नई दिल्ली : भारत के नए संसद भवन के उद्घाटन के मामले में दिल्ली की सियासत गरमा हो गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों उद्घाटन नहीं होने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत पूरी आप ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। आप नेताओं का आरोप है कि भाजपा की मानसिकता अनुसूचित जाति व जनजाति विरोधी है। इसलिए राष्ट्रपति को इस मामले में अनदेखा किया गया है।
अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से नए संसद भवन का उद्घाटन क्यों नहीं करा रहे हैं। इससे नाराज अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समाज पूछ रहा है कि क्या उनको अशुभ माना जाता है? इससे पहले भी अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर के शिलान्यास में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया गया। संसद भवन के शिलान्यास में भी वह मौजूद नहीं थे। और अब नए संसद भवन के उद्घाटन को भी मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों से नहीं करवा रहे हैं।
वहीं, सांसद संजय सिंह का आरोप है कि भाजपा की मानसिकता हमेशा से दलितों और आदिवासियों के खिलाफ रही है। भाजपा आज भी समाज के वंचित लोगों दलित और आदिवासी समाज को अछूत मानती है। भाजपा ऐसा मानती है कि अगर कोई शुभ कार्य एससी एसटी से करवाया जाएगा तो अपशगुन हो जाएगा। इसी वजह से भारत के प्रधानमंत्री ने एक नहीं, बल्कि दो महामहिम राष्ट्रपतियों को अपमान किया।
राष्ट्रपति को न बुलाना है अपमान-आप : आप विधायक कुलदीप कुमार व राखी बिड़लान ने कहा कि देश के सर्वोच्च पद आसीन राष्ट्रपति मुर्मू आदिवासी समाज से आती है, उन्हें इस समारोह में उद्धाटन में बुलाना चाहिए।
भाजपा की रूढि़वादी मानसिकता को दर्शाता है: भारद्वाज
दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कई दिनों से सवाल कर रहा है कि राष्ट्रपति को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए क्यों नहीं बुलाया गया? यह हैरान करने वाली बात है। नई संसद का उद्घाटन पूरे राष्ट्र के लिए उत्सव जैसा है, लेकिन भाजपा राष्ट्रपति को नहीं बुलाने पर हर प्रकार से तर्क-कुतर्क कर रही है। आज हमारे देश के पास यह दिखाने के लिए बहुत बड़ा मौका था है कि आधुनिक समाज में यह कुरीति नहीं है। लेकिन भाजपा रूढि़वादी मानसिकता को दर्शा रहा है।
सभी जानते हैं आप का दलित विरोधी चेहरा : भाजपा
प्रदेश भाजपा नेताओं ने आप नेताओं के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कहा कि भाजपा दलित विरोधी बताने वाले खुद अपने गिरेबां में झांक कर देखें। भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने केजरीवाल का नाम लिए बगैर ट्वीट में कहा कि यह बात कह कौन रहा है जो व्यक्ति प्रभु श्री राम जी के मंदिर निर्माण का विरोध करता था। दलित और आदिवासी समाज से आने वाले दोनों पूर्व महामहिमों के खिलाफ आप ने वोट किया, नये संसद भवन का आप ने विरोध किया, राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध आप ने किया और अब कह रहे हैं कि भाजपा दलित विरोधी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि फर्क साफ है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी, प्रधानमंत्री ने रामनाथ कोविंद और द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बना कर सम्मान दिया,जबकि आप ने दलितों का विरोध कर अपमान किया।