गहलोत-पायलट आए साथ, दोनों नेताओं ने फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया, पायलट नहीं करेंगे आंदोलन

सोमवार रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक के बाद कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल मीडिया से रूबरू हुए। साथ में गहलोत और पायलट भी मौजूद रहे। वेणुगोपाल ने स्पष्ट किया कि गहलोत- पायलट दोनों साथ मिल कर ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। जो इश्यू थे, वो सुलझा लिए गए हैं। फैसला कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ दिया गया है।

कांग्रेस हाईकमान ने आखिरकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट को बीच का रास्ता निकालकर मना ही लिया है। सीएम गहलोत से बड़ा दिल रखने को कहा गया वहीं पायलट को भी आश्वासन दिया गया कि उन्हें आगामी दिनों में अहम जिम्मेदारी दी जाएगी। हालांकि पूरे फार्मूले का खुलासा मीडिया के सामने नहीं किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मिले। इसके बाद सचिन पायलट से खड़गे की मुलाकात हुई।  बैठकों में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी  और राजस्थान प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा भी मौजूद रहे। जिसके बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा – “सभी मसले सुलझा लिए गए हैं। अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों नेता मिलकर चुनाव लड़ेंगे। दोनों नेताओं ने फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया है।”

इस दौरान सीएम गहलोत और विधायक सचिन पायलट भी वेणुगोपाल के दोनों ओर मौजूद रहे। दोनों के चेहरे पर थकावट भी नज़र आई। लेकिन गहलोत-पायलट मीडिया से कुछ नहीं बोले। सूत्रों बताते हैं कि  बैठक में निर्णय लिया गया है कि अशोक गहलोत ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। कांग्रेस प्रदेश संगठन और मंत्रिमंडल में बदलाव किया जाएगा।  सचिन पायलट को अहम जिम्मेदारी दी जाएगी। सचिन पायलट को सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस सरकार के खिलाफ नहीं बोलने की हिदायत भी दे दी गई।

सचिन पायलट ने अब नहीं करेंगे आंदोलन 
सचिन पायलट ने पिछले दिनों अजमेर से जयपुर तक जनसंघर्ष यात्रा निकालकर सरकार को घेरा था। 30-31 मई को सचिन पायलट का 15 दिन का अल्टीमेटम भी खत्म हो रहा है। लेकिन अब सचिन पायलट ने पार्टी हाईकमान को स्पष्ट कर दिया है कि वह आंदोलन नहीं करेंगे।

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बतादें कि इससे पहले ये बैठक 24-25 मई को प्रस्तावित थी, जिसे रिशेड्यूल कर 26 मई दोपहर बाद रखा गया था। लेकिन, 25 मई को एक बार फिर इस बैठक में बदलाव किया गया। इसके बाद आज सोमवार 29 मई के ये बैठक हो रही है।

सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस की हर संभव कोशिश है कि सचिन पायलट को संतुष्ट कर शांत किया जाए, ताकि चुनाव से पहले पार्टी को नुकसान ना हो। अगर, पायलट नहीं मानते हैं और अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। पायलट को पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है।

31 मई को पूरा होगा सचिन पायलट का अल्टीमेटम 
बीते दिनों अजमेर आरपीएससी से लेकर जयपुर तक जन संघर्ष यात्रा निकालने के बाद जयपुर के भांकरोटा में हुई बड़ी जनसभा में सचिन पायलट ने सीएम गहलोत से तीन मांगें रखी थीं। इसके लिए उन्होंने 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था, जिसकी मियाद 31 मई को पूरी हो रही है। सभा में पायलट और उनके खेमे के कांग्रेस विधायकों ने एलान कर दिया था कि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम प्रदेश भर में गांव-ढाणी तक जाकर आंदोलन करेंगे।

सचिन पायलट मांगें…

  • राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को भंग कर इसका पुनर्गठन किया जाए। नई एजेंसी में राजनीतिक नियुक्तियों की जगह शिक्षाविद, प्रोफेसर, वैज्ञानिक जैसे योग्य और प्रतिष्ठित पदाधिकारियों को शामिल किया जाए।
  • सरकारी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों से प्रभावित कैंडिडेट्स को आर्थिक मुआवजा दिया जाए। उनका जो खर्चा हुआ है, वह पैसा वापस लौटाया जाए।
  • भाजपा की पिछली वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों की उच्च स्तरीय जांच की जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच हो।

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