जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं-चिड़ावा : चिड़ावा क्षेत्र में घटते भू-जल स्तर एवं कृषि में पानी के बढते हुए दोहन एवं बढते हुए पयार्वरण प्रदुषण को कम करने के लिए रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान चिड़ावा पंचायत समिति के गाँवों में विगत 18 वर्षों से समाज में जागरूकता लाने हेतु कार्य कर रही है। संस्थान द्वारा वषार् जल संग्रहण , भूजल पुनभर्रण हेतु ग्रामीण समुदाय की सहभागिता से संरचनाओं का निमार्ण किया गया है वैज्ञानिक आधार पर किये गए भूगर्भ सर्वे के आधार पर ज्ञात आंकड़ों को समाज को साथ साझा किया गया की तेजी से भूजल निचे गिर रहा है यही स्थिति रही तो बहुत जल भूजल शून्य हो सकता है। चूँकि क्षेत्र मंे कोई सतही जल स्त्रोत नहीं होने के कारण भूजल ही एक मात्र स्त्रोत है और कृषि भी उसी पर निभर्र है।
संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेन्द्र पालीवाल ने बताया कि वतर्मान में 90 प्रतिशत भूजल दोहन कृषि क्षेत्र में हो रहा है। कृषि में भूजल का समुचित उपयोग करने एंव पर ड्राप मोर क्रॉप एवं नवीन तकनीकियों द्वारा भूजल के उपयोग को घटाने का कार्य संस्थान झुन्झुनू जिले के विभिन्न गाँवों में कर रही है।
वर्षा जल संरक्षण एवं भूजल का समुचित प्रबंधन खेती में कैसे किया जा सकता है इसी को समझने और समझने के लिए एवं तकनिकी के प्रचार – प्रसार हेतु संस्थान द्वारा हर वषर् की भांति इस वर्ष भी जिला स्तरीय एक दिवसीय ‘‘कृषि मेले’’ का आयोजन गुरूवार, 23 फरवरी, 2023 को श्री रामकृष्ण जयदयाल डालमिया खेल-कूद परिसर में किया जाएगा।
कृषि मेले का उद्देश्य कृषि एवं कृषि से संबंधित क्षेत्रों में आधुनिक जानकारियों से अवगत कराना तथा उसे दैनिक कायोर्ं में शामिल कराना। मिट्टी व जल संरक्षण के तरीके, उन्नत किस्म के बीज, जैविक खेती, कटाई -उपरान्त रख रखाव और संरक्षित खेती आदि के बारे में नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराना।
मेले में कृषि विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा सरकारी योजनाओं की जानकारियां उपलब्ध करवाई जाएगी। किसानों मे प्रकृति प्रदत संसाधन (जल) का विवेकपूर्ण उपयोग हेतु जागृति लाना। किसानों को विभिन्न संस्थाओं द्वारा दिये जाने वाले तकनिकी ज्ञान, ऋण, बीमा व अन्य सहायता के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना आदि। इस मेले में सभी ग्रामवासियांे, कृषि से जुड़े संस्थानों एवं कृषि से संबंधित व्यवसायियों से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा सहयोग करें। किसान भाईयों से निवेदन हैं कि अपनी कृषि संबंधी समस्याओं के निराकरण हेतु अपने सगे संबंधियों एवं मित्रों सहित अवश्य पधारने का श्रम करें।
संस्थान के कृषि समन्वयक शुबेन्द्र भटट् ने बताया कि इस मेले के मुख्य आकषर्ण कृषि संबंधी समस्याओं का विशेषज्ञों द्वारा मौके पर समाधान, फसल प्रतियोगिता पशुओं से संबंधित बिमारियों की जानकारी एवं उपचार हेतु सलाह, खाद एवं बीज कम्पनियों की स्टाल, कृषि संबंधित विभागीय प्रदशर्नी ड्रिप-सिंचाई ,सौर उर्जा संयंत्र, कृषि यन्त्र, इन्स्योरेन्स कंपनी एवं बैंक की स्टाल एवं वर्षा जल संरक्षण माॅडल आदि रहेंगे। जिनमें कृषि यंत्र संबंधी- 5, पशु चिकित्सा संबंधी उत्पादों की एक, ऑटोमोबाइल संबंधित-3, बैंक संबंधी -2, सोलर ऊर्जा संबंधित -3, विभिन्न फर्टिलाइजर संबंधित -3, सूक्ष्म तत्वों की -1, नर्सरी की -2, जैविक उर्वरक संबंधित -2, पेस्टिसाइड संबंधित -3, बीज संबधी -14, ट्रैक्टर संबंधी 7 राजकीय एवं सरकारी विभागों से संबंधित -5 स्टाल मेलें में रहेगी।