जयपुर : राजस्थान विधानसभा में एक बार फिर पेपर लीक का मुद्दा गूंजा। राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान अपना वक्तव्य नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया बोले- पेपर लीक बहुत गंभीर मामला है। पिछली बार रीट परीक्षा का पेपर जयपुर में शिक्षा संकुल से बाहर कैसे आ गया ? प्राइवेट लोगों को किसने लगाया ? डबल लॉक की चाबी से पेपर निकल जाए तो राजस्थान का बच्चा किसको दोष देगा ?
पेपर लीक बहुत बड़ा स्कैंडल
कटारिया बोले- टीचर भर्ती का पेपर लीक हुआ। यह पेपर लीक नहीं हुआ, बल्कि यह बहुत बड़ा स्कैंडल है। वो तो बच्चों ने ही सूचना दे दी और उदयपुर एसपी ने कार्रवाई कर दी। रात को 8 बजे नकल करने के लिए गाड़ी में बैठाया गया और 2 बजे पेपर दिया। एसपी ने पीछा करके आरोपियों को सभी साधनों के साथ पकड़ लिया।
अगर उदयपुर एसपी को सूचना नहीं मिलती तो कितनी ही गाड़ियों में पेपर सॉल्व करवाए जा रहे थे ? अब पेपर लीक हो गया, तो एक्शन के नाम पर खानापूर्ति करने से कुछ नहीं होने वाला है। पेपर निकला होगा तो आखिर एक जगह से निकला होगा। जब तक चोर की मां को नहीं मारोगे, तब तक पेपरलीक से बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं रुकेगा।
भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ मुकदमों की परमिशन क्यों नहीं दे रही सरकार ?
कटारिया बोले- जिस तरह से एसीबी ने सख्त केस दर्ज किए हैं, उससे देश में राजस्थान का मान बढ़ा है, लेकिन प्रदेश सरकार ने आरोपियों भ्रष्टाचारियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं देकर सब बेड़ा-गर्क कर दिया है IAS, IPS और बड़े अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में साल 2017 से अभियोजन स्वीकृति के मामले पेंडिंग हैं। इन पर सरकार मंजूरी क्यों नहीं जारी करती है।