दौसा-लालसोट : दौसा जिले के लालसोट उपखंड मुख्यालय पर दसवीं कक्षा की छात्रा खुशबू मीणा (15) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। खुशबू के पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। वह अपनी मां के साथ न्यू कॉलोनी में किराए के घर में रहती थी। गुरुवार सुबह खुशबू की मां अपने बेटे की फीस जमा करने के लिए स्कूल गई थी। घर में खुशबू और उसका छोटा भाई था। इस दौरान खुशबू ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका छात्रा ने अपने माता-पिता के लिए एक सुसाइड नोट छोड़ा है। जिसमें उसने लिखा- 95 फीसदी नंबर नहीं ला पाऊंगी, आई एम सॉरी पापा-मम्मी…
इधर, मृतका की छात्रा स्कूल से धर लौटी तो उसने खुशबू का शव फंदे पर लटका देखा। ये देखकर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पीएम के लिए छात्रा का शव जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला है। थाना अधिकारी नाथू लाल मीणा ने बताया कि सुसाइड नोट से ऐसा लग रहा है कि बच्ची पर पढ़ाई का प्रेशर था। वह बोर्ड परीक्षा को लेकर डरी हुई थी। मामले की जांच की जा रही है।
मृतक छात्रा खुशबू ने अपने सुसाइड नोट में लिखा- ‘आईएम सॉरी…पापा मम्मी, मुझसे नहीं हो पाएगा, मैं नहीं बना पाती शायद 95 प्लस परसेंटेज, मैं परेशान हो गई हूं। 10वीं क्लास से मुझसे अब और नहीं सहा जाता, आई लव यू पापा, मम्मी एंड ऋषभ, आईएम सो सॉरी…आपकी खुशबू’।
थाना अधिकारी नाथू लाल मीणा ने बताया कि छात्रा के पिता विश्राम मीणा मूलत: जालौर के भामावास गांव के रहने वाले हैं। वह जालौर जिले में एक सरकारी स्कूल में अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।
बेटी के इस कदम से पूरा परिवार सदमे में है। वे यह कल्पना तक नहीं कर पा रहे हैं कि दसवीं में पढ़ने वाली उनकी बेटी ऐसा भी कदम उठा सकती है। माता- पिता दोनों का ही रो-रोकर बुरा हाल रहा। चार साल का छोटा भाई बार-बार अपनी बहन के बारे में पूछता रहा। मां ने बताया कि उन्होंने बेटी पर पढ़ाई का कभी दबाव नहीं बनाया। हम उससे यही कहते थे कि नंबरों से कुछ नहीं होता, लेकिन वह खुद हमेशा आगे रहने और पढ़ाई में अव्वल रहने की बात कहती थी। वह पढ़ने में होशियार थी। उसने ये कदम क्यों उठाया, समझ में नहीं आ रहा है।