राजस्थान कांग्रेस में एक दूसरे के विरोधी माने जाने वाले अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक बार फिर साथ आ गए हैं। छह महीने में पायलट और गहलोत की ये दोस्ती दूसरी बार हुई है। इससे पहले 29 नवंबर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले दोनों ने मिलकर काम करने का फैसला किया था। लेकिन, राजस्थान से भारत जोड़ो यात्रा गुजरने के बाद एक फिर दोनों के बीच तल्खी देखने को मिल रही थी। उसके बाद से दोनों नेता एक दूसरे खिलाफ जमकर बयान दे रहे थे और आरोप भी लगा रहे थे।
सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ 4 घंटे तक लंबी बातचीत की। इस बैठक में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे। लंबी चर्चा के बाद दोनों नेताओं ने तय किया है कि वे एकसाथ मिलकर राजस्थान का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
29 नवंबर को हुआ था समझौता
29 नवंबर को दिल्ली में हुई बैठक के बाद केसी वेणुगोपाल अशोक गहलोत और पायलट को साथ में बाहर लेकर आए थे। इस दौरान उन्होंने एकजुटता दिखाने के लिए गहलोत और पायलट के हाथ भी उठा दिए थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी में सबकुछ ठीक होने का संदेश देते हुए कहा था कि दिस इज राजस्थान (यह राजस्थान है)।
साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव
29 मई को भी केसी वेणुगोपाल बैठक के बाद गहलोत और पायलट को साथ लेकर बाहर आए। इस दौरान उनके साथ राजस्थान कांग्रेस प्रभारी खविंदर सिंह रंधावा भी मौजूद थे। मीडियो से बात करते हुए केसी वेणुगोपाल ने कहा- “सभी मसले सुलझा लिए गए हैं। अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों नेता मिलकर चुनाव लड़ेंगे। दोनों बीजेपी के खिलाफ लड़ेंगे और हम जीतेंगे। वेणुगोपाल ने कहा कि दोनों नेताओं ने फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया है।”