जयपुर : योजना भवन की अलमारी में मिले 2.31 करोड़, 1KG गोल्ड:जयपुर सचिवालय के पीछे है ऑफिस, 7 कर्मचारी हिरासत में; मुख्यमंत्री को दी रिपोर्ट

जयपुर : सचिवालय के ठीक पीछे योजना भवन के बेसमेंट की बंद पड़ी अलमारी से 2.31 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी और एक किलो सोना बरामद हुआ है। पुलिस ने नकदी और सोना जब्त कर लिया है। योजना भवन के सात कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। अलमारी में रखे ट्रॉली सूटकेस में 2000 और 500 के नोट थे। इतनी बड़ी तादाद में नकदी और सोना किसने रखा, इसकी जांच की जा रही है।

योजना भवन में आईटी विभाग, जन आधाार प्राधिकरण जैसे संवेदनशील विभागों के दफ्तर हैं। सरकारी विभाग की अलमारी से करोड़ों की नकदी और सोना मिलने की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था की खामियों के साथ कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस घटना के सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को पूरी घटना का ब्योरा दिया है। शुक्रवार को घटना के बाद देर रात करीब 11 बजे सचिवालय में मुख्य सचिव उषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा और जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस घटना के बारे में जानकारी दी। वहीं, इस केस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यूआईडी से जुड़ा एक अफसर इस घटनाक्रम में शक के दायरे में है।

सूटकेस में मिली नकदी और सोना

जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के मुताबिक जिस बेसमेंट से नकदी और सोना मिला है, वहां ई-फाइलिंग प्रोजेक्ट के तहत फाइलों को स्कैन करके उन्हें डिजिटलाइज्ड किया जा रहा है। वहां दो अलमारियां बंद थीं, उनकी चाबियां नहीं मिल रही थीं।

जब चाबियां नहीं मिलीं तो आज उन अलमारियों के लॉक तोड़कर खोला गया। एक अलमारी में फाइलें मिलीं, जबकि दूसरी अलमारी में एक ट्रॉली सूटकेस मिला। इस ट्रॉली सूटकेस को खोलकर देखा तो उसमें नोट भरे हुए थे। इसके बाद कर्मचारियों ने अशोक नगर थाने को सूचना दी।

थानाधिकारी ओर वरिष्ठ पुलिस अफसर भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने ट्राॅली सूटकेस को खोलकर करेंसी नोटों को गिनकर जब्त किया। करीब 2 करोड़ 31 लाख कैश के साथ एक किलो सोन के बिस्किट भी मिले हैं।

योजना भवन में करोड़ों की नकदी मिलने के बाद देर रात मुख्य सचिव ऊषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा, एडीजी दिनेश एमएन और जयपुर कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
योजना भवन में करोड़ों की नकदी मिलने के बाद देर रात मुख्य सचिव ऊषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा, एडीजी दिनेश एमएन और जयपुर कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

 

योजना भवन के अफसर-कर्मचारी शक के दायरे में, लंबे समय से बंद थी अलमारी

योजना भवन की अलमारी से करोड़ों की नकदी और एक किलो सोना मिलने की घटना में योजना भवन के विभागों के अफसर कर्मचारी शक के दायरे में हैं। सात कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पूरे मामले की जांच शुरू हो चुकी है।

जयपुर पुलिस कमिश्नर ने पूरे मामले का जल्द खुलासा करने का दावा किया है। जिस अलमारी से नकदी और सोना बरामद हुआ, वह कई महीनों से बंद पड़ी थी। बेसमेंट में जहां नकदी मिली है वहां आधार-यूआईडी से जुड़े कर्मचारियों का आना जाना था, पुलिस बेसमेंट में अलमारियों तक एक्सेस रखने वाले कर्मचारियों से पूछताछ करेगी।

इतनी बड़ी रकम आखिर किसकी

सरकारी विभाग में करोड़ों की नकदी मिलने के बाद पुलिस ने एक स्पेशल टीम बनाकर जांच शुरू की है। योजना भवन के बेसमेंट में जाने आने वालों के सीसीटीवी फुटेज भी देखो जा रहे हैं।

जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव का कहना है कि यह पैसा किसका है, कैसे आया, इंवेस्टिगेशन किया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे यह अलमारी लंबे समय से बंद है।

सरकारी विभागों का पैसा ट्रैजरी और बैंकों में जमा होता है, सरकारी पैसा इस तरह लंबे समय तक बिना ब्यौरे के ​फाइलों के साथ नहीं रखा जाता। ऐसे में यह विभाग का पैसा तो नहीं है।

योजना भवन के विभाग इस पैसे की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं

योजना भवन के जिस बेसमेंट की अलमारी से यह नकदी और सोना मिला है उसमें और भी अलमारियां थीं। इस अलमारी में मिली नकदी को लेकर सभी विभाग चुप हैं। योजना भवन में कोई भी विभाग इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।

आज ही आरबीआई ने 2000 के नोट को बंद करने की घोषणा की थी। आरबीआई के बयान के कुछ ही घंटों में यह घटना सामने आई है।

पुलिस खंगाल रही सीसीटीवी फुटेज

पुलिस कमिश्नर ने आगे बताया कि सरकारी विभाग में करोड़ों की नकदी मिलने के बाद पुलिस ने विशेष टीम बनाकर जांच शुरू कर दी है। योजना भवन के सीसीटीवी फुटेज भी देखे जा रहे हैं। यह पैसा किसका है, कैसे आया, इस संबंध में जांच की जा रही है। ऐसे लगता है जैसे यह अलमारी लंबे समय से बंद है।

भ्रष्टाचार की गंगोत्री आखिरकार सचिवालय तक पहुंच ही गई-राजेन्द्र राठौड़

राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री आखिरकार सचिवालय तक पहुंच ही गई। राजस्थान सचिवालय जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी बैठकर शासन चलाते हैं। वहां करोड़ों की नकदी और सोना बरामद होना इस बात का प्रमाण है कि गहलोत सरकार भ्रष्टाचार के संरक्षणदाता की भूमिका में हैं।

मुख्यमंत्री इतना बता दें आपका सचिवालय 2000 के अनगिनत नोटों को क्यों उगल रहा है ?- राजेंद्र राठौड़

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि 2 हजार के नोट को चलन से बाहर करने का बयान देने वाले मुख्यमंत्री जी आप केवल इतना बता दीजिए कि आपका सचिवालय 2 हजार के अनगिनत नोटों को क्यों उगल रहा है ? राठौड़ ने कहा कि आनन फानन में अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में आईटी, ईडी और एसीबी जैसे विभागों का कोई अधिकारी शामिल नहीं, आखिर माजरा क्या है?

इसी जादूगरी की तालीम देते हैं क्या मुखिया जी ?- राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट कर रात पौने 12 बजे कहा- राजस्थान में कानून व्यवस्था का हाल ऐसा है कि सूबे का योजना भवन भी अछूता नहीं रहा। इसी जादूगरी की तालीम देते हैं क्या मुखिया जी ? सोचिए, कांग्रेस राज में इतनी लूटपाट है कि कालाधन रखने के लिए जगह नहीं मिल रही। कांग्रेस बताए कि और कहां-कहां छुपा रखा है कमीशन का पैसा ? ना खाता, ना बही… काले धन पर मोदी जी की सर्जिकल स्ट्राइक है एकदम सही। क्योंकि सरकार तो सामने आकर वाहवाही लूटना चाह रही है। लेकिन देर रात को डीजीपी और मुख्य सचिव दोनों संयुक्त प्रेस वार्ता कर रहे हैं।

पुलिस ने विशेष जांच टीम की गठित- आनंद श्रीवास्तव

शुक्रवार को योजना भवन में IT डिपार्टमेंट के बेसमेंट में रखी 2 अलमारी को खोलने का प्रयास किया गया। उनमें लैपटॉप बैग और ट्रॉली वाला सूटकेस मिला। बैग में करेंसी नोट थे। तो इसकी सूचना पुलिस को दी गई।  रिपोर्ट के अनुसार पुलिस मौके पर पहुँची, तो बैग में 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार की रकम पाई गई। साथ में 1 किलो गोल्ड बिस्कुट मिला। 500 और 2000 रुपए के इंडियन करेंसी के नोट मिले। पुलिस ने एक विशेष टीम गठित की है, जो जांच करेगी कि ये पैसा किसका था ? पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने प्रेस से रूबरू होकर यह जानकारी दी है। ये अलमारी कौनसे डिपार्टमेंट की थी, इसकी बात की जांच चल रही है। क्योंकि कोई भी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। पुलिस ने करीब 7-8 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें ज्यादातर मेंटेनेंस स्टाफ और कर्मचारी हैं।मौके के सीसीटीवी फुटेज भी देखे जा रहे हैं। इस रकम और अलमारी की जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं है।

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