जयपुर : पेपरलीक के आरोपियों के यहां ईडी के छापे पड़ने के बाद सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ईडी के छापों पर केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि हम तो ईडी का इंतजार कर रहे थे, हम तो इनका स्वागत करेंगे। ईडी पॉलिटिकल टास्क लेकर आई है। मोदी-शाह की केंद्र सरकार चुनावों से पहले हर राज्य में ऐसा करती है, लेकिन बीजेपी को गलतफहमी निकाल देनी चाहिए। ईडी इनकम टैक्स से चुनाव नहीं जीते जाते हैं। चुनाव जीतने लोगों का दिल जीतना पड़ता है। डोटासरा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
डोटासरा ने कहा- हम तो काफी समय से इंतजार कर रहे थे, क्योंकि मोदी-अमित शाह की केंद्र सरकार हमेशा पॉलिटिकली चांस देख कर ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई का दुरुपयोग करती है। पहले उन्होंने कर्नाटक में किया, छत्तीसगढ़ में कर रहे हैं और अब राजस्थान में भी उन्होंने अपना खेल चालू कर दिया है। हम तो उनका स्वागत करेंगे, वे चाहे जो करें। जिस तरीके का पॉलिटिकल टास्क लेकर वह आएं हैं,वे जांच करें कोई घबराने वाला नहीं है।
ईडी-सीबीआई से चुनाव नहीं जीते जाते, जनता का दिल जीतना होता है
डोटासरा ने कहा- हम तो खुद चलकर कार्रवाई कर रहे हैं। हमारी सरकार के द्वारा नियुक्त किए हुए आरपीएससी सदस्य का जब पता चला उसनने बेईमानी की है, पेपर आउट किया है भ्रष्टाचार किया है तो उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा है। हमारी पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जले भेजा है, उसे ईडी ने थोड़े ही जेल भेजा है। अब राजनीतिक नौटंकी करेगी और पॉलिटिक्स करना है। हमारी जांच से संतुष्ट नहीं हो तो अलग बात होती ,लेकिन बीेजपी नेता तो साल भर से कह रहे थे कि ईडी आएगी और उन्हें गलतफहमी है कि राजस्थान में बीजेपी विधानसभा चुनाव जीत लेगी। बीजेपी को यह गलतफहमी निकाल देनी चाहिए, चुनाव जीतने के लिए जनता का दिल जीतना पड़ता है, जनता की सेवा करके और जनता के काम करके चुनाव जीता जाता है, इन संस्थाओं से चुनाव नहीं जीता जाता है।
पेपरलीक करने वालों को जेल भेज दिया, अब ईडी को क्यों घुसा रहे?
डोटासरा ने कहा- जिन्होंने पेपरलीक किया उन्हें गिरफ्तार कर लिया, जिनके खिलाफ जो कार्रवाई करनी थी वह कर दी गई। पेपरलीक करने वालों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया। फिर भी ये किस बेस पर ईडी को घुसा रहे हैं। फिर भी मैं कहना चाहता हूं, मैं तो स्वागत करता हूं कोई दिक्कत नहीं है। किसी ने कोई अपराध किया है कि उसको सजा मिलनी चाहिए। पर आप बताइए जब हमारी सरकार अच्छे से कार्रवाई कर रही है और उच्च पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, तो फिर इसके बाद में इनका क्या रोल है? समझ में नहीं आ रहा। यह चुनाव के लिए गेम नहीं खेलते? इमानदारी से कोई मामला बनता है तो बनाएं, किसी ने जमाखोरी की है, मनी लॉन्ड्रिंग की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें हमें दिक्तत नहीं है। ईडी के लोग पॉलिटिकली टास्क लेकर आए हैं उस पर अगर काम नहीं करेंगे तो हमें कोई तकलीफ नहीं है।
बीजेपी राज में एनएचएम घोटाला हुआ, उस वक्त ईडी क्यों नहीं आई?
बीजेपी नेताओं के बयानों पर पलटवार करते हुए डोटासरा ने कहा- राजेंद्र राठौड़ को तो बोलने का हक नहीं है, क्योंकि उनके स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उनके वक्त में तो एनएचएम घोटाला हुआ था। तब केंद्र में यही बीजेपी की सरकार थी, क्या आईडी आई थी? किस-किस के यहां क्या क्या मिला था, एक बार बता दीजिए। पिछले 5 साल में बीजेपी शासित राज्य में क्या भ्रष्टाचार की घटना नहीं हुई? क्या बीजेपी राज वाले एक भी प्रदेश में करप्शन का मामला नहीं है जिस पर ईडी जाए? केवल कांग्रेस शासित राज्यों में जहां पर सरकारें अच्छा काम कर रही है वहां ईडी भेज रहे हैं।
बीजेपी के नेता साल भर से ईडी का नाम लेकर डराने की कोशिश कर रहे थे
डोटासरा ने कहा- अब ये क्या करेंगे,जब आरपीएससी के मेंबर को हमारी सरकार ने बर्खास्त किया, हमारी सरकार ने उसको पकड़ा, उसके पैसे मिल गए कोई हमने छुपाया थोड़ी ही है। हमारी सरकार ने कुछ छुपाया नहीं तो फिर यह नौटंकी क्यों? फिर भी अगर किसी भी एजेंसी को लगता है कि कोई गड़बड़ है तो हमें जांच में कोई तकलीफ नहीं है। यह केवल पॉलिटिकली है, वह इसलिए है कि 12 महीने से बीजेपी के नेता कह रहे थे कि सबको डराने की चेष्टा कर रहे थे कि ईडी आ रही है अभी आ रही है। ईडी के अधिकारी भी एक सीमा तक आप उनको मिस यूज करने की बात कर सकते हो, लेकिन वो भी तो व्यक्ति हैं। वह भी अपने कानूनी सीमाओं में रहकर ही काम कर सकते हैं।
डोटासरा बोले- भजनलाल को जानता तक नहीं, हम नेताओं के साथ कोई भी फोटो खिंचवा सकता है
भजनलाल बिश्नोई के साथ डोटासरा की फोटो वायरल होने के सवाल पर कहा- अब तो ईडी आ गई है। अगर किसने गड़बड़ी की तो जेल की सलाखों में होगा। अगर फोटो से ही कोई अपराधी बनते हैं तो बनाओ ना अपराधी। हम तो नेता हैं, लाखों लोग मिलते हैं ,मेरे साथ किसकी कोई फोटो आई है, मैं तो किसी भजनलाल व्यक्ति के जानता नहीं और न मैंने जानने की चेष्टा की। बाबूलाल कटारा को भी मैं तो नहीं जानता था।