झुंझुनूं-चिड़ावा : चिड़ावा शहर के वार्ड 20 स्थित पुजारी कॉलोनी में एक पिता के निधन पर जहां परिवार गमगीन माहौल में था, लेकिन इसी बीच पिता की अंतिम यात्रा निकलने लगी तो बेटियों ने पिता की अर्थी को थाम लिया और कंधा दिया। ऐसे में मौजूद सभी लोगों की आंखे नम हो गई और माहौल अधिक गमगीन हो गया।
दरअसल नरोत्तम पारीक के केवल तीन बेटियां ही है। उन्होंने अपनी बेटियों को हमेशा बेटे की तरह पाला। आज जब अंतिम यात्रा रवाना होने लगी तो बेटियों सुविधा, चारू और पिंकी ने बेटे का फर्ज निभाया और सभी ने अंतिम विदाई से पहले शव के परिक्रमा लगाई और फिर सभी बहनों ने अन्य परिजनों के साथ अर्थी को कंधा भी दिया।
घर में गिरने से अचानक हुई मौत
चिड़ावा निवासी नरोत्तम पारीक शहर के प्रतिष्ठित नागरिक थे। उनके भाई कांग्रेस के सचिव श्रवण पारीक ने बताया कि वे पिछले कुछ जयपुर रह रहे थे। वे बाथरूम जा रहे थे। इसी दौरान उनका पैर फिसल गया और वे जमीन पर गिर गए। इसी दौरान उनके सिर की नस फट गई। परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका।
नरोत्तम पारीक को अपनी बेटियों पर खूब नाज था। सभी को उच्चतर स्तर तक की पढ़ाई करवाई। उनकी बेटी सुविधा ने सीए किया और फिलहाल जयपुर में इंडियन बैंक में मैनेजर हैं। वहीं चारू पारीक ने एमबीए किया है और पिंकी ने एमए किया है।
पिता की अंतिम इच्छा की पूरी
नरोत्तम पारीक की पत्नी उषा ने बताया कि उनके पति बेटियों को बेटा ही मानते थे। वे हमेशा उनको बेटा कहकर ही बुलाते थे। उनकी इच्छा थी कि उनकी अर्थी को उनकी बेटियां कंधा दें। आज बेटियों ने पिता की इच्छा को पूरा किया और पिता को भावुक में से कंधा देकर संसार से विधि विधान से रवाना किया।