झुंझुनूं-खेतड़ी : भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट के गठन को लेकर 16 अप्रैल को जयपुर में अहीर जागृति महासम्मलेन आयोजित किया जाएगा। इस महासम्मेलन की तैयारियों को लेकर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश महासचिव अनिल यादव बोहरा ने क्षेत्र के गांव शिमला, दलौता, रामबास, पुरानी मंडी नारनौल सहित विभिन्न स्थानों का दौरा किया और लोगों को इस जागृति महासम्मेलन में भाग लेने के लिए निमंत्रण दिया।
अनिल बोहरा ने कहा कि अहीर जाति के जाबांज सैनिकों की बहादुरी से देश की सेना का इतिहास भरा पड़ा है। चाहे वह सन 1962 में हुआ रेजांगला युद्ध हो या बाद में हुआ कोई अन्य युद्ध हो। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम से लेकर झुंझनूं जिला तक पूरी अहीर बेल्ट लगती है तथा देश की सेना में इस बेल्ट से सबसे ज्यादा अहीर समाज के जवानों ने सेना में भर्ती होते हैं और सबसे ज्यादा शहादत भी अहीर सैनिकों ने दी है।
केंद्र सरकार सैनिकों को पूरा मान-सम्मान दे : अनिल बोहरा
उन्होंने कहा कि रेजांगला के उन 117 अहीरों के शौर्य और बलिदान को आज भी हम गर्व से याद करते हैं। उस समय कुमाऊं रेजिमेंट की 13वीं बटालियन की सी कंपनी के ज्यादातर सैनिकों ने चीनी सैनिकों से बिना हथियारों के लोहा लिया था और शहीद हो गए थे, लेकिन दुश्मन को आगे नहीं बढ़ने दिया। वे तमाम कोशिशों के बावजूद भी रेजांगला चौकी पर कब्जा नहीं कर पाए और चुशूल में आगे बढ़ने का उनका सपना चकनाचूर कर दिया था।
इसके बाद भी जितने भी युद्ध हुए, उन सभी में अहीर जवानों ने भारतीय सेना में रहकर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है, लेकिन कमाल की बात है कि सेना में जातियों के नाम से अनेक बटालियन बनी हुई हैं, लेकिन अहीर रेजिमेंट का अब तक गठन नहीं हो सका है। जबकि अहीरों के बलिदान से देश की सेना का स्वर्णिम इतिहास बार-बार लिखा गया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में अहीर रेजिमेंट की मांग उठ रही है तथा केंद्र सरकार को चाहिए कि वह समय रहते इस समाज के सैनिकों को पूरा मान-सम्मान दे और अहीर रेजिमेंट का गठन करे। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अहीर रेजिमेंट हमारा हक है और यह हम लेकर रहेंगे।