झुंझुनूं : जब कोई बात बिगड़ जाए

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल

झुंझुनूं :  रिश्तो में थोड़ी बहुत नोकझोंक तो चलती रहती है लोग तो यह भी कहते हैं कि प्यार में यह नोकझोंक जरूरी है लेकिन नोकझोंक अगर रोज होने लगे तो शायद रिश्ते के लिए ठीक नहीं क्योंकि बात बढ़ भी सकती अगर बात बढ़ जाए तो क्या करें आइए मैं आपको बताता हूं पांच ऐसी बातें हैं जो सुनने में तो मामूली है लेकिन रिश्ते की गहराई के लिए जरूरी हैl

पहला कदम
सबसे पहले तो जरूरी है कि एक दूसरे पर चिल्लाना बंद करें एक दूसरे से यह वादा करें कि बात कुछ भी हो जाए आप चलाएंगे लाएंगे नहीं यह इसलिए जरूरी है क्योंकि जब हम चिल्लाते हैं तो असली बात कहीं पीछे छूट जाती है और रह जाती हमारी चिल्लाहट इससे बात सुलझने के बजाय उलझती जाती हैl

दूसरा कदम
जब आप इस मुकाम पर पहुंच जाएंगे कि आप चिल्लाआएंगे नहीं तो आप असली मुद्दे को आसानी से समझ पाएंगे ऐसे में अपने पार्टनर को अपनी शिकायत आप बहुत आसानी से बता पाएंगे और उस पर आराम से बात हो पाएगी

तीसरा कदम
तीसरा कदम अगर आप पहले दो कदमों को पार कर गए तो इन बातों का जरा सा ध्यान आपके रिश्तो में और गहराई पैदा कर सकता है

जीत या हार बेमानी है
अक्सर हम यह गलती करते हैं हर बात को हम अपनी जीत या हार से जोड़ देते हैं यहां झगड़ा सुलझने जाने से ज्यादा जरूरी बात जितना या हारना हो जाती है यही से दिक्कत शुरू होती है अगर आप समझौता करते हैं तो इस बात का मतलब यह नहीं कि आप कमजोर पड़ गए हैं अगर आपके पार्टनर की बात आपकी बात से ऊपर हो भी जाती है तो यह कोई बड़ी बात नहीं होनी चाहिए उसे आप अपना समझते हैं तो उसकी या आपकी बात जैसा कुछ होना ही नहीं चाहिए हर बात आप दोनों की बात है l

जबान पर काबू
कई बार आपकी बात बिल्कुल सही होती है लेकिन आप उसे सही तरह से समझा नहीं पाते इसका नतीजा यह होता है कि आप चिल्लाने लगते हैं और बात समझाने की वजह उलझती चली जाती है इससे बचना जरूरी है अगर आप अपनी बात नहीं समझ पा रहे हैं तो चिल्लाने की बजाय चुप हो जाना बेहतर है अगर आप अपने पार्टनर से एक गलत बात करते हैं तो वह भड़काने का ही काम करेगा उसे किसी तरह की चेतावनी देना बंद कर दे रिश्तो में चेतावनी नहीं दी जानी चाहिए अपनी बात को पहले कुछ समझे और उसके लिए एक सही तर्क तैयार करें उसके बाद ही इसे पार्टनर के सामने रखेंl

एक बार में एक बात
कई बार झगड़ा बेहद छोटी सी बात पर होता है और उससे कई नई बातें निकल कर खड़ी हो जाती है बाद में यही यूं ही निकली हुई बातें ही इतनी बड़ी हो जाती है कि असली बात छूट जाती है झगड़ा सुलझाजाते वक्तआप सभी बातों पर एक साथ बहस ना करें बेहतर है एक बार में एक बात सुलजाए इससे बातें आसानी से ठीक होती जाएगीl

सही वक्त सही जगह
अपने झगड़े कहीं भी और किसी भी वक्त सुनलजाने मत बैठ जाएं यह बात ऐसी जगह पर करें तो शांत हो और जहां आप दोनों कंफर्टेबल हो किसी दोस्त के घर या सार्वजनिक जगह पर इस तरह की बातें नहीं हुआ करती अक्सर लोग यह गलती कर बैठते हैं कि झगड़ा सुलझाने वक्त आगे का ध्यान नहीं रखते इस गलती से बचे दूसरे सही वक्त भी जरूरी है अगर आप किसी बात को महसूस कर रहे हैं तो उस पर सोचते नहीं रहे जितना ज्यादा आप सोचेंगे बात उतनी ही गंभीर होती जाएगी बात को जितनी जल्दी हो सके कह दे इस बात का भी ध्यान रखें क्या आपके पास बात सुजाने के लिए पूरा वक्त हो किसी काम पर जाने से पहले या कोई काम करते करते इस तरह की बातें करने से बचें आप की कोशिश यह होनी चाहिए कि जब आप अपने झगड़े सुलझा रहे हो तो कोई और बात आप दोनों के दिमाग में ना चल रही होl

माफी मांगने से हर्ज नहीं
वैसे तो यह बहुत बड़ी बात हो जाती है एक सॉरी कहने के लिए आपको काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ता है लेकिन एक बार आप इस बात से पार पा गए तो समझिए आपने सब सुलझा लिया सॉरी कहने से कोई छोटा नहीं हो जाताl बल्कि अगर आप पहल करके सॉरी कहते हैं तो आपको सुकून रहेगा यह आपने झगड़ा सुलझाया है लेकिन इतना ध्यान रखें सॉरी पूरे मन से कहे सिर्फ झगड़ा सुलझाने के लिए नहीं दरअसल इससे बात खत्म नहीं होगी सिर्फ दब जाएगी और बाहर कभी भी आ सकती हैl

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