटे प्रोडेक्ट पर 470 रुपए लगाए थे। इसके बाद हर दिन कंपनी की तरफ रिटर्न आने लगा तो विश्वास हो गया। इसके बाद हमने विश्वास करके अपनी बैंक से एफडी और म्यूचुअल फंड से पैसे निकाल कर ऐप में करीब 15 लाख रुपए से ज्यादा पैसे लगा दिए। अब कंपनी का ऐप बंद हो गया और वॉट्सऐप नंबर भी बंद हो गए।

पीड़ितों की मानें तो ये जोना, जूही और कटरीना न जाने कितने नामों से महिला ठगी कर चुकी है। असल में ये महिला ठग अकेली नहीं है, इसके पीछे साइबर ठगों की एक पूरी टीम है।
पीड़ितों की मानें तो ये जोना, जूही और कटरीना न जाने कितने नामों से महिला ठगी कर चुकी है। असल में ये महिला ठग अकेली नहीं है, इसके पीछे साइबर ठगों की एक पूरी टीम है।

सीकर साइबर थाने में दर्ज हुआ पहला केस

सीकर साइबर थाने में 8 जून को पप्पूराम चौधरी, सुरेंद्र सिंह और रामसिंह ने ठगी का मामला दर्ज करवाया। सीकर के साइबर थाने में मामला दर्ज होने के बाद जयपुर में कई लोगों को अपने साथ हुई ठगी का पता लगा। जयपुर में रहने वाले मुकेश भार्गव और उसके साथियों ने भी ठगी की शिकायत पुलिस में दी है।

ठगी करने वाली युवती की तलाश में जुटी पुलिस

वाइन बनाने वाली कंपनी के नाम से ठगी करने वाले गिरोह में हर शख्स से एक युवती ही वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए बात करती थी। युवती ने सीकर और जयपुर में लोगों से बात करने के लिए कई वॉट्सऐप ग्रुप बनाए थे। हर वाट्सऐप ग्रुप में वो अपना नाम अलग-अलग बताती थी। युवती ने वॉट्सऐप ग्रुप में अपनी प्रोफाइल फोटो भी डाल रखी थी। यह फोटो असली है या किसी और युवती का फोटो है। पुलिस अब पता लगाने का प्रयास कर रही है, ठगी करने वाली युवती कौन है और वो कहा कि रहने वाली है। युवती खुद को गोवा में कंपनी के ऑफिस में ऑपरेशन हैड बताती थी।

(डिस्क्लेमर : खबर में वही फोटो इस्तेमाल किए गए हैं, जिनको पोस्ट कर ठग महिला पैसे कमाने का दावा करती थी। ये सभी फोटोज उसी ठग महिला के हैं, इन दावों की पुष्टि नहीं हो सकी है। इसलिए तस्वीरों में महिला का चेहरा छिपाया गया है।)

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