कोटा : नीट टॉप करने वाले स्टूडेंटस से जाने सफलता के राज:टॉप 50 में कोटा के 16 स्टूडेंट्स, फिर बजे सफलता के ढोल

कोटा : देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल इलेजिब्लिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट-यूजी) -2023 का परिणाम जारी कर दिया गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा जारी परिणामों में कोटा के कोचिंग के स्टूडेंट्स ने एक बार फिर श्रेष्ठता साबित की है। एलन के टॉप-20 में पांच स्टूडेंट्स ने जगह बनाई है। एलन के चेयरमैन डॉ.बृजेश माहेश्वरी ने बताया कि कोचिंग के पार्थ खंडेलवाल ने 715 अंक प्राप्त कर आल इंडिया रैंक-10 प्राप्त की है। इसके साथ ही पार्थ ने राजस्थान टॉप किया है। 715 अंक प्राप्त करके ही शशांक कुमार ने आल इंडिया रैंक 14 प्राप्त की तथा बिहार स्टेट टॉप किया है। शुभम बंसल ने 715 अंक प्राप्त कर एआईआर-16 तथा उत्तर प्रदेश टॉप किया है। अरनब पाती ने भी 715 अंकों के साथ आल इंडिया रैंक-19 तथा शशांक सिन्हा ने 712 अंक प्राप्त कर आल इंडिया रैंक 20 प्राप्त की है। ऐसे में टॉप-20 में एलन के 5 स्टूडेंट्स ने अखिल भारतीय स्तर पर टॉप-20 में रैंक प्राप्त की है। इसके साथ ही टॉप-50 में 16 स्टूडेंट्स ने स्थान प्राप्त किया है। एनटीए द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार 16 स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिन्होंने 715 अंक प्राप्त किए हैं और इन स्टूडेंट्स को आयु के मापदंड के आधार पर प्रवेश में वरीयता दी जा रही है। यह परीक्षा एम्स सहित देश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 104333, बीडीएस की 27868, आयुष पाठ्यक्रम ( बीएएमएस, बीएचएमएस, बीवायएमएस, बीयूएमएस,) की 52720 बीवीएससी एवं चयनित बीएससी नर्सिंग कॉलेज के पाठ्यक्रमों की करीब 1 लाख 90 हजार सीटों के लिए हुई।

शंशाक के पिता उदय कुमार, जोनल मैनेजर फार्मास्यूटीकल है। बिहार, नवादा, पटना में रहते थे। शशांक का मानना है कि मेरी सबसे बड़ी ताकत खुद पर कंट्रोल करने की है
शंशाक के पिता उदय कुमार, जोनल मैनेजर फार्मास्यूटीकल है। बिहार, नवादा, पटना में रहते थे। शशांक का मानना है कि मेरी सबसे बड़ी ताकत खुद पर कंट्रोल करने की है

खुद पर कंट्रोल करना ही सबसे बड़ी ताकत : शशांक कुमार

नीट में ऑल इंडिया रैंक 14 हासिल करने वाले शंशाक के पिता उदय कुमार, जोनल मैनेजर फार्मास्यूटीकल है। बिहार, नवादा, पटना में रहते थे। शशांक का मानना है कि मेरी सबसे बड़ी ताकत खुद पर कंट्रोल करने की है। कोविड के बाद स्मार्ट फोन का यूज बढ़ा, मुझे पता ही नहीं चला कि मैं बहुत यूज करने लगा था, इसमें समय खराब भी होता था। जब मैंने सेल्फ एनालिसिस किया तो फिर मैंने वीकली रिपोर्ट एनालिसिस शुरू किया। इसके बाद अब सिर्फ एक घंटा ही यूज करता हूं। मैं पेरेंट्स और एलन टीचर का फॉलोअर हूं। उनकी बातें मुझे मैजिकल रिजल्ट्स देती हैं। जब भी परेशान होता हूं या उलझन में होता हूं तो पापा-मम्मी से बात करता हूं और वो जो कहते हैं उसे मान लेता हूं। इसके बाद मुझे हमेशा अच्छे ही रिजल्ट्स मिलते हैं। रोजाना करीब 45 मिनट प्राणायाम करता हूं। इससे मैं खुद को रिलैक्स महसूस करता हूं। कक्षा दसवीं में आईसीएसई बोर्ड से 99 परसेंट स्कोर किया, इसके बाद 12वीं में सीबीएसई बोर्ड से 96.4 पर्सेंट स्कोर किया। अब एम्स नई दिल्ली से एमबीबीएस करना चाहता हूं। इसके बाद सर्जरी में जाना चाहता हूं। मैं हमेशा खुद को एक सर्जन के रूप में देखता हूं, इसी कारण कार्डियो या न्यूरो में जाना चाहता हूं। पापा उदय कुमार यूबीक्योर फार्मास्यूटिकल कंपनी में जोनल मैनेजर हैं। माँ वंदना कुमारी गवर्नमेंट कॉलेज में लेक्चरर है। एनटीएसई स्कॉलर हूं।

अरनव क्रिकेटर धोनी से इंस्पायर है। हर परेशानी को कूल रहकर सॉल्व करते हैं।
अरनव क्रिकेटर धोनी से इंस्पायर है। हर परेशानी को कूल रहकर सॉल्व करते हैं।

एमएस धोनी से इंस्पायर हूं, कूल रहकर डिसीजन करता हूं

ऑल इंडिया रैंक 19 हासिल करने वाले अरनव पाती ने बताया कि परिवार में पापा इंजीनियर हैं, दादा जी पश्चिम बंगाल के बाल्कुरा के गांव में स्कूल टीचर थे। वे मुझे डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित करते थे। इसलिए मैंने बॉयलोजी ली। इसके साथ ही मैं इंडियन क्रिकेटर एमएस धोनी से भी इंस्पायर हूं। उनका प्रेशर को हेंडल करने का तरीका, कूल रहकर डिसीजन लेने का तरीका अच्छा लगता है। मैं उनकी तरह डिसीजन लेने की कोशिश भी करता हूं। अब एम्स दिल्ली से एमबीबीएस करना चाहता हूं और जीवन में सफल कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहता हूं। मैं खुद को रिफ्रेश रखने के लिए मेडिटेशन करता हूं। इससे अटेंशन बढ़ता है। अध्यात्म में मेरी रूचि भी है। मेरा मानना है जब तक हम शांत होकर पढ़ाई नहीं करेंगे तब तक एकाग्रता नहीं आती है। सफलता के लिए हार्डवर्क के साथ-साथ नियमितता और अनुशासन को जरूरी मानता हूं। मैं सुबह 5.30 बजे उठता हूं, इसके बाद कोचिंग जाता था तथा दोपहर में 2 से 5 बजे तक रिवीजन करने के बाद शाम को 5.45 से 10.15 बजे तक अलग-अलग विषयों की पढ़ाई करता था। नीट के साथ-साथ मैंने सेल्फ एनालिसिस और फिजिक्स व केमेस्ट्री की स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए जेईई-मेंस दी और उसमें 99.94 पर्सेन्टाइल स्कोर किया। कक्षा दसवीं में 99.5 पर्सेन्ट स्कोर किया, इसके साथ ही 12वीं में 98 पर्सेन्ट स्कोर था। एनटीएसई स्टेज-1 में वेस्ट बंगाल टॉपर रहा, केवीपीवाय में आल इंडिया रैंक 78 प्राप्त की। परिवार मूलतः पश्चिम बंगाल से है, यहां पिता चंचल कुमार पाती मैकेनिकल इंजीनियर हैं तथा मां रूम्पा पाती नर्सिंग सर्विस में हैं।

सूर्य प्रताप मिश्रा ने बताया कि वह अपने पापा डॉ.संजीव कुमार मिश्रा से इंस्पायर है। सूर्य ने बताया कि वो गवर्नमेंट हॉस्पिटल में पीडियाट्रिशियन हैं।
सूर्य प्रताप मिश्रा ने बताया कि वह अपने पापा डॉ.संजीव कुमार मिश्रा से इंस्पायर है। सूर्य ने बताया कि वो गवर्नमेंट हॉस्पिटल में पीडियाट्रिशियन हैं।

न्यूरो सर्जरी में जाना चाहता है सूर्य प्रताप मिश्रा

एआईआर 35 हासिल करने वाले सूर्य प्रताप मिश्रा ने बताया कि वह अपने पापा डॉ.संजीव कुमार मिश्रा से इंस्पायर है। सूर्य ने बताया कि वो गवर्नमेंट हॉस्पिटल में पीडियाट्रिशियन हैं। उनकी हार्ड वर्किंग और मरीजों के इलाज करने का तरीका बहुत अच्छा लगता है। सर्जरी में इंट्रस्ट है। बहुत सारे रिलेटिव है जो सर्जरी में हैं, उनके अनुभव सुनता हूं तो बहुत अच्छा लगता है, इसलिए मैं भी न्यूरो सर्जरी में जाना चाहता हूं। कंसंट्रेट होकर पढ़ाई करना और फोकस्ड रहना ही आपको सफलता के करीब ले जाता है। घर में भी पढ़ाई के समय मैं अपने कमरे में शांत वातावरण में पढ़ता हूं। रोजाना कोचिंग के अलावा 8 घंटे सेल्फ स्टडी करता हूं। एलन फैकल्टीज का बहुत सपोर्ट रहा। सामान्यतः सुबह फिजिक्स, रात को बॉयलोजी, दिन के समय कैमेस्ट्री पढ़ता हूं। पढ़ाई का पैटर्न अलग है, क्योंकि फिजिक्स पढ़ने के लिए सारे नोट्स एक कॉपी में अलग बनाए हुए हैं। वहीं बॉयलोजी के फास्ट रिवीजन के लिए टॉपिक्स को अंडरलाइन किया हुआ है। पढ़ाई में ब्रेक के समय छोटे भाई से बातें करता हूं, बैडमिंटन व चेस खेलता हूं। यू-ट्यूब पर मोटिवेशनल या टॉपिक्स के वीडियोज देखता हूं। साउथ इंडियन हीरो प्रभास पसंद है, उसकी बाहूबली मूवी बहुत अच्छी लगी। एनटीएसई स्कॉलर हूं। एम्स दिल्ली से एमबीबीएस करना चाहता हूं।

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