भारत को ब्लैकलिस्ट करवाना चाहता है अमेरिकी कमिशन:BJP सरकार पर लगाए मुस्लिमों से भेदभाव के आरोप, पिछले 3 सालों से ये सुझाव दे रहा

अमेरिका में एक कमिशन ने भारत को धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में ब्लैक लिस्ट करने का सुझाव दिया है। कमिशन ने भाजपा सरकार पर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने के आरोप लगाए हैं। अमेरिका के इंटरनेशनल रीलिजस फ्रीडम ने लगातार चौथी साल ऐसा करने का सुझाव दिया है। 2022 की सालाना रिपोर्ट में कमिशन ने कहा है कि भारत को विशेष चिंता वाले देशों की सूची में डाला जाना चाहिए। इस सूची में डाले जाने के बाद भारत पर आर्थिक पाबंंदियां भी लग सकती हैं।

सरकार अल्पसंख्यकों से भेदभाव करने वाले पॉलिसी बना रही
कमिशन ने कहा है कि भारत सरकार न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि राज्य और लोकल स्तर पर भी ऐसे कानून बना रही है जिससे अल्पसंख्यकों के भेदभाव हो रहा है। अमेरिका की रिपोर्ट में गौ हत्या ,धर्म परिवर्तन और हिजाब पर बने कानूनों का जिक्र है। बताया गया है कि इन कानूनों की वजह से मुस्लिमों, ईसाईयों, सिखों, दलितों और आदिवासियों पर नेगेटिव असर पड़ा है।

रिपोर्ट में ये भी कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार विरोधियों की आवाज को दबा रही है। खासकर उनकी जो अल्पसंख्यक समुदाय के हैं और अपने हकों की आवाज उठाते हैं।

तस्वीर चेन्नई में CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की है। (फाइल फोटो)
तस्वीर चेन्नई में CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की है। (फाइल फोटो)

बाइडेन भारत पर कार्रवाई करने में फेल
अमेरिका का इंटरनेशनल रीलिजस फ्रीडम कमिशन केवल सुझाव दे सकता है। ये सरकार की मंशा पर निर्भर करता है कि वो इसे मानेगी या नहीं। कमिशन ने पहले भी 3 बार भारत को ब्लैक लिस्ट करने का सुझाव दिया था जिसे वहां की सरकार ने स्वीकार नहीं किया। इस पर कमिशन ने बाइडेन की सरकार पर सवाल उठाए हैं।

कमिशन ने कहा है कि बाइडेन भारत के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकामयाब रहे हैं। अमेरिका हमारे सुझावों के बावजूद भारत से रिश्ते मजबूत कर रहा है। 2022 में दोनों देशों के बीच होने वाला व्यापार 98 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। बाइडेन भी कई मौकों पर प्रधानमंत्री मोदी से मिल चुके हैं।

तस्वीर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की है। पिछले साल भारत को ब्लैकलिस्ट करने पर इन्होंने कहा था कि अमेरिका में भी अश्वेतों की हालत ठीक नहीं है। उस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
तस्वीर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की है। पिछले साल भारत को ब्लैकलिस्ट करने पर इन्होंने कहा था कि अमेरिका में भी अश्वेतों की हालत ठीक नहीं है। उस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

भारत ने कहा था- ये पुर्व नियोजित सोच का नतीजा
अमेरिकी आयोग ने पिछले साल जून में भी भारत को इस सूची में रखने का सुझाव दिया था। इस पर सरकार ने अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को ‘गलत’ बताया था।

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि ‘अफ़सोस की बात है, यूएससीआईआरएफ अपनी रिपोर्ट में बार-बार तथ्यों को गलत तरीके से पेश करती है।’

भारत ने कहा था कि ‘हम अपील करेंगे कि पहले से बनाई गई सोच और पक्षपातपूर्ण नजरिये के आधार पर किए जाने वाले मूल्याकंन से बचा जाना चाहिए।’

ब्लैक लिस्ट किए गए देशों में चीन और पाकिस्तान भी शामिल
रिपोर्ट के मुताबिक कमिशन ने भारत के अलावा अफगानिस्तान, नाइजिरिया, सीरिया और वियतनाम को भी ब्लैक लिस्ट करने की मांग की है। वहीं चीन, पाकिस्तान और सऊदी समेत जैसे 8 और देशों को फिर से इस सूची में शामिल करवे को कहा है।
ये हैं दूसरे 8 देश

  • म्यांमार
  • क्यूबा
  • इरिट्रिया
  • ईरान
  • निकार्गुआ
  • नॉर्थ कोरिया
  • ताजिकिस्तान
  • तुर्कमेनिस्तान
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