नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एक बार फिर भाजपा और केंद्रीय जांच एजेंसियों पर निशाना साधा। उन्होंने ट्विटर के जरिए कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का नाम बदलकर ‘बीजेपी सेना’ रख देना चाहिए। एक जमाना था, जब इन जांच एजेंसियों की इज्जत थी। ये कहीं रेड मारते थे या किसी को गिरफ्तार करते थे तो लगता था उस व्यक्ति ने कुछ गलत किया होगा। आज ये एजेंसियां केवल भाजपा का राजनीतिक हथियार बनकर रह गईं हैं।
इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीआई) महासचिव डी. राजा और सभी सीपीआई नेताओं से मुलाकात की। सीएम केजरीवाल ने बैठक के बाद कहा कि CPI नेताओं का भी मानना है कि दिल्ली में केंद्र सरकार का तानाशाही अध्यादेश लोकतंत्र और संविधान पर हमला है और वे इस अध्यादेश के खिलाफ संसद में दिल्ली की जनता का साथ देंगे। सभी दिल्लीवासियों की तरफ से मैं सभी सीपीआई नेताओं का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
दरअसल, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने पिछले दिनों फैसला सुनाते हुए कहा था कि दिल्ली में जमीन, पुलिस और कानून-व्यवस्था को छोड़कर बाकी सारे प्रशासनिक फैसले लेने के लिए दिल्ली की सरकार स्वतंत्र होगी। वह अधिकारियों और कर्मचारियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग भी कर पाएगी। उपराज्यपाल इन तीन मुद्दों को छोड़कर दिल्ली सरकार के बाकी फैसले मानने के लिए बाध्य होंगे।
केंद्र लेकर आया अध्यादेश
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कानून में संशोधन करके या नया कानून बनाकर ही पलटा जाना संभव था। संसद अभी चल नहीं रही है, ऐसे में केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस कानून को पलट दिया। अब छह महीने के अंदर संसद के दोनों सदनों में इस अध्यादेश को पारित कराना जरूरी है। इसीलिए अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, ताकि राज्यसभा में केंद्र सरकार अध्यादेश को पारित न करा पाए।