अजमेर : दो करोड़ की रिश्वत मामले में जेल में बंद SOG की तत्कालीन एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल के वॉइस सैंपल टेस्ट पर कोर्ट में अब सुनवाई 8 फरवरी को होगी। गुरुवार को एसीबी की ओर से पेश किए गए प्रार्थना पत्र पर कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई। जिसमें कोई निर्णय नहीं निकला। कोर्ट ने अब अगली सुनवाई 8 फरवरी को तय की है।
बचाव पक्ष के एडवोकेट प्रीतम सिंह सोनी ने बताया कि एसीबी के बहुचर्चित दिव्या मित्तल रिश्वत प्रकरण में एसीबी की ओर से सीजीएम कोर्ट में वॉइस सैंपल के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया था। जिस पर सीजीएम कोर्ट से एसीजेएम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें दिव्या मित्तल की तरफ से पैरवी करते हुए मैंने आपत्ति जताई की उक्त प्रकरण एसीबी की विशेष कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में एसीजेएम कोर्ट में वॉइस सैंपल टेस्ट की सुनवाई उचित नहीं है। साथ ही उनका तर्क था कि एसीबी किस प्रावधान के तहत दिव्या मित्तल का वॉइस टेस्ट करवा रही है।
एसीबी ने अभी तक जिस सीडी से वॉइस टेस्ट करवाना है, वह भी उपलब्ध नहीं करवाई है। इसके साथ ही सोनी का कहना है कि कोर्ट इस तरह के मामले में साक्ष्य जुटाने का काम नहीं करती है। साक्ष्य जुटाने का काम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी का है। इसलिए कोर्ट को वॉइस टेस्ट के लिए निर्देशित करना अनुचित है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने उक्त मामले में अब 8 फरवरी को सुनवाई की तारीख दी है।