भरतपुर : भरतपुर में नासिर और जुनैद हत्याकांड में बड़ा खुलासा किया है। इस हत्याकांड में पेश की गई चार्जशीट में पुलिस ने 8 नहीं 30 लोगों को आरोपी माना है। इसमें मुख्य रूप से हरियाणा का यूट्यूबर और गो रक्षा दल का प्रमुख माेनू मानेसर समेत हरियाणा गो रक्षा दल के अध्यक्ष योगेंद्र आचार्य का नाम भी शामिल है।
हालांकि पुलिस की ओर से जोड़े गए 21 आरोपियों का क्या रोल था उसकी अभी जांच कर रही है। लेकिन, प्रारंभिक तौर पर माना जा रहा है कि इनका कनेक्शन कहीं न कहीं इस हत्याकांड से रहा है।
वहीं अभी तक इस मामले में रिंकू सैनी के साथ मोनू राणा और गोगी नाम के आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
भरतपुर के गोपालगढ़ थाने के SHO का वीडियो सामने आया था
इस पूरे मामले में भरतपुर के गोपालगढ़ थाने के SHO राम नरेश का एक वीडियो सामने आया था। इसमें वह यह कहते दिख रहे थे कि सबूत मिटाने के लिए जुनैद और नासिर को जलाया गया। पिटाई से एक की मौत तो पहले ही हो चुकी थी। मृतक जुनैद राजस्थान पुलिस का इनामी बदमाश था।
सबूत मिटाने के लिए लगाई थी बोलेरो में आग
केस की जांच कर रहे SHO राम नरेश वीडियो में यह भी कहते नजर आ रहे थे कि कथित गौ-रक्षकों ने सबूत मिटाने के लिए नासिर और जुनैद को बोलेरो में बैठाकर जला दिया था।
वीडियो में SHO दो अन्य के भी नाम ले रहे थे
वीडियो में गोपालगढ़ SHO यह कहते नजर आ रहे हैं कि इस मामले में हरियाणा निवासी मोनू राणा और विकास आर्य की भी भूमिका है। ये भी हरियाणा के रहने वाले हैं।
भरतपुर के रहने वाले नासिर और जुनैद को इसी बोलेरो में हरियाणा के भिवानी में जलाया गया था।
माेनू राणा और गोगी पकड़े गए तो बड़े नाम आए सामने
गोपालगढ़ पुलिस के मुताबिक 15 फरवरी को जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल ने जुनैद-नासिर को किडनैप करके मारपीट और फिर उनकी हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हरियाणा के पांच लोगों पर आरोप लगाया गया। इनमें मुरथल के अनिल, मरोड़ा के श्रीकांत, फिरोजपुर झिरका के रिंकू सैनी, होटल के लोकेश सिंगला और मानेसर के मोनू उर्फ मोहित शामिल थे।
16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी में दोनों के शव उनकी बोलेरो गाड़ी सहित जले मिले थे। इसी मामले में सबसे पहले 17 फरवरी को रिंकू सैनी से पूछताछ की गई थी। रिंकू से हुई पूछताछ में 8 नाम सामने आए थे। बताया गया था कि ये मुख्य आरोपी हैं। इसके बाद आईजी गौरव श्रीवास्तव ने सभी 8 फरार आरोपियों पर 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।
इसके बाद भरतपुर पुलिस ने 13 अप्रैल को उत्तराखंड के देहरादून के पास से पहाड़ियों मेंं छिपे 8 आरोपियों में से भिवानी के रहने वाले मोनू राणा और गोगी को गिरफ्तार किया था। इस दौरान जब पुलिस ने इन दोनों से पूछताछ की तो पता चला कि हरियाणा गो रक्षा दल और मोनू मानेसर समेत अन्य लोगों ने भी उनकी सहायता की थी।
कोर्ट में चार्जशीट पेश की तब हुआ खुलासा
पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ 16 मई को कोर्ट में चालान पेश किया था। तब इस बात का खुलासा हुआ है कि नासिर और जुनैद की हत्या में अभी 21 आरोपियों के खिलाफ जांच चल रही है। कुछ आरोपियों के नाम FIR में शामिल हैं, और कुछ अन्य आरोपी हैं जिनकी पुलिस जांच में मिलीभगत नजर आई है।
10 दिन की पुलिस रिमांड में दोनों ने मोहित उर्फ मोनू मानेसर, श्रीकांत मरोड़ा, अनिल मूलथान, लोकेश सिंगला, विकास आर्य, विशाल जेवली उर्फ नटवर, कालू उर्फ कृष्ण, बादल, शशिकांत, देवी लाल, भोलू, नवनीत, संजय परमार, दीपक मतलोड़ा, आजाद आचार्य, किशोर सैन, शिवम, तुषार उर्फ तन्नू , राजवीर, मनोज गुहाना, हरियाणा गो रक्षा दल के योगेन्द्र आचार्य, भोला सिलानी, रमेश उर्फ मेस्सा सिसर, आशु जांगडा, सुखविंदर उर्फ सुक्खी, प्रवेश बॉक्सर और रविंद्र उर्फ कालिया के नाम बताए थे। अभी पुलिस इन सभी के नामों को लेकर जांच कर रही है।
आईजी ने बताया गो रक्षा दल के पदाधिकारियों ने भी की है सहायता
13 अप्रैल को आईजी गौरव श्रीवास्तव ने इस पूरे मामले का खुलासा किया था। इस खुलासे के दौरान उन्हाेंने आशंका जताई थी कि हरियाणा गो रक्षा दल के कुछ पदाधिकारी भी इसमें शामिल हो सकते हैं। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया था कि अभी इसकी जांच चल रही है। आईजी ने बताया था कि फरारी के दौरान इन आरोपियों की कुछ लोगों ने मदद की थी, इनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। मोनू मानेसर को लेकर कहा था- उसका नाम एफआईआर और संदिग्ध लिस्ट में भी शामिल है। पूछताछ के बाद मोनू मानेसर के बारे में पता चलेगा कि उसका कितना रोल है। वहीं, इस पूरे मामले में हरियाणा गो रक्षा दल का नाम भी सामने आया है। इसके अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के साथ अन्य पदाधिकारियों का भी पूरे मामले में सहयोग रहा। ऐसे में उन्हें नोटिस जारी किया गया है और अब पूछताछ होगी।
पूछताछ में हुए थे ये चार बड़े खुलासे
1. गौ तस्करों को पकड़ने के लिए नाकाबंदी की थी: भरतपुर रेंज आईजी गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि मोनू राणा और गोगी समेत उनका पूरा गिरोह नाकाबंदी कर गौ तस्करी के संदेह में लोगों को पकड़ता है। 14 फरवरी की रात भी ऐसा ही कुछ हुआ था। इन आरोपियों की तीन टीमें वहां थीं। दो टीम भरतपुर आई थी और एक टीम नूंह मेवात इलाके से इनके साथ जुड़ी थी।
2. नासिर-जुनैद को किडनैप कर सरियों से पिटाई कर अधमरा किया: ये लोग नासिर और जुनैद को किडनैप कर फिरोजपुर झिरका (हरियाणा) ले गए थे। यहां पूरे एरिया में इन्हें गाड़ी में बैठाकर घुमाते रहे। फिर लाठी और सरियों से इनकी पिटाई की। पीट-पीटकर आरोपियों ने दोनों को अधमरा कर दिया। अधमरी हालत में आरोपी दोनों काे हरियाणा पुलिस के पास ले गए थे।
3. पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया तो हत्या का प्लान: नासिर और जुनैद की हालत देख हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार करने से मना कर दिया था। इन आरोपियों को जब पता चला कि हरियाणा पुलिस इन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी तो उन्हें डर सताने लगा कि दोनों युवकों को ऐसे ही छोड़ दिया तो उनके लिए मुसीबत बन जाएंगे। इसके बाद आरोपियों ने दोनों की हत्या का प्लान बनाया।
4. भिवानी लेकर गए, एक का गला घोंटा, दूसरे को पीटा: नासिर और जुनैद को आरोपी भिवानी लेकर गए। यहां नासिर की गला घोंटकर हत्या की गई। जुनैद की भी दोबारा पिटाई की गई। भिवानी के बाहर आते-आते दोनों की मौत हो चुकी थी। इसके बाद सबूत मिटाने के लिए भिवानी के लोहारू में दोनों के शव बोलेरो में रखे और पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।
सोशल मीडिया पर माेनू मानेसर के लाखों फाॅलोअर्स
बता दें कि मोनू मानेसर सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहता है। उसके फेसबुक पर 80 हजार तो यूट्यूब पर 2 लाख फॉलोअर्स हैं। कथित गौ-तस्करों को धमकी और रोड पर उनके साथ मुकाबला करते हुए कई बार मोनू मानेसर और उनकी टीम के वीडियो सामने आते रहे हैं।
कुछ दिन पहले ही गुरुग्राम में बगैर टायर सड़क पर खाली रिम से चिंगारी निकलती गाड़ी दौड़ाते हुए वीडियो सामने आया था। इसमें कुछ लोग गाड़ी से गाय भी फेंकते नजर आ रहे थे। बाद में मोनू मानेसर की टीम ने ही उन्हें पीछा कर पकड़ा था।
खड़ा कर दिया मजबूत नेटवर्क
साल 2016 तक मोनू मानेसर खुद को गौ रक्षा दल का प्रमुख चेहरा बनाने के लिए अपना नेटवर्क एक्टिव किया। उसके मुखबिरों का नेटवर्क हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, नूंह, सोनीपत, पलवल और झज्जर समेत कई शहरों में खड़ा हो गया। जहां उसकी टीम और बजरंग दल के लोग हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर काम करने लगे।
ये कथित गौ-तस्करों को पकड़ने के बाद उनको पुलिस को सौंप देते हैं। हालांकि खास बात यह है कि मोनू मानेसर का नेटवर्क ऐसा है कि गौ-तस्करी के मामले में पुलिस के पास बाद में सूचना पहुंचती है, पहले मोनू के ग्रुप को पता चल जाती है। उसकी टीम में काफी सारे युवा शामिल हैं।