झुंझुनूं-खेतड़ी : खेतड़ी को जिला बनाने की मांग को लेकर युवाओं की ओर से एसडीएम कार्यालय के सामने किया जा रहा धरना व अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। अनशन के दूसरे दिन जिला परिषद सदस्य उमेद सिंह निर्वाण की तबीयत बिगड़ गई। इस दौरान डॉक्टरों की टीम को मौके पर बुलाकर उपचार करवाया गया।
जानकारी के अनुसार खेतड़ी को जिला बनाने की लेकर खेतड़ी के युवाओं की ओर से एक संघर्ष समिति का गठन किया गया है। संघर्ष समिति के बैनर तले एसडीएम कार्यालय के सामने धरना व अनशन किया जा रहा है। धरने के दूसरे दिन अनशन पर जिला परिषद सदस्य उमेद सिंह, हर्ष कौशिक, सुभाष सैनी, पवन रामप्रताप शर्मा व सीताराम कुमावत बैठे हुए थे।
इस दौरान जिला परिषद सदस्य उमेद सिंह को अचानक चक्कर आने लगे और उनकी तबीयत खराब हो गई। निर्वाण की तबीयत खराब होने पर खेतड़ी के राजकीय अजीत अस्पताल से चिकित्सकों की टीम मौके पर बुलाई गई। सूचना पर डॉ. कृष्ण कुमार मीणा, लैब टेक्नीशियन अमित कुमार जांगिड़ व सुभाषचंद्र मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने उमेद सिंह की जांच कर आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवाई।
धरने को संबोधित करते हुए धर्मेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राज्य सरकार को जिलों के गठन को लेकर पुनर्विचार करना चाहिए। जन भावनाओं को देखते हुए आमजन के हित में फैसला लेना चाहिए। खेतड़ी क्षेत्र पूर्व में एक रियासत रहा हुआ है, जो अपने आप में एक अलग पहचान रखता था, लेकिन राजनीतिक उदासीनता के चलते आज खेतड़ी अपना अस्तित्व खो रहा है। खेतड़ी के अस्तित्व को बचाने को लेकर युवाओं की ओर से संघर्ष समिति का गठन कर खेतड़ी को जिला बनाने की मांग की जा रही है। इसके बावजूद भी यदि सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया गया तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
इस मौके पर दिनेश सोनगरा, पूर्व चेयरमैन सीताराम वर्मा, आनंद कुमार, डॉ. सोमदत भगत, सत्यनारायण भार्गव, दुर्गा प्रसाद सैनी, नागर मल सैनी, राजेश सांखला,कपिल देव जांगिड़, सचिन वाल्मीकि, महेंद्र सिंह, कपिल तंवर, एडवोकेट ग्यारसीलाल गुर्जर सहित अनेक लोग मौजूद थे।