झुंझुनूं-खेतड़ी : राज्य सरकार द्वारा आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने के लिए लाया गया राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टर सामूहिक रूप से हड़ताल पर चले गए। डॉक्टर्स के हड़ताल पर चले जाने से बुधवार को अस्पतालों में सन्नाटा पसरा रहा। मौसमी बीमारियों को देखते हुए चिकित्सा विभाग की ओर से अस्पतालों में वैकल्पिक तौर पर आयुर्वेद चिकित्सकों को तैनात किया गया है।
पिछले एक सप्ताह से कर रहे है 2 घंटे का कार्य बहिष्कार
बिल को लेकर विरोध कर रहे निजी चिकित्सकों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने व सरकार द्वारा लाए गए बिल को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले एक सप्ताह से सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टर्स की ओर से दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर आंदोलन किया जा रहा था। सरकार द्वारा डॉक्टर्स की मांगों को नहीं मानने पर अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सा संघ के प्रदेश स्तरीय आह्वान पर सामूहिक हड़ताल करने का निर्णय लिया है। डॉक्टर की सामूहिक हड़ताल के निर्णय पर क्षेत्र के सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर हड़ताल पर रहने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
राइट टू हेल्थ बिल का किया विरोध
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सा संघ के ब्लॉक प्रभारी डॉ महेंद्र सैनी ने बताया कि निजी अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा राज्य सरकार की ओर से लागू किए जा रहे राइट टू हेल्थ बिल को लेकर विरोध किया जा रहा है। डॉक्टर संगठनों द्वारा जयपुर में विरोध के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करना बहुत ही निंदनीय कार्यवाही थी। मानवता की सेवा में लगे डॉक्टर पर इस प्रकार की घटना अपराधियों की प्रवृत्ति को दर्शाता है। प्रशासन द्वारा डॉक्टरों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे चिकित्सक समुदाय सहन नहीं करेगा।
उन्होंने बताया कि डॉक्टर संगठन पिछले काफी समय से बिल के विरोध को लेकर सरकार के समक्ष अपनी बात रख चुके हैं। कई दौर की वार्ता होने के बावजूद भी सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है और डॉक्टर की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। संघ के पदाधिकारी सरकार द्वारा लाए गए बिल में कुछ खामियां सामने आ रही हैं जिनको मिटाने की मांग कर रहे हैं। इसके बावजूद भी सरकार डॉक्टरों की मांग को सुनने को तैयार नहीं है, जिससे मजबूरन आंदोलन की राह अपनानी पड़ रही है।