झुंझुनूं : मोहल्ले वाले मिलकर पढ़ा रहे पांच सौ मु​स्लिम लड़कियों को फ्री

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अंसार मुज़्तर

झुंझुनूं : मुस्लिम लड़कियों के लिए कोई अलग से स्कूल नहीं था तो मोहल्ले वालो ने ही मिलकर एक बारहवीं तक का स्कूल खोल दिया। आज इस स्कूल में दो हजार बच्चियां पढ़ रही हैं। इनमें से पाचं सौ जरूरतमंद बच्चियों को मुफ्त में पढ़ाया जा रहा है। झुंझुनूं के काजीवाड़ा मोहल्ले के लोगों ने यह मिसाल पेश की है।

हालात देखकर लिया निर्णय
दरअसल मोहल्ले के सक्षम लोगों ने देखा कि कई परिवार बच्चियों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। कुछ भेज भी रहे हैं तो वह बेटी को दसवीं के आगे की पढ़ाई नहीं करवा रहे। इस पर उन्होंने इत्तिहादुल कुरैश नामक संस्था का गठन किया और आपस में पैसे जमा कर अल मदनी इस्लामिया गर्ल्स सीनियर सैकंडरी स्कूल का निर्माण करवाया। सत्र 2011-12 से इसकी शुरुआत की गई। बारहवीं में यहां कला और विज्ञान विषय पढ़ाया जाता है। स्कूल में सांइस कम्यूटर लैब भी है। इस स्कूल में दुनियावी के साथ-साथ दीनी तालीम भी दी जा रही है। पढ़ाई भी केवल महिला शिक्षिकाएं ही कराती हैं।

बाकी शहरों का माहौल देखकर आई समझ में
काजीवाड़ा मोहल्ले के कई लोग देश और विदेश में व्यापार कर रहे हैं। साथ ही वहां मुस्लिम बच्चियों की पढ़ाई के लिए डोनेशन भी दे रहे थे। उन्होंने वहां मुस्लिम परिवारों में पढ़ाई का माहौल देखा तो समझ में आया कि झुंझुनूं इस मामले में दस प्रतिशत भी नहीं है। अध्ययन किया तो पता चला कि कई परिवार संयुक्त स्कूल में लडकों के साथ लड़कियों को पढ़ने के लिए भेजना नहीं चाहते तो कई परिवार ऐसे हैं जो मोटी फीस वहन नहीं कर सकते, इसलिए बेटियों को नहीं पढ़ा रहे। इस पर सबने मिलकर सोचा कि दूसरे स्कूलों में डोनेशन देने के बजाय खुद के शहर में ही मुस्लिम लड़कियों के लिए स्कूल खोल दिया जाए। पूरे झुंझुनूं जिले में यही एक मात्र स्कूल है जहां केवल मुस्लिम लड़कियां पढ़ाई कर रही हैं।

फीस भी इतनी कि स्कूल चल सके
ट्रस्ट ने स्कूल प्रशासन को भी यह हिदायत दे रखी है कि वे ज्यादा बचत के चक्कर में नहीं पड़ें, सत्र के अंत में उनके पास उतनी ही राशि बचनी चाहिए जिससे अगला सत्र शुरू किया जा सके। इसलिए फीस देने में सक्षम परिवार से मुनासिब फीस ही ली जाती है।

कॉलेज में भी मुफ्त पढ़ाई कराने का प्रयासअल मदनी इस्लामिया गर्ल्स सीनियर सैकंडरी स्कूल में नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रही जरूरतमंद बच्चियों को कॉलेज में भी निशुल्क शिक्षा मिले, इसके लिए स्कूल प्रशासन ऐसे कॉलेज प्रशासन से बात करता है जहां बच्चियां आगे की पढ़ाई करना चाहती हैं।

इनका कहना है
लड़कों के साथ लड़कियों का भी शिक्षित होना बहुत जरूरी है। इसे देखते हुए मोहल्ले के जिम्मेदारों ने बारहवीं तक का स्कूल शुरू किया। आज इस स्कूल में सभी तरह की सुविधाएं हैं। हाल ही स्कूल को जिला स्तर पर बेस्ट गर्ल्स स्कूल का खिताब भी मिला है। कुल मिलाकर यह स्कूल मुस्लिम बेटियों के लिए एक तोहफा है।

  • मोहम्मद हारून, प्रधानाचार्य अल मदनी इस्लामिया गर्ल्स स्कूल झुंझुनूं
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