जयपुर : ऑडी इतनी तेज थी लड़के-लड़कियां सीटों के बीच चिपक गए:हाथ-पैर हिलाने का भी समय नहीं मिला, जानिए- क्यों हुआ इतना भीषण हादसा

जयपुर : जयपुर में रिंग रोड पर हुए भयानक हादसे में तीन लड़कियों समेत चार की मौत हो गई। दो युवक की हालत अब भी गंभीर है। टक्कर इतनी तेज हुई की कार का इंजन टूट कर नीचे गिर गया। स्टेयरिंग ड्राइवर सीट से आकर चिपक गया। गेयर बॉक्स टूट कर कार में ही लटक गया। पुलिस को कार से बीयर के केन, गुटके, सिगरेट मिली हैं। दुर्घटना इतनी भीषण थी की कार आगे से 50 प्रतिशत पूरी टूट कर बिखर गई। वहीं, पीछे के हिस्से में एक भी खरोंच नहीं आई।

कार चला रहे राजेन्द्र की कार से केवल एक चीज पुलिस को सुरक्षित मिली। कार की डिक्की में रखे उसके जूते। उसके अलावा कार में कुछ भी सुरक्षित पुलिस को नहीं मिला।

कार में बैठे युवक-युवतियां सीटों के बीच चिपक कर रह गए

जानकारी अनुसार, हादसा इतना भयावह था कि कार में बैठे लड़के-लड़कियां आगे व पीछे की सीटों के बीच चिपक कर रह गए। उन्हें हाथ-पैर हिलाने का भी समय नहीं मिला। पुलिस ने पीछे की सीट पर फंसे चारों युवक-युवतियों को खींचकर निकाला। उनके पैर आगे की सीटों के नीचे इतने दब गए थे कि निकालने के बाद भी चप्पलें फंसी रह गई। कार की सीटों पर खून जमा हुआ था। कार की टक्कर ड्राइवर साइड से होने के कारण चालक राजेश ताखर का शरीर छलनी हो गया था। पुलिस के अनुसार हादसे को देखते हुए 30 सेकेंड में चारों की मौत हो गई होगी। कार में आगे के एयर बैग खुले, पर सुरक्षा नहीं कर पाए।

टक्कर इतनी भीषण थी की कार का इंजन सड़क पर कुछ इस तरह बिखर गया।
टक्कर इतनी भीषण थी की कार का इंजन सड़क पर कुछ इस तरह बिखर गया।

मृतक छात्राएं यूपी, एमपी व केरल की युवक जयपुर का

  1. राजेश ताखर (27), निवासी रिद्धि-सिद्धि नगर, निवारू रोड, जयपुर
  2. आर्या (24) पुत्री संजयकुमार, निवासी सहारा, उत्तर प्रदेश
  3. धनुषा (23) पुत्री सुनील, निवासी टोफिल अर्नाकुलम, केरल
  4. अंशिका (24) पुत्री अनिलकुमार मिश्रा, हरदोली दमोर, मध्य प्रदेश

(कार रिटायर्ड सैन्य अफसर के पुत्र राजेश ताखर की थी। उसी के नाम रजिस्टर्ड थी और वही चला रहा था। परिजन बोले- सोमवार सुबह घर से गया तब से नहीं लौटा था। वह प्रॉपर्टी का काम करता था। उसके डेढ़ साल का बेटा है।)

राजेश ताखर रिटायर्ड सैन्य अफसर का बेटा था।
राजेश ताखर रिटायर्ड सैन्य अफसर का बेटा था।

गंभीर घायल दोनों युवक जयपुर के, निजी अस्पताल में भर्ती

  1. शुभ (26) पुत्र महेश शर्मा, सुंदर नगर लालरपुरा, जयपुर
  2. यशकुमार (27) पुत्र ओमप्रकाश गर्ग, निवासी गणेश नगर, झोटवाड़ा

आगे पढ़िए क्यों हुआ ये दर्दनाक हादसा…

इस सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण ओवर स्पीडिंग और रिंड रोड पर किसी भी प्रकार के साइन बोर्ड नहीं होना सामने आ रहा है। वहीं, जहां एक्सीडेंट हुआ उस पॉइंट पर अगल दिशा से भी वाहन निकल रहे हैं। यहां कुछ दिन पहले भी स्कूटी सवार तीन छात्रों की दर्दनाक मौत हो चुकी हैं।

इसी डिवाइडर से टकराई थी कार,यह डिवाइडर नहीं दिखाई देता रात में
इसी डिवाइडर से टकराई थी कार,यह डिवाइडर नहीं दिखाई देता रात में

रिंग रोड पर बाइकर्स आराम से कुदा रहे डिवाइडर

NHAI पर गश्ती वाहन चलाने वाले काना राम ने बताया- दुर्घटना की जानकारी मिलने पर वह सबसे पहले मौके पर पहुंचा। शवों को दुर्घटनाग्रस्त कार से बाहर निकाला। इसके बाद पुलिस और 108 मौके पर पहुंची। जिस जगह पर दुर्घटना हुई। वहां पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। यहां पर लोग केवल 2 किलोमीटर का पेट्रोल बचाने के लिए गलत दिशा में वाहन लेकर रिंग रोड पर चढ़ते और उतरते हैं। कई बार समझाया भी गया, लेकिन वह नहीं मानते। बाइक चालक डिवाइडर पर से वाहन ऐसे कुदातें हैं, जैसे मानों यह गली की सड़क हैं।

राजेन्द्र की लाखों की कार में सुरक्षित बचे केवल उसके यह एक जोड़ी जूटे,पूरी कार खत्म
राजेन्द्र की लाखों की कार में सुरक्षित बचे केवल उसके यह एक जोड़ी जूटे,पूरी कार खत्म

घटनास्थल के हालात

घटनास्थल में देखा कि जिस डिवाइडर से राजेन्द्र की कार टकराई उस पर रिफ्लेक्टर नहीं है। कोई ऐसी लाइट नहीं है, जिसे पता चल सके की यहां डिवाइडर है। हालांकि टोंक रोड के लिए कट आने से पहले हाई राइज बोर्ड लगे हुए हैं। इन पर टोंक रोड पर उतरने के लिए साइन लगा हुआ है। उसके बाद भी ओवर स्पीड में चलने वाली गाड़ियों को यह पता नहीं चल सकता की आखिर टोंक रोड पर उतरना कहां से है। इसी गफलत में हादसे हो रहे हैं। चौराहा होने के बाद भी यहां अंधेरा पसरा रहता है। स्थानीय निवासी मुकेश ने बताया- इस स्थान पर कैट आई नहीं लगी हुई। जो रोड लाइटें लगाई गई है, वे बंद रहती हैं।

दुर्घटना के बाद भी रॉग साइड से निकल रहे ट्रक,इन्हे कोई रोकने वाला नहीं
दुर्घटना के बाद भी रॉग साइड से निकल रहे ट्रक,इन्हे कोई रोकने वाला नहीं

रोड पर लेन बदलने का पता ही नहीं चल पाता

डिवाइडर की दीवार पर पीली व काली पट्टी न होकर सफेदी थी। एनएचएआई ने रिंग रोड की टोंक रोड पुलिया पर करीब एक किलोमीटर में नई रोड बनाई है। नई रोड बनाने के बाद सफेद लाइनें भी नहीं बनाई गई। सफेद लाइन न होने से दिन व रात में रोड पर लेन बदलने का पता ही नहीं चल पाता।

तेज गति में चालक को संकेतक नहीं दिखता

रिंग रोड से टोंक रोड पर आने के लिए 300 मीटर पहले नाम लिखा संकेतक लगा है, लेकिन तेज गति से आ रहे वाहन चालकों का इस पर ध्यान नहीं जा पाता। इससे वाहन चालक टोंक रोड पर उतरने के लिए कंफ्यूज हो जाता है और तेज गति में अचानक सामने डिवाइडर आ जाता है जिससे हादसे होते हैं।

सड़क दुर्घटना के सम्भावित कारण

  • वाहन चालक के द्वारा शराब का सेवन अधिक किया गया हो।
  • ओवर स्पीड कार के सामने अचानक कोई दूसरा वाहन गलत दिशा से आ गया हो।
  • दुर्घटना स्थल पर अंधेरा अधिक होने से चालक को डिवाइडर दिखाई ही नहीं दिया हो।
  • कार में कुछ ऐसा हुआ हो जिससे की कार चालक का संतुलन कार से हट गया हो।
  • दुर्घटनाग्रस्त कार को देखने से लगता है कि कार की स्पीड 150 से अधिक रही होगी।

शिवदासपुरा थाने के एसआई हसन अली ने बताया कि छात्राएं वनस्थली विद्यापीठ की हैं, परिजन को सूचित किया है। वनस्थली विद्यापीठ के जन संपर्क अधिकारी देवीसहाय से बात की तो बोले- छात्राएं संस्थान से बाहर कैसे गईं, यह जांच का विषय है।

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