जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं-चिड़ावा : रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान द्वारा गुरूवार को डालमिया खेलकूद परिसर में जिला स्तरीय कृषि मेला एंव किसान संगोष्ठी का आयोजन श्री कणर् नरेन्द्र कृषि विश्वविधालय, जोबनेर के कुलपति डाॅ0 बलराज सिंह के मुख्यआतिथ में आयोजित हुआ। अध्यक्षता प्रवासी उद्योगपति रघुहरि डालमिया ने की और विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि विश्वविधालय, बीकानेर के पूवर् निदेशक डाॅ0 हनुमान प्रसाद, नाबार्ड के जिला प्रबंधक राजेश मीना आदि उपस्थित थे। मेले में अन्नदाताओं की आथिर्क समृद्धि के लिए नवीनतम ज्ञान एंव तकनीक पर आधारित विभिन्न कृषि उपयोग में आने वाली मशीनरी, उपकरणों, कृषि आदानों व उन्नत किस्म के पशुओं का प्रदशर्न किया गया जिसे क्षेत्र के हजारों पुरूष एंव महिला किसानों ने अवलोकन किया। क्षेत्र के किसानों ने फसल प्रदशर्नी में भी भाग लिया।
कृषि संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए एसकेएन कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के कुलपति डाॅ0 बलराज सिंह ने कहा कि किसानों को अपनी आय बढाने के लिए नवीन अनुसंधानों का लाभ लेना होगा और कम पानी वाली फसलों की बुवाई करने के साथ ही वषार्जल संरक्षण की पद्धतियाँ अपनानी होगी। उन्होनें कहा कि अब समय आ गया है जब हमें खाद्यान की मात्रा वृद्धि पर जोर देने के साथ ही खाद्यानों की पोष्टिकता पर ध्यान देना होगा। उन्होनंे किसानों से आग्रह किया कि मोटे अनाज की बुवाई करे क्योंकि इस अनाज में पौषक तत्व भरपूर होते है इसी दृष्टि से संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 वषर् को मोटे अनाजों का वषर् घोषित किया है। उन्होनें डालमिया संस्थान द्वारा जल एंव पयार्वरण संरक्षण के लिए चलाए जा रहे अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि भविष्य में हमें पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना होगा ऐसी स्थिति में वषार्जल संरक्षण एंव इसकी उपयोगिता पर विशेष ध्यान देना होगा। डाॅ0 बलराज सिंह ने कहा कि देश में जमीन घट रही है जनसंख्या एंव तापमान बढ रहा है ऐसे समय में वैज्ञानिकों द्वारा किये गये अनुसंधानों पर ध्यान देना होगा और कम पानी वाली खेती अपनानी होगी।
कृषि संगोष्ठी में बीकानेर कृषि विश्वविधालय के पूवर् निदेशक डाॅ0 हनुमान प्रसाद ने कहा कि पानी व पयार्वरण संरक्षण वतर्मान समय की आवश्यकता है और इसके लिए डालमिया सेवा संस्थान चिड़ावा क्षेत्र में अनुकरणीय कायर् कर रहा है। उन्होनें कहा कि जलवायु परिवतर्न के कारण खेती व जैव विविधता पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है इस सबका सामना करने के लिए किसानों को समन्वित कृषि प्रणाली अपनानी होगी। उन्होने बताया कि डालमिया सेवा संस्थान जल व पयार्वरण संरक्षण के साथ किसानों केा उनकी उपज का अधिकतम लाभ दिलाने में सहयोग कर रहा है। नाबाडर् के जिला विकास प्रबंधक राजेश मीना ने नाबाडर् द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और चिड़ावा क्षेत्र के गांव मालूपुरा में स्वीकृत की गयी परियोजना पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस परियोजना में बागवानी, सब्जी उत्पादन, डेयरी, मुगीर्पालन सहित कृषि आधारित कायर्क्रम संचालित किये जाएगे ताकि किसानों की आय में इजाफा हो सके। इस अवसर पर पुलिस उपनिरिक्षक सुरेश शमार्, विकास अधिकारी रणसिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रवासी उद्योगपति एंव ट्रस्टी रघुहरि डालमिया ने कहा कि ऐसे मेलों के माध्यम से किसानों को नवीनतम तकनीकी एंव अनुसंधानों के आधार पर तैयार किये गये कृषि उपकरणों, अधिक उपज देने वाले बीजों, विभिन्न प्रकार की खादों एंव अन्य कृषि संबधी उत्पादों की जानकारी मिलती है जिसे वे इन नवीन पद्धतियों व उपकरणों को अपनाकर अपनी आय बढा सकते है। उन्होनें बताया कि डालमिया सेवा सस्ंथान आई आई टी नई दिल्ली के विशेषज्ञों से कृषि उत्पादन बढाने की तकनीक प्राप्त करने का प्रयास कर रहा और शीघ्र ही इन विशेषज्ञ दल के सदस्यों का चिड़ावा क्षेत्र का दौरा होगा उन्होनें किसानों से कृषि के साथ-साथ उन्नत पशुपालन करने की सलाह भी दी।
कृषि मेले में आयोजित तकनीकी सत्र में कीट विशेषज्ञ सहदेव, उधान विभाग के उपनिदेशक डाॅ0 शीशराम जाखड़, कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर के कायर्क्रम समन्वयक डाॅ0 दयानन्द एंव बायोएन्जाइम विशेषज्ञ रामप्रकाश ने भी किसानों को कृषि उत्पादन बढाने व पयार्वरण संरक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी बाद में प्रशनोतरी प्रतियोगिता भी हुई जिसमें सफल प्रतिभागियो को पुरूस्कार देकर सम्मानित किया गया।
प्रारम्भ में संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेन्द्र पालीवाल ने संस्थान की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला और बताया कि संस्थान वषर् 2004 से संस्था किसानों की समृद्धि के साथ- साथ वषार्जल संरक्षण और पयार्वरण संरक्षण के लिए कायर् कर रही है।
इस दौरान होशियार सिंह जलयोद्धा, ग्राम विकास समिति नरहड़ को सवर्श्रेष्ठ ग्राम विकास समिति और पीजीएस ग्रीन का प्रमाण पत्र तथा 5 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा फसल प्रतियोगिता के सफल प्रतिभागियों और स्टाल के सवर्श्रेष्ठ प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया इस अवसर पर मेले में आने वाले किसानों के किये गये पंजीयन में से 5 को भी प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। अंत में संस्थान सलाहकार निरंजन सिंह ने सबका आभार व्यक्त किया