झुंझुनूं-पिलानी(नरहड़) : साम्प्रदायिक सौहार्द्र और कौमी एकता की मिसाल नरहड़ दरगाह का 754वां उर्स शुक्रवार, आज 17 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। सूफी संत हजरत हाजिब शकरबार शाह की दरगाह राजस्थान की दूसरी सबसे बड़ी दरगाह है। पीर बाबा की दरगाह के सालाना आयोजन को लेकर इंतजामिया कमेटी द्वारा तैयारियों को आज अंतिम रूप दिया गया।
17 से 19 फरवरी तक चलने वाले 3 दिवसीय उर्स की शुरुआत दरगाह के बुलंद दरवाजे पर झंडा पेश करने की रस्म के साथ होगी। दरगाह खादिम शाहिद पठान ने बताया कि पुराने जमाने में संदेश प्रसारित करने का कोई साधन नहीं हुआ करता था, उस समय झंडे चढ़ाकर संदेश दिया जाता था। बाद में इसे परंपरा के तौर अपना लिया गया। शुक्रवार को झंडे की रस्म व कुरानख्वानी फातेहा होगी तथा रात को दरगाह परिसर मे सूफियाना कलाम भी पेश किए जाएंगे, जो कि तीन दिन तक चलेंगे।
इस दौरान अकीदतमंद पीर बाबा के दरबार में देश के हर कोने से पहुंचकर अपनी आस्था प्रकट करेंगे। दरगाह सदर खलील बुडाना, सचिव उस्मान पठान ने बताया कि प्रशासन व कमेटी के द्वारा चिकित्सा, पानी, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। शनिवार 18 फरवरी को रस्म गुस्ल मजार शरीफ हजरत हाजिब शकरबार पीर बाबा का होगा। असर की नमाज के बाद कुल के छींटों की रस्म अदा होगी, जिसमें सभी को बाबा के पानी के छींटें लगाए जाएंगे।
उर्स के दौरान विभिन्न रसूमात और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उर्स के आखिरी दिन 19 फरवरी को सुबह 11 बजे धरसु वाले बाबा के फातेहा व कुल के छींटों के साथ उर्स का समापन होगा।
दरगाह सेवा फाउंडेशन के निदेशक शाहिद पठान ने बताया कि फाउंडेशन की ओर से 18 फरवरी को लंगर फातेहा के सभी जायरीनों के लिए विशेष इंतजाम किए गए है। साथ ही फाउंडेशन के द्वारा दरगाह में फूलों से विशेष सजावट की जा रही है।