राजा बलि ने वचन निभाते हूए अपना शरीर भगवान को अर्पित कर दिया – संत श्री राजाराम महाराज

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल

झुंझुनूं : झुन्झुनू स्थित रघुनाथ जी का बडा मंदिर में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा वाचन करने वाले चित्रकूट से पधारे संत राजाराम महाराज ने भगवान के वामन अवतार की बहुत ही रोचक कथा का वर्णन झांकी के साथ किया । वामन अवतार की कथा में उन्होंने बताया कि भगवान ने राजा बलि से दान में तीन ही पग मांगा । प्रभु ने पहले पग में राजा बलि का मन नापा दूसरे में पूरी सृष्टि यानी धन को नाप लिया । जब तीसरे पग की बारी आई राजा बलि मूक हो गए और अपना शरीर अर्पित कर दिया । इसके साथ ही समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए कहा कि यह संसार भगवान का सुंदर बगीचा है जिसमे मानव रूपी फूल खिले हुए हैं ।

जब भी कोई राक्षसी प्रवृति वाला व्यक्ति इस बगीचे को नुक्सान पहुंचाने की चेष्टा की है तब तब भगवान ने इस धरा पर अवतरित होकर मानव जाति को राक्षसों से बचाया है । उन्होंने कहा कि हमारा शरीर भी समुद्र की तरह है । इसके मन मे कभी अच्छे विचारों का तो कभी बुरे विचारों का चिंतन मंथन चलता रहता है । उन्होंने बताया कि जिस प्राणी के अंदर बुरे विचारों वाला दानव जीत गया तो उसका जीवन दुखी व नर्क बन जाता है और अच्छे विचारों वाला देवता जीत गया तो उसका जीवन सुखमय व भागवत प्रेम से भरा होगा। समुद्र मंथन से प्रेरणा लेते हुए हर प्राणी को बुरे विचारों पर अच्छे विचारों से जीतते हुए अपने मानव जीवन को सुखमय व आनन्द मय बनाना चाहिए ।

कथा के संयोजक वसुंधरा राजे समर्थक मंच प्रदेश प्रमुख महामंत्री महेश बसावतिया ने बताया कि आज की कथा में श्री बूंटीराम जनकल्याण संस्थान के सचिव धीरेन्द्र चौधरी, मन्जु देवी, चौधरी, नरेन्द्र शर्मा, संदीप सोनी, श्रीकांत पंसारी, सुरेन्द्र शर्मा, श्याम सुंदर लालपुर, देवेन्द्र टेलर, योगेश शर्मा, बाबूलाल शर्मा,केशर देव शर्मा, व मातृशक्ति मंजू तुलस्यान, उमा जालान , सरिता जालान, शिवांगी पंसारी आदि उपस्थित थे।

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