अजमेर : अजमेर ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन के पुत्र नसीरुद्दीन चिश्ती ने देहरादून (उत्तराखंड) में मुस्लिम प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर राज्य के हालत पर चर्चा की। मुस्लिम प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से कहा कि हम राज्य के दोनों पक्षों में शांति स्थापित करने के लिए सरकार के साथ हैं।
हजरत सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती ने कहा कि देश और राज्य से सांप्रदायिकता को समाप्त करके समाज में जो दूरियां आ गई हैं, हम उसे कम करने के लिए सरकार के हर निर्णय का स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द समाज के सभी पक्षों में आपसी संवाद शुरू किया जाए। दोनों पक्ष के धर्म गुरुओं और ज़िम्मेदारों को साथ बैठाकर शांति का संदेश दिया जाए। इस निवेदन को मुख्यमंत्री ने मानते हुए कहा कि जल्द ही इस प्रकार का संवाद कार्यक्रम राज्य स्तर पर किया जाएगा।
मीडिया के सवाल पर हजरत सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती ने कहा कि ख्वाजा साहब के वंशज होने के नाते, अजमेर दरगाह के उत्तराधिकारी होने के नाते और ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन के नाते बड़ी जिम्मेदारी से कहता हूं कि भारत का हर मुसलमान खुशहाल है, भारत का हर मुसलमान सुरक्षित है और भारत का संविधान हर भारतीय को चाहे वो किसी भी धर्म का हो सब के अधिकारों की रक्षा करता है। सबको समान अधिकार देता है। मुस्लिम प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से उत्तराखंड में अतिक्रमण के नाम पर मजार और अन्य धर्मों के धार्मिक स्थल तोड़े जाने पर भी चर्चा की, जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि किसी भी विधि स्वरूप बने धार्मिक स्थल को नहीं हटाया है और नहीं भविष्य में ऐसा होगा।