जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : डॉ. सुदेश धनखड़ को आज वनस्थली विद्यापीठ में आयोजित एक दीक्षांत समारोह में भूजल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्रदान की गयी।
उनकी पीएचडी का विषय था-“राजस्थान के झुंझुनू जिले में भूजल संसाधन और सिंचित कृषि की संवहनीयता का आकलन” और डॉक्टरेट की यह उपाधि महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र द्वारा उन्हें प्रदान की गयी।
धनखड़ भारत के महामहिम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की धर्मपत्नी हैं। उन्होंने सितंबर, 2013 में वनस्थली विद्यापीठ में पीएचडी के लिए अपना नामांकन कराया था और 14 मार्च, 2022 को अपनी पीएचडी पूरी कर ली। इस गंभीर शोध के लिए उन्होंने झुंझुनूं जिले से रियल टाइम आंकड़े एकत्रित और समेकित किये जोकि एक लंबी और समय लेने वाली प्रक्रिया थी।
राजस्थान में जन्मी धनखड़ जल संरक्षण के मुद्दे पर लगातार कार्य करती रही हैं। इसके साथ ही महिला-सशक्तिकरण और भोजन की बर्बादी रोकने जैसे विषयों पर भी वे काम कर रही हैं।
ज्ञातव्य रहे डॉ. धनखड़ ने पीयूसी से लेकर पीएचडी तक अपनी पूरी पढ़ाई वनस्थली विद्यापीठ से ही की है। उन्होंने वनस्थली विद्यापीठ में 1973 में प्री यूनिवर्सिटी कोर्स (पीयूसी) में प्रवेश लिया था और उसके बाद 1979 में विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर किया।
उनके पीएचडी शोध की थीम थी : सतत विकास
उनके शोध का शीर्षक था : राजस्थान के झुंझुनू जिले में भूजल संसाधन और सिंचित कृषि की संवहनीयता का आकलन।