Right To Health Bill: पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा बोले- बिल नहीं होगा वापस, बातचीत से निकलेगा हल

Right To Health Bill: डॉक्टरों और राजस्थान सरकार के बीच गतिरोध 12वें दिन भी जारी है। इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात की। लेकिन बैठक बेनतीजा रही। डॉक्टरों को वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी गई। बिल को वापस लेने की मांग को लेकर डॉक्टरों ने हड़ताल का आह्वान किया है। निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम सोसायटी के पदाधिकारियों ने गुरुवार को बैठक कर मामले में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की।

डोटासरा बोले- बिल वापस नहीं होगा

राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर सरकार और डाॅक्टर्स के बीच रार लगातार बढ़ती जा रही है। इससे पहले शुक्रवार को पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने न्यूज 24 से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि बिल वापस नहीं होगा। अगर डाॅक्टरों के मन में कोई शंका है तो बैठकर बिल से जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया जा सकता है।

इधर बिल को लेकर बात नहीं बनने पर डाॅक्टर्स ने 1 अप्रैल से सरकारी योजनाओं को निजी अस्पतालाें में बंद करने का फैसला किया है। वहीं, सीएम अशोक गहलोत ने डाॅक्टर्स की समस्या सुनने के लिए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को अधिकृत किया है।

वहीं प्राइवेट हास्पिटल्स संगठन ने कहा कि रेजिडेंट डाॅक्टर्स की हड़ताल आज भी जारी है। सरकार के दबाव में कुछ रेजिडेंट भले ही काम पर लौट गए हैं। इससे पहले गुरुवार को दोपहर में प्राइवेट हाॅस्पिटल के पदाधिकारियों ने बैठक कर सीएम ने इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। इसके बाद डाॅक्टर्स का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार शाम को सीएम आवास भी पहुंचा था।

काम पर लौटे सरकारी डाॅक्टर्स 

उधर राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि बिल किसी भी कीमत पर वापस नहीं होगा। हमने डाॅक्टर्स की सभी मांगे मानी हैं। हमें बिल वापसी के अलावा सारी बातें मंजूर हैं। यह बिल विधानसभा में सभी की सर्वसहमति से पारित हुआ है। इससे पहले बिल पर आंदोलन कर रहे प्राइवेट डाॅक्टर्स को बड़ा झटका उस समय लगा जब रेजीडेंट डाॅक्टर्स ने आंदोलन समाप्त कर वापस काम पर लौटने का फैसला किया है।

विधानसभा में बिल हुआ पास

राजस्थान बीजेपी के विरोध के बाद भी राइट टू हेल्थ बिल 21 मार्च को विधानसभा से पास हो गया। फिलहाल इस बिल को राज्यपाल से मंजूरी मिलना बाकी है। राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां ये बिल पास हुआ। इस बिल में सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज की गारंटी है। इमरजेंसी की हालत में प्राइवेट हॉस्पिटल को भी फ्री इलाज करना होगा। प्राइवेट हॉस्पिटल में इमरजेंसी में फ्री इलाज के लिए अलग से फंड बनेगा।

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