15 लाख हिंदू महिलाओं के अंडरगार्मेंट्स का डेटा चुराया: संजय सोनी, कंपनी को ब्लैकमेल कर धमकाया, क्रिप्टोकरेंसी में पैसे मांगता था

ऑनलाइन लेडीज अंडरगारमेंट बेचने वाली कंपनी जिवामी की वेबसाइट हैक कर 15 लाख हिंदू महिलाओं का पर्सनल डेटा चुरा लिया गया है। इसमें उनके मोबाइल नंबर, एड्रेस, जन्मतिथि, ईमेल आईडी और अंडर गारमेंट की साइज तक शामिल है। ये डेटा केवल जयपुर, जोधपुर या राजस्थान की महिलाओं का नहीं बल्कि देशभर का है।

इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया उदयपुर में बैठे एक युवक संजय सोनी ने। उसने अपने हैकर साथियों के साथ मिलकर न केवल डेटा चुराया बल्कि लगातार कंपनी को डेटा की एवज में पैसे देने के लिए ब्लैकमेल कर रहा था।

सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि हैकर ने खुद इन डेटा के स्क्रीनशॉट ट्विटर पर डाले और दावा किया कि किसी ने भारतीय हिंदू महिलाओं के डेटा चुराकर मुस्लिम कंट्री में बेच दिए हैं।

ट्वीट में हैकर हिंदू महिलाओं को सतर्क रहने की नसीहत भी दे रहा था, लेकिन इसी दौरान हैकर दो गलतियां कर बैठा। सुराग मिलते ही राजस्थान SOG ने हैकर को दबोच लिया।

राजस्थान में पहली बार हुए इस तरह के हैकिंग कांड  हुआ  है 

खुद को सोशल मीडिया पर राष्ट्रवादी छवि बनाने वाला संजय सोनी खुद डेटा चुराता था? कंपनियों को ब्लैकमेल कर कर क्रिप्टोकरेंसी में पैसे वसूलता था?

आरोपी संजय सोनी ने खुद इन डेटा के स्क्रीनशॉट ट्‌विटर पर डाले और दावा किया कि किसी ने भारतीय हिंदू महिलाओं के डेटा चुराकर मुस्लिम कंट्रीज में बेच दिए हैं।

सबसे पहले वो ट्‌वीट पढ़िए…

पहला ट्‌वीट

‘प्रिय जिवामी

आपने 15 लाख हिंदू लड़कियों की डिटेल से समझौता किया है, जिसमें उनके नाम, मोबाइल नंबर, प्रोफेशन, पता और उनके ऑनलाइन ऑर्डर की डिटेल शामिल हैं। ये सभी डिटेल पहले ही मुसलमानों को साझा कर दिए गए हैं। क्या आप चाहते हैं कि आपके असुरक्षित सर्वर के कारण हिंदू लड़कियां प्रभावित हों ?

मेरे सभी वकील दोस्त इस कंपनी पर मुकदमे करें। इसने हिंदू लड़कियों के पर्सनल डेटा से कॉम्प्रोमाइज किया है। सबूत के तौर पर कुछ सैंपल पोस्ट कर रहा हूं।

प्रिय महिलाओं अब आपका डेटा सुरक्षित नहीं है क्योंकि ये पहले ही मुस्लिम डोमिनेंट ग्रुप्स में सर्कुलेट हो गया है। इस कंपनी की प्रत्येक लेडी यूजर को इस पर एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए। इसके अलावा बाकी सभी डिटेल्स दिल्ली में कपिल मिश्रा को भी शेयर कर दी गई है। सभी लड़कियां सुरक्षित रहें।’

(16 मई 2023 को दोपहर 12:41 बजे @Cyber_Huntss नाम के ट्‌विटर अकाउंट से अंग्रेजी ये ट्‌वीट किया गया)

दूसरा ट्‌वीट पढ़िए…

‘सभी हिन्दू सनातनी भाइयो और बहनों,

40 लाख हिन्दू लड़कियों के डेटा हैं, जो डार्क वेब, डीप वेब, मुस्लिम देशों में बेचे जा चुके हैंं।

पढ़कर और लोगों तक पहुंचने की जिम्मेदारी आपकी, मैंने मेरा कर्तव्य निभाया।

अपनी सुरक्षा अपनी जिम्मेदारी होती हैं, आप लोग कही भी जाते हैं कोई आपसे नंबर और ईमेल ID मांगता हैं तो दे देते हैं, आप बिना जाने सोचे समझे। लेकिन इसका नुकसान कैसे होता हैं वो आप इस ट्‌वीट में देखें।

आप लोगों को सुरक्षित रखना देश में रहने वाले हर नागरिक का कर्तव्य हैं और उम्मीद हैं कि मैं आप लोगों को थोड़ा तो जागरूक कर रहा हूं कि सुरक्षित रहिए।

आपकी स्कूल, कॉलेज, रेलवे की जानकारी जो लीक हुई हैं, उसके कुछ फोटो दाल रहा हूं। देख के विचार करिएगा कि क्या हम बारूद पर बिठा रहे हैं अपनी बेटियों को?

आप जितने समझदार सोशल मीडिया पर हैं, उससे ज्यादा स्मार्ट आपसे वो लोग हैं, जो आपकी गोपनीय जानकारियां साझा कर रहे हैं। उन लोगों को जो आपको लव जिहाद, किडनैपिंग, रेप, एसिड अटैक जैसी मुसीबतों में डालती हैं।

एकदम से लव जिहाद के मामले बढ़ने का कारण किसी ने जान पाया कि क्यों हिन्दू लड़कियां ही हमेशा टारगेट होती हैं? कैसे जिहादियों को लड़कियों के नंबर अचानक से मिल जाते हैं? अब नीचे दिए इन स्क्रीनशॉट्स में देखिए ऐसा क्यों होता हैं?

95% शिकार सिर्फ हिन्दू लड़कियां हैं।

(ये ट्‌वीट 25 मई 2023 को सुबह 9.44 बजे @Cyber_Huntss ट्विटर प्रोफ़ाइल से किया गया। इसमें भारतीय रेलवे (IRCTC) को भी टैग किया गया। ट्वीट के साथ लड़कियों के पर्सनल डेटा वाली कुछ एक्सेल फाइल्स के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए गए।)

स्क्रीनशॉट में भारत के हर स्टेट की महिलाओं का डेटा

@Cyber_Huntss ट्विटर अकाउंट से जो स्क्रीनशॉट शेयर किए, उसमें भारत के लगभग हर बड़े शहर की महिलाओं के पर्सनल डेटा दिखाई दे रहा है। एक्सल फाइल में जयपुर गर्ल्स, दिल्ली और अन्य शहरों के नाम व स्टेट के नाम से डेटा के फोल्डर बने हुए थे। वहीं कई लड़कियों के नाम, मोबाइल नंबर, घर का पता, जन्मतिथि, प्रोफेशन, ईमेल आईडी और उनके अंडरगार्मेंट्स की साइज तक लिखी हुई थी।

ये दोनों ही पोस्ट ऐसी थी कि जिसने सभी को डरा दिया। हर कोई ये जानना चाहता था कि क्या वाकई ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर, रेलवे और स्कूल कॉलेज की वेबसाइट्स से हिंदू महिलाओं का डेटा चोरी कर मुस्लिम कंट्रीज में बेचा जा रहा है?

रेलवे ने दिया जवाब, यूजर्स का डेटा सुरक्षित बताया

25 मई को ही दोपहर 12 बजकर 8 मिनट पर रेलवे ने अपने ट्‌विटर अकाउंट IRCTC से जवाब देकर बताया कि ‘ 25 मई 2023 को सुबह 9.44 बजे @Cyber_Huntss ट्विटर प्रोफ़ाइल से एक पोस्ट के स्क्रीनशॉट में दिया गया डेटा IRCTC से संबंधित नहीं है और IRCTC यूज़र्स का डेटा पूरी तरह से सुरक्षित है।

रेलवे ने अपने ट्‌विटर अकाउंट IRCTC से जवाब देकर बताया कि उनके यूजर्स का डेटा सुरक्षित है।
रेलवे ने अपने ट्‌विटर अकाउंट IRCTC से जवाब देकर बताया कि उनके यूजर्स का डेटा सुरक्षित है।

 

लेडीज अंडरगार्मेंट्स कंपनी ने SOG में दी ब्लैकमेलिंग की शिकायत

इस बीच जिवामी कंपनी ने राजस्थान SOG के सायबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत देकर बताया कि उनकी कंपनी लेडीज अंडरगार्मेंटस का ईकॉमर्स व्यापार करती है। जयपुर में भी कंपनी का शोरूम है। इस कंपनी की देश भर में 92 लाख महिलाएं ऑनलाइन ग्राहक हैं। 24 अप्रैल को कंपनी के ऑफिशियल मेल आईडी पर एक शख्स ने मेल कर बताया कि उसने हमारे कंपनी सर्वर को हैक करके 92 लाख महिला ग्राहकों में से 15 लाख का डेटा चोरी कर लिया है।

इस पर कंपनी ने ध्यान नहीं दिया तो इसके बाद 16 मई 2023 को दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर @Cyber_Huntss नाम के ट्विटर अकाउंट से ट्‌वीट किया गया कि- हमारी कंपनी से 15 लाख हिंदू महिलाओं का डेटा चोरी हो गया है और उस डेटा को इस्लामिक देशों व मुस्लिमों को बेचा जा रहा है।

इसके बाद 24 मई को कंपनी की मेल आईडी पर एक दूसरे मेल आईडी से मेल रिसीव हुआ। इसमें कहा गया कि आपकी कंपनी की लापरवाही और सिस्टम की कमजोरी के कारण लाखों हिंदू महिलाओं का डेटा उठा लिया है। इसके साथ ही धमकियां देते हुए कंपनी से रुपयों की डिमांड भी की गई।

कंपनी ने SOG को बताया कि @Cyber_Huntss नाम के ट्विटर प्रोफ़ाइल से कंपनी का डेटा चुराकर ब्लैकमेल किया जा रहा है और इंटरनेट पर इसे हिंदू-मुस्लिम एंगल देकर साम्प्रदायिक सौहार्द भी बिगाड़ा जा रहा है। इन हरकतों से कंपनी की छवि को भी नुकसान हो रहा है।

ऑनलाइन लेडीज अंडरगारमेंट बेचने वाली जिवामी कंपनी की वेबसाइट हैक कर 15 लाख महिलाओं की निजी जानकारी चुराई गई थी।
ऑनलाइन लेडीज अंडरगारमेंट बेचने वाली जिवामी कंपनी की वेबसाइट हैक कर 15 लाख महिलाओं की निजी जानकारी चुराई गई थी।

उदयपुर से ऑपरेट हो रहा था ट्‌विटर अकाउंट

राजस्थान SOG ने सायबर क्राइम पुलिस स्टेशन जयपुर में मामला दर्ज कर जांच शुरू की तो सामने आया कि @Cyber_Huntss नाम का ट्‌विटर प्रोफाइल उदयपुर से ऑपरेट किया जा रहा था। SOG सायबर क्राइम पुलिस स्टेशन की CI पूनम कुमारी ने कार्रवाई करते हुए 30 मई को उदयपुर से एक लड़के संजय सोनी को उठा लिया।

संजय खुद को हिंदूवादी बताता था। इससे जुड़े कई पोस्ट भी करता था। ऐसे में थोड़ी ही देर में SOG का एक्शन ट्विट्टर ट्रेंड में आ गया। यहां तक कि भाजपा के प्रदेश महामंत्री लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने भी SOG की कार्रवाई को लेकर ट्‌वीट किया और राजस्थान पुलिस से मामले की जानकारी मांग ली। इसके बाद SOG की तरफ से ट्‌वीट कर बताया गया कि एक मुकदमे में आरोपी संजय सोनी को 30 मई को उदयपुर से गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी संजय ने @Cyber_Huntss नाम से ट्‌विटर अकाउंट बना रखा है।
आरोपी संजय ने @Cyber_Huntss नाम से ट्‌विटर अकाउंट बना रखा है।

जांच में खुलासा, संजय ने चुराया डेटा

CI पूनम कुमारी ने भास्कर को बताया कि SOG की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि उदयपुर का रहने वाला संजय सोनी टेलीग्राम पर एक हैकर्स ग्रुप का एक्टिव मेंबर है। ‘वी लीक्स डेटा’ नाम के टेलीग्राम ग्रुप में कुल 240 मेंबर है। इस ग्रुप में अलग-अलग कंपनियों और ग्रुप्स के लीक्ड डेटा सभी आपस में शेयर करते है।

इसी टेलीग्राम ग्रुप में आए जिवामी कंपनी के महिला ग्राहकों के डेटा लेकर संजय अपने हैकर साथियों के साथ कंपनी को ब्लैकमेल कर रहा था। सोशल मीडिया पोस्ट कर मामले को धार्मिक रंग दे रहा था।

CI पूनम कुमारी ने बताया कि पड़ताल में ये भी पता चला है कि हैकर्स ग्रुप ने एक कंपनी को ब्लैकमेल कर 1500 डॉलर भी वसूले थे। इनमें से करीब एक हजार डॉलर संजय सोनी के खाते में भी जमा हुए हैं। वहीं बाकी 500 डॉलर दूसरे आरोपी के खाते में जमा हुए हैं।

‘वी लीक्स डेटा’ नाम के टेलीग्राम ग्रुप से संजय जुड़ा हुआ है। जिसमें कुल 240 मेंबर हैं।

ब्लैकमेल कर 3100 डॉलर वसूले

CI पूनम कुमारी ने बताया कि कंपनी को कई बार ब्लैकमेल किया गया। कंपनी से इन्होंने ब्लैकमेलिंग कर क्रिप्टो करेंसी में रुपए लिए। सबसे पहले कंपनी ने 1500 डॉलर देकर पीछा छुड़ाना चाहा। लेकिन संजय शातिर है, जैसे ही कंपनी से 1500 डॉलर मिले, उसने अगले दिन एक और ट्वीट किया और ब्लैकमेलिंग जारी रखी।

कंपनी से हैकर्स ने 3 बार 300-300 डॉलर और एक बार हजार डॉलर लिए। यानी कुल 3100 डॉलर वसूले गए। इसमें से 1 हजार डॉलर संजय के खाते में जमा हुए। बाकी राशि दूसरे हैकर्स के खाते में डाली गई।

CI पूनम कुमारी ने बताया कि 31 मई को आरोपी संजय सोनी को जयपुर के बनीपार्क स्थित सेशन कोर्ट में पेश किया गया था। जहां से उसे 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। आरोपी के लेपटॉप, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स खंगाले जा रहे हैं। वहीं आरोपी से हैकर्स गैंग को लेकर भी पूछताछ चल रही है। जल्द ही पूरा खुलासा किया जाएगा।

BCA ग्रेजुएट, 3 साल खाड़ी देशों में नौकरी भी कर चुका

SOG की इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि आरोपी संजय सोनी पुत्र श्यामसुंदर सोनी ने उदयपुर के एक प्राइवेट कॉलेज से BCA किया था। इसके बाद ये गल्फ कंट्रीज में नौकरी करने चला गया। वहां ये 3 साल तक रहा। इसके बाद वापस उदयपुर आ गया। इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि यहां इसके भाई और पिता पर कुछ कर्जा है।

भारत आने के बाद संजय ने सोशल मीडिया पर खुद को राष्ट्रवादी-हिंदूवादी साबित करना शुरू कर दिया। कई मुस्लिम संगठनों और उनसे जुड़े लोगों से ट्विटर पर बहस करता रहता। संजय पर लखनऊ सहित राजस्थान में कुल 4 अलग-अलग आपराधिक मामले दर्ज हैं।

ऐसे कसा हैकर पर शिकंजा
टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन में SOG को जब ये क्लियर हो गया कि ब्लैकमेलिंग के इस खेल में उदयपुर के रहने वाले संजय सोनी का हाथ है तो उसे जांच में बुलाने के लिए उदयपुर ATS को इन्फॉर्म किया गया। संजय की लोकेशन उदयपुर के एक निजी हॉस्पिटल के पास आ रही थी। ऐसे में तुरंत ही उदयपुर ATS टीम ने कार्रवाई करते हुए उसे वहां से पकड़ लिया।

इसके बाद टीम उसे लेकर उसके घर गई और संजय के पिता श्यामसुंदर सोनी को कार्रवाई की जानकारी दी। बताया गया कि संजय के खिलाफ SOG में जांच चल रही है तो इसे जयपुर ले जाया जा रहा है।

ATS टीम ने संजय को जयपुर लाकर SOG के सुपुर्द कर दिया, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जयपुर में संजय को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया।

रिमांड पूरा होने के बाद शनिवार को ही संजय सोनी को दुबारा जयपुर स्थित बनी पार्क सेशन कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। SOG ने कोर्ट को बताया कि इंवेस्टीगेशन में आरोपी संजय सोनी के खिलाफ सभी जुर्म प्रमाणित हो गए हैं।

उसके अकाउंट में फंड रिसीव होने के प्रूफ भी मिल गए हैं, वहीं उसके मोबाइल में कई अलग-अलग दूसरी कंपनियों के भी डाटा पाए गए हैं।

इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि ये पूरी गैंग इंटरनेट पर हैकिंग कर कंपनियों के डेटा चुराती और इसके बाद इन डेटा को पब्लिकली वायरल करने के नाम पर ब्लैकमेल करती है।

कंपनी जब इनकी बात नहीं मानती तो ये इंटरनेट पर कम्युनल एंगल देकर कंपनियों की छवि बिगाड़ते और उसे अपनी डिमांड पूरी करने पर मजबूर कर देते हैं।

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