झुंझुनूं-खेतड़ी : घायल लैपर्ड का उपचार जारी:सांकड़ा की पहाड़ियों पर मिला था, स्वस्थ होने पर छोड़ा जाएगा अभ्यारण में

झुंझुनूं-खेतड़ी : खेतड़ी उपखंड के बागोर रिजर्व कंजर्वेशन की अस्थाई नर्सरी के पास सांकड़ा की पहाड़ियों में मिले घायल लेपर्ड का उपचार जारी है। लेपर्ड के स्वस्थ होने पर जल्द ही खेतड़ी के बांसियाल रिजर्व कंजर्वेशन में छोड़ा जाएगा। वन विभाग के रेंजर विजय कुमार फागेडिया ने बताया कि रविवार को ग्रामीणों के द्वारा सूचना मिली की बागोर रिजर्व कंजर्वेशन के पास अस्थाई नर्सरी के पास साकड़ा की पहाड़ियों में एक लेपर्ड आबादी क्षेत्र में आ गया है। सूचना पर तुरंत वन विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंची और जयपुर जू के डॉ अरविंद माथुर के नेतृत्व में टीम ने लेपर्ड को ट्रेंक्यूलाइज किया।

लेपर्ड के पिछले पांव में लगी चोट

इसके बाद लेपर्ड को खेतड़ी रेंज कार्यालय में लाया गया। जहां लेपर्ड के पिछले पांव में चोट लगने से अस्वस्थ होने की बात सामने आई। जिस पर उसे जयपुर के नाहरगढ़ जूलॉजिकल पार्क में ले जाया गया। यहां लेपर्ड का उपचार चल रहा है। स्वस्थ होने पर लेपर्ड को खेतड़ी बांसियाल रिजर्व कंजर्वेशन में उसे छोड़ा जाएगा।

नाहरगढ़ जूलॉजिकल पार्क में उपचार जारी

रेंजर विजय कुमार ने बताया कि खेतड़ी बांसियाल रिजर्व कंजर्वेशन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा में अलग से बजट दिया है। जिससे अभ्यारण का काम और तेज गति से शुरू होगा। जल्द ही अभ्यारण के चारों और दीवारें और तार फेंसिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि बांसियाल रिजर्व कंजर्वेशन करीब सात हजार हेक्टेयर में फैला हुआ है। जिसमें दो दर्जन के करीब लेपर्ड और उनके शावक है। इसके अलावा जरख, गीदड़, नीलगाय, जंगली सूअर, चिंकारा समेत अन्य जंगली जानवर भी अभ्यारण में मौजूद है। अभी बांसियाल कंजर्वेशन का काम प्रगति पर होने के कारण जंगली जानवर आबादी क्षेत्र में आ जाते है। लेकिन जल्द ही दीवार और तार फेंसिंग का काम होने के बाद जंगली जानवर कंजर्वेशन से बाहर नहीं आ पाएंगे। इसके अलावा सरकार की ओर से सफारी कराने को लेकर भी तैयारियां की जा रही है। इधर डॉक्टर अरविंद माथुर ने बताया कि लेपर्ड का उपचार जारी है। अब उसकी हालत में सुधार हो रहा है। जल्द ही वह स्वस्थ हो जाएगा।

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