भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छह में से दो महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस को ऑडियो और विजुअल सबूत सौंप दिए हैं। दिल्ली पुलिस इन सबूतों की जांच करने में जुट गई है।
पुलिस अधिकारियों ने तो चुप्पी साध रखी है, लेकिन एक वरिष्ठ सूत्र ने दावा किया है कि दिल्ली पुलिस इस मामले में जल्द ही कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल करने जा रही है। 15 जून के आसपास आरोपपत्र दाखिल कर दिया जाएगा। एसआईटी दिन-रात एक कर आरोपपत्र को अंतिम रूप दे रही है।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने दावा किया कि नाबालिग समेत दो महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस को ऐसे पर्याप्त सबूत नहीं दिए, जो बृजभूषण के खिलाफ उनके आरोपों को साबित कर सकें। दिल्ली पुलिस ने इस बयान की पुष्टि नहीं की है। पुलिस के सामने दो महिला पहलवानों, एक इंटरनेशनल रेफरी और स्टेट लेवल कोच ने गवाही दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 15 जून को बालिग पहलवानों से जुड़े मामले में आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा। वहीं, नाबालिग पहलवान के केस में पुलिस क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर सकती है। नाबालिग पहलवान यौन शोषण के आरोप वापस ले चुकी है। पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि 15 जून को चार्जशीट आने का इंतजार कर रहे हैं।
पहलवानों पर पुलिस की कार्रवाई गलत : जस्टिस बी लोकुर
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी लोकुर ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिग महिला पहलवान के उत्पीड़न मामले में पुलिस के रवैये पर सवाल उठाए। उन्होंने पुलिस के काम करने के तरीके और प्रदर्शन कर रहे पलवानों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की है। ‘पहलवानों का संघर्ष: संस्थानों की जवाबदेही’ विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में जस्टिस लोकुर ने कहा, पीड़ितों का ‘पुन: उत्पीड़न’ हुआ है क्योंकि पहलवान न्याय का इंतजार कर रहे हैं।