सीकर : चिकित्सा विभाग की जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक जिला कलेक्टर डाॅ. अमित यादव की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में हुई l बैठक में विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों व गतिविधियों की समीक्षा की गई। बैठक में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना, मौसमी बीमारियों की रोकथाम, एनसीडी स्क्रीनिंग, परिवार कल्याण, एएनसी रजिस्टेशन, प्रसव, टीकाकरण सहित सभी योजनाओं की संस्थावार व ब्लाॅकवार प्रगति की समीक्षा की गई।
बालश्रम कानून की उड़ी धज्जियां उड़ी
बैठक में बालश्रम कानून की भी खूब धज्जियां उड़ी l दरअसल, जिला कलेक्टर सभागार में मीटिंग ले रहे थे l इस दौरान चिकित्सा विभाग की ओर से नाश्ते की व्यवस्था की गई थी l सभागार के बाहर 15 वर्षीय करण नाम का नाबालिग बालक नौकरशाहों को नाश्ता परोस रहा था l सभागार के बाहर खड़े व अंदर बैठे चिकित्सा विभाग के किसी भी कर्मचारी ने उसे मना नहीं किया, जबकि बाहर खड़े अधिकारी उसे ये करने, वो करने के आदेश देते रहे l राज्य सरकार व जिला प्रशासन बालश्रम जागरूकता के नाम पर भले ही खूब ढिंढोरा पीट रही रही हो, लेकिन धरातल पर ये दावे कितने सच साबित होते हैं। इसका अंदाजा जिला कलेक्ट्रेट में बाल मजदूरी कर रहे इस बालक की तस्वीर देखकर लगया जा सकता है।
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में 7वें स्थान पर सीकर
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. निर्मल सिंह ने विभाग की फलेगशिप योजना की प्रगति की जानकारी देते हुए जिले कि रैकिंग के बारे में बताया कि शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत प्रदेशभर में जिला 7वें स्थान पर है। फरवरी माह में 20वें स्थान पर था। निःशुल्क दवा योजना के तहत जिले की प्रदेश में 8वीं रैकिंग है, जो फरवरी माह में 25 थी। वहीं निशुल्क जांच योजना में रैकिंग 13 है, जो फरवरी माह में 20वीं थी। उन्होंने निरोगी राजस्थान, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना सहित सभी फलेगशिप योजनाओं की उपलब्धियों की जानकारी दी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. निर्मल सिंह ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जिला, उप जिला व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लाभान्वितों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी अस्पतालों में अप्रेल 22 से अप्रेल 2023 तक 71 हजार 163 और प्राइवेट अस्पतालों में 60 हजार 924 टीआईटी जनरेट हुई है। इनके सरकारी में 74 हजार 174 और प्राइवेट में 1 लाख 14 हजार 056 पैकेज सबमिट किए गए। इनमें से सरकारी के 1 करोड 33 लाख 90 हजार 349 तथा प्राइवेट के 1 करोड 83 लाख 41 हजार 116 रिजेक्ट की गई टीआईटी की राशि है। इस योजना के तहत सरकारी अस्पतालों को 18 करोड़ 87 लाख 48 हजार 927 तथा प्राइवेट अस्पतालों को 72 करोड़ 37 लाख 34 हजार 789 राशि का भुगतान इंश्यारेंस कंपनी द्वारा किया जा चुका है। सरकारी अस्पतालों की 3 हजार 786 और प्राइवेट की 1 हजार 423 टीआईटी रिजेक्ट हुई।
इस योजना के तहत सरकारी अस्पतलों में आईपीडी के मुकाबले बेहद कम लोगों को योजना के तहत लाभान्वित किया गया हैं। उन्होंने बताया कि सीकर, नीमकाथाना जिला अस्पताल, अजीतगढ़, लक्ष्मणगढ़, फतेहपुर के उप जिला अस्पताल तथा सीएचसी खण्डेला, रींगस, श्रीमाधोपुर, नेछवा, पलसाना, रामगढ, दांता, पाटन, लोसल में अप्रेल 2023 तक 12 हजार 77 रोगियों को इलाज के लिए भर्ती किया गया। लेकिन 5811 ही टीआईटी जनरेट की गई है। इसमें से 596 रिजेक्ट हुई है और 1 करोड 51 लाख 79 हजार 16 राशि के क्लेम बुक किए गए।
रामगढ सीएचसी प्रभारी को चार्जशीट
जिला कलेक्टर डाॅ. अमित यादव ने सरकारी अस्पतालों में आईपीडी के समय चिरंजीवी योजना में पैकेज बुक किए जाने को गंभीरता से लिया। उन्होंने जिला अस्पताल में आईपीडी का 80 प्रतिशत और सीएचसी व उप जिला अस्पतालों में आईपीडी का 40 से अधिक चिरंजीवी योजना के तहत बुक करने के निर्देश दिए। संस्थावार प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने रामगढ सीएचसी में बेहद कम केस चिरंजीवी में बुक किए जाने पर संस्था प्रभारी को चार्जशीट देने के निर्देश दिए।