बाड़मेर(Baba Ramdev): ईसाई ओर इस्लाम पर बयान देकर बुरे फंसे योग गुरु रामदेव, चौहटन थाने में प्राथमिकी दर्ज

बाड़मेर(Baba Ramdev): योग गुरु रामदेव पर मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में बाड़मेर जिले के चौहटन में मामला दर्ज हुआ है। बीते 2 फरवरी को बाड़मेर में एक धार्मिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि मुसलमान के लिए इस्लाम का मतलब है सिर्फ नमाज पढ़ो। फिर चाहे कुछ भी करो। चाहे आतंकवादी बनो या हिंदूओं की लड़कियां उठाओ, कुछ भी करो।

बाड़मेर के चौहटन निवासी पठाई खान ने रामेदव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि बाबा रामदेव ने इस्लाम धर्म और उसके अनुयायियों और उसमें आस्था रखने वालों के खिलाफ जानबूझकर ऐसा वक्तव्य दिया है। जिससे इस्लाम के प्रति अन्य धर्मों में शत्रुता, घृणा और वैमनस्य की भावना उत्पन्न हो।

चौहटन थाने में दर्ज प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि योग गुरू रामदेव पहले भी इस प्रकार की टिप्पणियां करते रहे है। तथा यह आदतन धार्मिक भावनाओं ठेस पहुंचाते रहे है।

ये कहा था योग गुरु ने

रामदेव ने हिंदू-मुस्लिम-ईसाई धर्म की आपस में तुलना करते हुए कहा, ‘मुसलमान आतंवादी हो या अपराधी, वह नमाज जरूर पढ़ता है। वे इस्लाम को सिर्फ नमाज तक ही समझते हैं। बस 5 बार नमाज पढ़ो और उसके बाद जो मन में आए वह करो। हिंदू लड़कियों को उठाओ और जो भी पाप करना है, वह करो।

दरअसल, बाबा रामदेव यहां एक मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचे थे। रामदेव ने कहा कि मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं। लेकिन कोई इस दुनिया को इस्लाम में तो कोई ईसाई में बदलना चाहता है। लेकिन बदलकर करोगे क्या?

ईसाई धर्म में मोमबत्ती जलाने से खत्म हो जाते हैं पाप

योग गुरु ने कहा कि इस्लाम में जन्नत का मतलब है कि टखने के ऊपर पायजामा पहनो। मूंछे कटवा लो और दाढ़ी बढ़ा लो। टोपी पहन लो। क्या ऐसा कुरान कहता है? फिर भी लोग ऐसा कर रहे हैं। फिर कहते हैं कि उनकी जगह जन्नत में पक्की हो गई है। जन्नत में हूरें मिलेंगी। ये सारी जमात को इस्लाम में बदलना चाहते हैं।

रामदेव ने कहा कि मुसलमान 5 वक्त की नमाज पढ़ते हैं। यदि उनसे पूछा जाए कि तुम्हारा धर्म क्या सीख देता है तो जवाब मिलता है कि नमाज पढ़ो और फिर मन में जो आए वह करो। हिंदू लड़कियों को उठाओ और जो भी पाप करना है, करो। कई मुसलमान ऐसा करते हैं, लेकिन नमाज जरूर पढ़ते हैं। आतंकवादी बन जाते हैं, लेकिन नमाज जरूर पढ़ते हैं।

उन्हें यही सिखाया जाता है कि इस्लाम का यही मतलब है। लेकिन हिंदू धर्म में ऐसा बिल्कुल नहीं है। उन्होंने ईसाई धर्म और हिंदू धर्म की आपस में तुलना करते हुए कहा कि गिरिजाघर जाओ और मोमबत्ती जलाकर ईसा मसीह के सामने खड़े हो जाओ। सभी पाप खत्म हो जाते हैं। लेकिन हिंदू धर्म में ऐसा नहीं है।

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