विश्व तम्बाकू निषेध दिवस : विश्व तम्बाकू निषेध दिवस आज:- डॉ कैलाश राहड

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल 

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस : विश्व तम्बाकू निषेध दिवस प्रत्येक वर्ष 31 मई को मनाया जाता है। यह पहल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा 1987 में तंबाकू की महामारी की ओर सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए की गई थी। इसके अलावा, इस दिन का उद्देश्य तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में आम जनता में जागरूकता फैलाना है।

इस दिवस की हर साल एक अलग थीम होती है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2023 की इस वर्ष की थीम है “हमें भोजन चाहिए, तंबाकू नहीं”, जिसका उद्देश्य तंबाकू उत्पादन करने वाले किसानों के लिए वैकल्पिक फसल उत्पादन और विपणन के अवसरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें टिकाऊ और पौष्टिक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

1. तम्बाकू :

  • एक प्रकार की निकोटियाना प्रजाति के पौधों के पत्तों को सुखाकर नशा करने का पदार्थ है।
  • तम्बाकू एक मीठा जहर है, इससे धीरे-धीरे मरीज की जान पर खतरा मंडराने लगते हैं।
  • सरकारे भी इस बात से आंखे मूंदे बैठी हैं कि तम्बाकू के राजस्व से होने वाली आय से कहीं ज्यादा खर्चा तम्बाकू से होने वाले रोगों के इलाज पर खर्च होता है।

A. तम्बाकू सेवन के प्रकार:
(क). तम्बाकू वाला पान, पान-मसाला, खैनी
(ख) तम्बाकू धूम्रपान: बीड़ी, सिगरेट, सिगार ,चिलम, हुक्का

(B). तम्बाकू धूम्रपान दो प्रकार से होता है :
(1) Active smoking: धूम्रपान करने वाले व्यक्ति
(2)Passive smoking: धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के पास बैठे व्यक्ति, घर के सदस्य
passive smoking सेहत के लिए ज्यादा खतरनाक होती है।

(C). ततम्बाकू में पाए जाने वाले हानिकारक पदार्थ :
(क) निकोटिन
(ख) कार्बन मोनोऑक्साइड गैस
(ग) तम्बाकू में कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ: टार,मार्श गैस, अमोनिया, कोलोडान, पापरीडिन,परफैरोल, बेनजिन, कार्बोलिक एसिड, एजालिन सायनोजोन

(D) तम्बाकू के दुष्प्रभाव:
(क) मुंह के रोग: सफेद दाग ,मुंह नहीं खुलना,मुंह का कैंसर
(ख) ह्रदय की नसों में रुकावट, दिल का दौरा पड़ना
(ग )ब्लड प्रेशर का बढ़ना,स्ट्रोक(लकवा)
(घ) श्वास की बीमारी copd (दमा) एव bronchitis( ब्रोंकाइटिस)
(ड़) फेफड़ों का कैंसर,रक्त कैंसर,पेट व आंत का कैंसर
(च) नशे की बुरी आदत,नींद नहीं आना, बेचैनी रहना
(छ) डिमेंशिया मेमोरी कमजोर होना

(E) धूम्रपान रोकने के लिए सरकार की नीति:
(क) COTPA 2003 : CIGRATE AND OTHER TABACOO PROCDUCTS ACT 2003
(ख) राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP)

(F) भारत में तम्बाकू सेवन की स्थिति:
(क) भारत में 35% युवा तम्बाकू का सेवन करते हैं।
(ख) भारत में 290 मिलियन लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं।
(ग) तम्बाकू के सेवन से हर वर्ष तम्बाकू सेवन करने वालो में से 10 में से कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो जाती है।

G. तम्बाकू सेवन का इलाज :

1. निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी:
निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी मुख्य रूप से निकोटीन की लत के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। यह गोंद, स्प्रे, एक पैच, लोज़ेंज और इनहेलर के रूप में उपलब्ध है। निकोटीन प्रतिस्थापन उत्पाद वापसी के लक्षणों को रोकने के लिए पर्याप्त निकोटीन की आपूर्ति करते हैं और इसलिए पुनरावृत्ति को रोकते हैं। प्रिस्क्रिप्शन दवाएं जैसे bupropion और वैरेनिकलाइन टार्ट्रेट उन लोगों के लिए प्रभावी रहा है जो निकोटीन छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

2. व्यवहार उपचार:
व्यवहार उपचार में उच्च जोखिम वाली स्थितियों पर काबू पाने के लिए मनोवैज्ञानिक सहायता और कौशल प्रशिक्षण शामिल है।

H. तंबाकू का सेवन बंद करने के फायदे:

तम्बाकू का प्रयोग बंद करना उन सर्वोत्तम कार्यों में से एक है जो व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को सुधारने और तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए कर सकते हैं। तम्बाकू छोड़ने के फायदे हैं:

  1. कैंसर का खतरा कम: विभिन्न प्रकार के कैंसर, जैसे फेफड़े, गले, मुंह, मूत्राशय, गुर्दे और अग्न्याशय के कैंसर के लिए तम्बाकू का उपयोग एक प्रमुख जोखिम कारक है। तम्बाकू छोड़ने से इस प्रकार के कैंसर के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है।
  2. फेफड़े की कार्यक्षमता में सुधार: तंबाकू का उपयोग फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और अन्य श्वसन स्थितियों को जन्म दे सकता है। तंबाकू छोड़ने से फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार हो सकता है और श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।
  3. बेहतर हृदय स्वास्थ्य: तंबाकू का उपयोग स्ट्रोक, हृदय रोग और अन्य हृदय संबंधी स्थितियों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है। तम्बाकू छोड़ने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और इन स्थितियों के विकसित होने का जोखिम कम हो सकता है।
  4. समयपूर्व मृत्यु दर का कम जोखिम: तम्बाकू का उपयोग समयपूर्व मृत्यु दर के काफी अधिक जोखिम से जुड़ा है। तम्बाकू छोड़ने से अकाल मृत्यु का जोखिम कम हो सकता है और समग्र जीवन प्रत्याशा में सुधार हो सकता है।
  5. जीवन की बेहतर गुणवत्ता: तम्बाकू का उपयोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक कल्याण पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। तम्बाकू छोड़ने से जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है और एक स्वस्थ, अधिक संतुष्ट जीवन की ओर ले जा सकता है।

आइए हम तंबाकू मुक्त वातावरण बनाएं ताकि आने वाली पीढ़ियां खुशी से जी सकें!

एक्सपर्ट : डॉ कैलाश राहड़, सीनियर फिजिशियन एवं मेडिसिन विभागाध्यक्ष, बी डी के ज़िला अस्पताल, झुंझुनूं

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