जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं-नवलगढ़ : कब-कैरू गांव में 26 मार्च को सुबह 10.30 बजे पिता ने मासूम बेटी की दीवार पर पटक की थी हत्या, क्यों : पत्नी ने साथ जाने से मना कर दिया था, पति व पत्नी में मनमुटाव ने लील ली थी मासूम की जिंदगी कैरू गांव में 15 माह की मासूम बेटी की निर्मम हत्या करने के आरोपी पिता गिरधरपुरा निवासी कैलाशचंद्र के खिलाफ पुलिस ने बुधवार को महज 65 घंटे में कोर्ट में चालान पेश कर दिया। पुलिस ने केस ऑफिसर स्कीम में इस केस काे शामिल किया है। हत्या का यह पहला मामला है जब पुलिस ने घटना के चौथे दिन ही कोर्ट में आरोप पत्र पेश कर दिया।
एसपी मृदुल कच्छावा के सुपरविजन में मामले की जांच कर रहे सीआई सुनील शर्मा ने बताया कि आरोप पत्र में 22 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। इसमें तीन डॉक्टर, पांच पुलिसकर्मी, परिवार के 13 सदस्य गवाह हैं। बता दें कि कैरू गांव में 26 मार्च को आरोपी कैलाश ने गुस्से में अपनी 15 माह की मासूम बेटी ओजस्वी की दीवार पर पटककर हत्या कर दी थी। यह घटना सुबह करीब 10.30 बजे हुई।
इनसाइड : पुलिस ने 22 गवाह बनाए, इनमें परिवार के 13 सदस्यों को शामिल किया
पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसी दिन मेडिकल बोर्ड से ओजस्वी का पोस्टमार्टम करवाया। अगले दिन 27 मार्च को अस्पताल से पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त की। इसी दिन गवाहों के बयान लेखबद्ध किए। जुर्म स्वीकार करने पर आरोपी कैलाशचंद को गिरफ्तार कर लिया। 28 मार्च को घटना स्थल की फोटो व वीडियो ग्राफी करवाई गई। इसी दिन प्रकरण में चश्मदीद गवाहों के बयान कोर्ट में करवाए गए। 28 मार्च को ही आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भिजव ाया। इसी दिन सहायक निदेशक अभियोजन से कानूनी राय लेकर पत्रावली की स्क्रूटनी करवाई गई। 29 मार्च को पत्रावली एसपी के समक्ष पेश कर कोर्ट में चालान के आदेश प्राप्त किए गए। आरोप पत्र तैयार कर बुधवार दोपहर को कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले में गठित टीम में सीआई सुनील शर्मा, कांस टेबल मुकेश कुमार, बबीता, राजेश व जितेंद्र कुमार शामिल थे।
नवरात्र में पंचमी को हत्या, दुर्गाष्टमी को चालान
नवरात्र में बेटियों की पूजा की जाती है, लेकिन कलयुगी पिता ने नवरात्रि के पांचवें दिन अपनी 15 माह की बेटी को दीवार पर पटककर हत्या कर दी थी। इस मामले को लेकर पुलिस के सामने यह बात सामने आई की इस घटना से समाज के अंदर गलत मैसेज गया है, इसलिए दोषी पिता को सजा दिलाना जरुरी है। इसलिए एसपी मृदुल कच्छावा ने इस मामले को केस ऑफिसर स्कीम में शामिल किया। अब केस ऑफिसर सीआई सुनील शर्मा कलयुगी पिता को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का प्रयास करेंगे।
चश्मदीदों के बयान सबसे बड़ा साक्ष्य
आरोप पत्र में 22 गवाह शामिल किए गए हैं। इसमें पोस्टमार्टम टीम में शामिल तीन डॉक्टर, जांच में शामिल पांच पुलिसकर्मी, 13 परिवार के सदस्य व चश्मदीद गवाह शामिल हैं। 67 पेज की चार्जशीट तैयार की गई। इस मामले में सबसे बड़ा साक्षय चश्मदीदों के बयान व पोस्टमार्टम रिपोर्ट है। एसपी ने अनुसंधान टीम को रिवार्ड देने के लिए अनुशंषा की है।
मासूम की हत्या करने के आराेपी के खिलाफ चालान पेश किया गया है। आराेपी काे जल्द सजा दिलाने के इस मामले काे पुलिस केस ऑफिसर स्कीम में शामिल किया गया है। स्पेशल पीपी नियुक्त कराया जाएगा। ताकि आराेपी काे जल्द सजा दिलाई जा सकें। – -मृदुल कच्छावा, एसपी