Right To Health Bill: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार भले ही दावा कर रही हो कि राइट टू हेल्थ बिल पर हड़ताली डॉक्टरों के साथ समझौता हो गया है। लेकिन एक गुट अब भी समझौते को मानने को तैयार नहीं है।
जिसके चलते प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर अब संशय की स्थिति बनी हुई है। डॉक्टरों ने कहा कि पूरे मुद्दे पर आधिकारिक बैठक के बाद ही कोई आखरी फैसला सामने आएगा।
बैठक में आपस में उलझ पड़े डॉक्टर
समझौते के बाद जब आंदोलनकारी डॉक्टरों की बैठक फिर से हुई तो यह दोनों गुट आपस में ही उलझ पड़े और उनका कहना था कि केवल चार पांच लोग जाकर किस तरह बाकी लोगों के नाम पर समझौता कर सकते हैं? समझौते की खबर के बाद आंदोलनकारी डॉक्टर की ओर से जश्न भी मनाया गया और दूसरी तरफ इस पर कई दूसरे डॉक्टर द्वारा सवाल भी उठाए गए।
हमसे कोई राय नहीं ली गई
इस समझौते को नहीं मानने वाले डॉक्टर का कहना है किसी को पता नहीं है कि किन बिंदुओं पर सहमति बनी। रात को किस तरह से कोई समझौता कर सकता है। बाकी डॉक्टरों से समझौते के बिंदु पर कोई राय नहीं ली गई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने एक एक डॉक्टर को उनके घर से उठाकर समझौते पर बातचीत के लिए गई थी। आंदोलनकारी डॉक्टर को तो यह भी नहीं पता कि चार-पांच लोग बातचीत के लिए गए।
कल अस्पताल खुलेंगे या नहीं, इस पर संशय
ज्वाइंट एक्शन कमिटी के सदस्य डॉक्टर कुलदीप शर्मा ने कहा कि समझौते की बात भले ही कही जा रही है। लेकिन हमारा अभी भी आंदोलन जारी रहेगा। एसोसिएशन की आधिकारिक बैठक में ही इस पूरे मसले पर फैसला लिया जाएगा। लेकिन हम इतना कहना चाहेंगे कि सरकारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को राजस्थान सरकार की आरजीएचएस चिकित्सा और चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना का बहिष्कार अभी जारी रहेगा। कल से प्राइवेट अस्पतालों खुलेंगे या नहीं इस पर हमारी आधिकारिक बैठक के बाद ही फैसला होगा।