जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
झुंझुनूं-इस्लामपुर : इन दिनों रमजान का पाक व मुकद्दस महीना चल रहा है। सभी मुस्लिम भाई रब की रजा के लिए इबादतों में लगे हुए हैं। बड़ों के साथ-साथ छोटे-छोटे बच्चे भी रोजा रखकर रब को राजी करने में लगे हुए हैं। गर्मी की शिद्दत में जहां बड़ों-बड़ों के पसीने छूट रहे हैं। ऐसी गर्मी में इस्लामपुर कस्बे के मात्र 9 साल के उमर फारूक मंसूरी ने जुम्मे का रोजा रखकर बड़ों के सामने एक मिसाल कायम की है। मंसूरी की अम्मी ने बताया कि गर्मी की शिद्दत को देखते हुए घरवालों ने उसे रोजा रखने से मना भी किया मगर जिद्दी और जज्बाती मंसूरी के सामने घरवालों की एक न चली और आखिरकार मंसूरी ने सहरी खाकर रोजा रख ही लिया। उमर फारूक मंसूरी के अम्मी-अब्बा उन्हें हताश देखकर दिनभर उसे दुलारने में लगे रहे। दिनभर भूखा -प्यासा रहकर शाम को जब उमर फारूक मंसूरी ने इफ्तार किया तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। शुक्रवार को उमर फारूक मंसूरी के चार रोजे मुकम्मल हो गए हैं। आज के मुस्लिम नौजवान जो गर्मी का बहाना बनाकर रोजा नहीं रखते हैं उनको ऐसे छोटे-छोटे बच्चों से सबक हासिल करना चाहिए।