झुंझुनूं-नवलगढ़ : झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ कस्बे में रंजिश के चलते सरपंच पति पर दो कैंपर और एक पिकअप में आए 8 से 10 बदमाशों ने जानलेवा हमला कर दिया। मामला बिरोल ग्राम पंचायत की है। जहां सरपंच व सरपंच फोरम की अध्यक्ष अनिता देवी के पति नरेंद्र कड़वाल पर सुबह 11.30 बजे हमला किया गया। नवलगढ़ थाने में नामजद मामला दर्ज कराया गया है।
नरेंद्र कड़वाल झाझड़ रोड स्थित अपनी दुकान पर बैठे थे। इसी दौरान कैंपर और पिकअप में आए बदमाशों ने कड़वाल पर हमला कर दिया। साथ ही दुकान के पास हवा में फायरिंग भी की। बताया जा रहा है कि हमला पुरानी रंजिश के चलते किया गया।
सूचना मिलने पर पुलिस उप अधीक्षक सतपाल सिंह जिला अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी जुटाई। नरेंद्र कड़वाल ने बताया कि सुबह वे दुकान पर अकेले थे। हमला करने वाले युवकों के हाथों में सरिए और हथियार थे। आरोपियों ने दुकान में घुसकर मारपीट की। इस दौरान हमले में नरेंद्र के सिर पर चोट आई है। दुकान पर कारतूस के खोल भी मिले हैं। हालांकि पुलिस ने फायरिंग को लेकर पुष्टि नहीं की है।
परिवार पर हो चुका है हमला
पीड़ित नरेंद्र कड़वाल ने बताया कि उसके परिवार के लोगों पर पहले भी हमला हो चुका है। यह वही आरोपी हैं जिन्होंने पहले परिवार के लोगों पर हमला किया था। पुलिस को इस बारे में मुकदमा दर्ज करवा दिया था। लेकिन पुलिस ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। डीएसपी सतपालसिंह ने बताया कि नरेंद्र कड़वाल के साथ मारपीट करने की सूचना मिली है। पुलिस जांच में जुट गई है।
नरेंद्र कड़वाल ने नामजद रिपोर्ट कराई दर्ज
पीड़ित नरेंद्र कड़वाल ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में विकास बटार बसावा, संदीप गिल, रोहित गिल, संजय श्योराण, पंकज लमोरिया उर्फ मोटू, प्रमोद झाझड़िया व पांच-सात अन्य पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट में बताया कि विकास बटार के हाथ में पिस्टल थी। आरोपियों ने धारदार हथियारों से हमला किया। विकास ने गाड़ी से नीचे उतरने के बाद फायर किए। आरोपियों ने जान से मारने की नीयत से हमला किया। आरोपी दुकान के गल्ले से 30 हजार रुपए भी निकालकर ले गए।
नरेंद्र ने बताया कि खिरोड़ में आरोपियों ने विकास गढ़वाल का होटल तोड़ दिया था, इस सिलसिले में वह सोमवार की रात पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए विकास के साथ गया था। सात माह पहले आरोपियों ने उसके भतीजे सुमेर व सोमेंद्र की बाइक को आरोपियों ने टक्कर मार दी, सात माह बीत जाने के बाद भी पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। जनप्रतिनिधि होने के साथ लोगों के साथ काम के लिए जाना पड़ता है।