झुंझुनूं : राजस्व रिकॉर्ड की सुरक्षा के लिए बनेगा रिकॉर्ड रूम:जिले में 12 में से 7 ही मॉडर्न रिकॉर्ड रूम बने, वजह बजट की कमी

झुंझुनूं : राजस्व / लैंड रिकॉर्ड व दस्तावेजों को आग-पानी से कोई खतरा नहीं हो और इनके साथ अनावश्यक छेड़छाड़ भी नहीं हो इसके लिए जिले की तहसीलों में 12 मॉडर्न रिकॉर्ड रूम बनाए जाने थे। लेकिन अभी तक 7 में ही बन पाए हैं, इसके पीछे बड़ा कारण बजट नहीं होना बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक राजस्व लेखों की महत्ता एवं उपयोगिता को देखते हुए प्रदेश की 253 तहसीलों में सीसीटीवी कैमरा, बॉयोमेट्रिक प्रणाली, अग्निशमन यंत्र युक्त मॉडर्न रिकॉर्ड रूम बनाने के लिए करीब 7 साल पहले राजस्व मंडल की ओर से 78.50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था।

इनमें प्रत्येक तहसील के लिए 25 लाख रुपए का बजट आवंटित किया गया था। बवजूद इसके अभी तक प्रदेश में 29 तहसीलों में ही मॉडर्न रिकॉर्ड रूम बन पाए हैं। दरअसल डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) के तहत राज्य की 392 में से 385 तहसीलें ऑनलाइन हो चुकी हैं। इनमें सभी तहसीलों के खाते व खसरों को संबंधित तहसीलदारों द्वारा ई-साइन भी किया जा चुका है।

तहसीलदार महेंद्र सिंह मूंड ने बताया कि वर्ष 2009 से चल रहे केंद्र सरकार के DILRMP प्रोजेक्ट के तहत ही झुंझुनूं तहसील में मॉडर्न रिकॉर्ड रूम भी बनाया गया है। इनमें तहसील के राजस्व / लैंड रिकॉर्ड को करीने से रखा गया। अलमीरा बंद होने के बाद रिकॉर्ड को हवा-पानी-आग छू तक नहीं सकते, इससे रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा। हालांकि यहां विशेष स्मोक सेंसर भी लगाए गए हैं जिससे कमरे में धुंआ उठते ही अलार्म बज उठेगा। जरूरत के वक्त दफ्तर के अधिकृत व्यक्ति द्वारा ही इन अलमीरा को खोला जाएगा। लगभग हर एंगल पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। जो हर गतिविधि पर नजर रखेंगे।

“नई तहसीलों में तो अभी टाइम लगेगा, बाकी पुरानी एक-दो तहसीलों में बजट के अभाव में मॉडर्न रिकॉर्ड रूम नहीं बन पाए हैं। इसके लिए प्रयास कर रहे हैं, बजट मिलते ही काम शुरू करवा दिया जाएगा।”

– लक्ष्मण सिंह कुड़ी, कलेक्टर झुंझुनूं

लैपटॉप-मोबाइल पर भी देख और प्रिंट कर सकते हैं दस्तावेज

तहसीलों के ऑनलाइन होने से काश्तकार अपनी जमाबंदी, गिरदावरी, नक्शे की नकल अब किसी भी ई-मित्र या खुद के कम्प्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल पर कहीं भी देख सकता है तथा उसका प्रिंट भी ले सकता है। इन सब कामों के लिए अब उसे बार-बार तहसीलों / पटवारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। ऑफिस कानूनगो संजीव खटकड़ ने बताया कि म्यूटेशन के बाद अपडेशन अपने आप होगा, नामांतरण भी अपडेट हो जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा बैंक लोन लेने में आसानी रहेगी। रिकॉर्ड अपडेट होने से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), प्रधानमंत्री सम्मान निधि लेने में भी आसानी होगी।

प्रदेश में कहां-कितने रिकॉर्ड रूम बनने हैं

प्रदेश में 253 तहसीलों में मॉडर्न रिकॉर्ड रूम बनने हैं। इनमें से केवल 29 ही बने हैं। झुंझुनूं में 12 मॉडर्न रिकॉर्ड रूम बनने हैं जिनमें से अभी तक 7 ही बने हैं। कलेक्टर की मानें तो बाकी रिकॉर्ड रूम बजट के अभाव में नहीं बन पाए हैं।

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