NITI Aayog meeting: नई संसद में पहले ही बिल पर हारेगी सरकार! मुख्यमंत्रियों के बहिष्कार से पैदा हुए नए समीकरण

नई दिल्ली : नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक नई दिल्ली के प्रगति मैदान के नए कन्वेंशन सेंटर में सम्पन्न हो गई है। इस बैठक की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी ने की। बैठक का विषय ‘विकसित भारत @2047: रोल ऑफ टीम इंडिया’ है। नीति आयोग की बैठक में 10 मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए। जिनमें पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, बिहार के नीतीश कुमार, तेलंगाना के के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के एमके स्टालिन, राजस्थान के अशोक गहलोत, केरल के पिनाराई विजयन हैं। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब सीएम भगवंत मान ने सीधे तौर पर नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया है। इसके अलावा दो सीएम ओडिशा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी इस बैठक में शामिल नहीं हो सकें। नीति आयोग की बैठक में कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया। ये सीएम नीति आयोग की बैठक में क्यों शामिल नहीं हुए, यह जानना बेहद जरूरी है।

बैठक में शामिल न होने वाले दस सीएम के नाम

नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने वाले मुख्यमंत्रियों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, तेलंगाना मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, केरल मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, ओडिशा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया हैं। आप शासित दो राज्यों-पंजाब और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की है। अन्य राज्यों ने इसमें शामिल नहीं होने के कई कारण बताए हैं।

1. अरविंद केजरीवाल

बैठक का बहिष्कार करने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, जब केंद्र खुले तौर पर सहकारी संघवाद का मजाक उड़ा रहा है तो इस बैठक में शामिल होने का क्या फायदा है? पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में सीएम केजरीवाल ने कहा कि वह 19 मई के ‘अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक’ अध्यादेश के विरोध में बैठक का ‘बहिष्कार’ कर रहे हैं, जिसने उपराज्यपाल के तहत केंद्र को राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं पर नियंत्रण बहाल किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को प्रभावी ढंग से रद्द कर दिया। जिसने पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर सेवाओं का नियंत्रण निर्वाचित सरकार को सौंप दिया।

2. भगवंत मान

पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फंड्स देने के मुद्दे पर केंद्र द्वारा राज्य के साथ कथित भेदभाव के विरोध में नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए। आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 3,600 करोड़ रुपए बकाया ग्रामीण विकास कोष (RDF) जारी करने की मांग को केंद्र के समक्ष उठाया है, पर केंद्र इस पर विचार कर रहा है।

इस बीच, सीएम केजरीवाल और सीएम मान दोनों राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश का विरोध करने के लिए बीआरएस से समर्थन लेने के लिए शनिवार को हैदराबाद पहुंचे।

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3. ममता बनर्जी

नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल का कोई प्रतिनिधि नहीं है। राज्य के वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और मुख्य सचिव को भेजने के टीएमसी सरकार के अनुरोध को केंद्र ने ठुकरा दिया था, जिसमें जोर देकर कहा गया था कि ममता बनर्जी इस कार्यक्रम में शामिल हो सकती हैं। पर ममता बनर्जी पहले ही नीति आयोग बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला कर चुकी हैं।

4. नीतीश कुमार

बिहार कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा कि नीतीश कुमार ने पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण उपस्थित होने में असमर्थता व्यक्त की। अगर कोई और उनकी जगह ले सकता है तो उन्हें केंद्र सरकार से वापस सुनना होगा। नीतीश ने कहा कि नई संसद की क्या जरूरत थी? पहले की इमारत एक ऐतिहासिक थी। मैंने बार-बार कहा है कि सत्ता में बैठे लोग इस देश के इतिहास को बदल देंगे। आज नीति आयोग की बैठक और कल नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होने का कोई मतलब नहीं था।

5. के चंद्रशेखर राव

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) अध्यक्ष और तेलंगाना सीएम भी बैठक में शामिल नहीं हुए। शनिवार को हैदराबाद में सीएम केजरीवाल के साथ बैठक है। यह बैठक सेवाओं के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल के एक अभियान का हिस्सा है। जिसके लिए वह संसद में विधेयक के रूप में आने वाले अध्यादेश को रोकने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं से उनका समर्थन मांग रहे हैं।

6. एमके स्टालिन

तमिलनाडु सीएम सिंगापुर और जापान के दौरे पर हैं। तो इसलिए वह बैठक में शामिल नहीं हो पाएं।

7. अशोक गहलोत

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने बैठक में शामिल नहीं होने की वजह खराब स्वास्थ्य बताया है।

8. पिनरई विजयन

केरल सीएम पिनाराई विजयन ने अपनी अनुपस्थिति का कोई विशेष कारण नहीं बताया है।

9. कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया

कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के राज्य में नया कैबिनेट गठित हो रहा है। विधायक, मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। इस वजह से वह बैठक में शामिल नहीं हुए।

10. नवीन पटनायक

ओडिशा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी नीति आयोग की बैठक में शामिल न हो सके। वजह थी कि राज्य में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था। जिसमें शामिल होना जरूरी था।

NITI Aayog क्या है जानें?

NITI Aayog सरकार का थिंक टैंक और प्रधान मंत्री की अध्यक्षता वाली गवर्निंग काउंसिल संस्था है। इसे योजना आयोग के स्‍थान पर बनाया गया है। सभी राज्यों के सीएम व केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर, वित्त और वाणिज्य मंत्री सहित कई केंद्रीय मंत्री परिषद के सदस्य हैं। परिषद की आठवीं बैठक महत्वपूर्ण है। इसमें देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के मुद्दे पर चर्चा होगी। क्षेत्र के विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए गति शक्ति भी एजेंडे में हैं।

इन आठ विषयों पर होगा मंथन

इस बैठक में आज आठ प्रमुख विषयों पर चर्चा की जाएगी। विज्ञान भवन में होने वाली ये बैठक एमएसएमई, बुनियादी ढांचे और निवेश, अनुपालन को कम करने, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए होनी है। अधिकारियों के मुताबिक यह बैठक विकसित भारत पर चर्चा करने वाली थी।

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