झुंझुनूं : हाथी घास के नाम से मशहूर नेपियर घास को बढ़ावा देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। कृषि विभाग घास की प्रदर्शनी लगाएगा। यह घास ना केवल पशुओं में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाती है बल्कि, इससे पशुओं का स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है। कृषि विभाग की ओर से मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2023-24 की अनुपालना में राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन के तहत जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में नेपियर घास के दो प्रदर्शन प्रगतिशील पशुपालकों के यहां 0.1 हैक्टेयर भूमि पर लगाया जाएगा। इससे पशुओं के लिए हरे चारे की उपलब्धता बढ़ेगी और दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा। विभाग घास की कटिंग पर कृषक को 0.1 हैक्टेयर पर 10,000 रुपए प्रति प्रदर्शन अनुदान देगा। संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार रामकरण सिंह ने बताया कि प्रदर्शन आयोजन के लिए प्रगतिशील पशुपालक कृषकों का चयन राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से संबंधित कृषि पर्यवेक्षक अथवा सहायक कृषि अधिकारी द्वारा जन आधार कार्ड का उपयोग करते हुए किया जाएगा। इसके पश्चात चयनित कृषक अधिकृत कृषक अथवा संस्था से रोपण सामग्री प्राप्त कर उपयोग में लेगा तथा भौतिक सत्यापन के उपरांत अनुदान राशि का भुगतान कृषक के खाते में कर दिया जाएगा।
नेपियर घास का बीज नहीं
नेपियर घास बोने के लिए इसके डंठल को काम में लिया जाता है जिसे नेपियर स्टिक कहा जाता है। स्टिक को खेत में डेढ़ से दो फिट की दूरी पर रोपा जाता है। एक बीघा में करीब 4 हजार डंठल की आवश्यकता होती है। इसे जुलाई-अक्टूबर एवं फरवरी-मार्च में बोया जा सकता है।
नेपियर स्टिक से भी मुनाफा पशुपालक नेपियर घास लगाकर उससे प्राप्त होने वाली स्टिकस (रोपण समाग्री) को अगले सीजन में अन्य पशुपालकों को बेचकर अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते हैं। नेपियर घास की पौष्टिकता अन्य सभी घासों की तुलना में सर्वाधिक होती है, इससे पशुधन को दुग्ध उत्पादक क्षमता में 50 फीसदी वृद्धि होती है तथा यह बहुवर्षीय घास हेने के कारण पूरे वर्षभर हरे चारे की कमी की समस्या से पशुपालकों को जूझना नही पड़ता।
गोशाला को भी मिलेगा लाभ जिन गोशालाओं में चारा उत्पादन करने की सुविधा है एवं सिंचाई के पर्याप्त साधन है उन गोशालाओं के पदाधिकारी भी अपने जन आधार से नेपियर घास के प्रदर्शन लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।