झुंझुनूं-उदयपुरवाटी : देश की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के भाणजे, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव विजेंद्रसिंह इंद्रपुरा सोमवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली।
उदयपुरवाटी की राजनीति में यह बड़ा फेरबदल है। उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र में अब तक हुए 15 चुनाव में सात बार राजपूत विधायक रहे हैं। ऐसे में यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है तो भाजपा के लिए बड़ा मौका, लेकिन इससे भाजपा में प्रत्याशियों के दावेदारों की सूची में एक और नाम जुड़ गया है। ऐसे में देखना होगा कि भाजपा कैसे इन दावेदारों को खुश कर पाती है।
विजेंद्रसिंह इंद्रपुरा ने 2008 में कांग्रेस पार्टी की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वे दूसरे नंबर पर रहे। 2008 के चुनाव में उनके प्रतिद्वंदी रहे राजेंद्रसिंह गुढ़ा इस बार कांग्रेस सरकार में ही मंत्री हैं। बताया जा रहा है कि इंद्रपुरा लंबे समय से खुद को पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहे थे। जिसके चलते वे आमजन की समस्याओं का समाधान सही तरीके से नहीं करा पा रहे थे।
उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को प्रार्थमिक सदस्यता से त्यागपत्र भेज दिया है। सोमवार सवेरे 11 बजे इंद्रपुरा रिसॉर्ट से वे सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जयपुर के लिए रवाना हुए। जहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने उनको सदस्यता ग्रहण करवाई। उनके साथ कुछ अन्य लोगों को भी भाजपा की सदस्यता दिलवाई गई है।
भाजपा में टिकट मांगने वालों की तादात बढ़ी
इधर, उदयपुरवाटी विधान सभा क्षेत्र से भाजपा में चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। जाट समाज से शुभकरण चौधरी व डॉ. हरीसिंह गोदारा, सैनी समाज से भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया, नवलगढ़ से प्रत्याशी रहे रवि सैनी, भाजपा नेता यतेंद्र सैनी, संदीप सैनी, पूर्व मंडल अध्यक्ष महेश सैनी भाजपा में अपनी दावेदारी जता रहे हैं। अब राजपूत समाज से विजेंद्रसिंह इंद्रपुरा भी दावेदारों में शामिल हो गए हैं।
सर्वाधिक सात बार राजपूत विधायक बने
देश की आजादी के बाद 1952 से विधान सभा क्षेत्र का नाम उदयपुरवाटी विधान सभा क्षेत्र था। जिसको 1972 में बदलकर गुढ़ा विधान सभा क्षेत्र कर दिया गया। 2008 में वापस नाम बदलकर उदयपुरवाटी विधान सभा क्षेत्र कर दिया गया।
यहां 1952 से 2018 तक 15 बार हुए विधान सभा चुनाव में 7 बार राजपूत, 5 बार जाट व तीन बार सैनी विधायक चुने गए हैं। 2008 के चुनाव में तो पहले स्थान पर राजेंद्रसिंह गुढ़ा और दूसरे नंबर पर विजेंद्रसिंह इंद्रपुरा दोनो राजपूत प्रत्याशी रहे हैं।