Hindenburg Report: तीन दिन में 39 फीसदी तक टूटे अदाणी कंपनियों के शेयर्स, 5.57 लाख करोड़ डूबे

अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों का गिरना लगातार जारी है। तीसरे दिन भी इसके शेयरों में 20 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। बुधवार से अब तक के तीन कारोबारी सत्रों में शेयरों में 39 फीसदी तक की गिरावट आई है। इससे बाजार पूंजीकरण 5.57 लाख करोड़ घटा है। मंगलवार को समूह का कुल पूंजीकरण 19.20 लाख करोड़ रुपये था जो सोमवार को घटकर 13.63 लाख करोड़ रुपये हो गया।

सोमवार को अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी टोटल गैस 20-20 फीसदी टूटे। ट्रांसमिशन 14.9, विल्मर, पावर और एनडीटीवी 5-5 फीसदी टूटकर बंद हुए। हालांकि, एसीसी, अंबुजा, पोर्ट और एंटरप्राइजेज बढ़त के साथ बंद हुए। उधर, दूसरी ओर हिंडनबर्ग और अदाणी समूह का एक दूसरे पर हमला जारी है।

अदाणी की नेटवर्थ 58 अरब डॉलर घटी
सितंबर में अदाणी की नेटवर्थ 155.7 अरब डॉलर थी। सोमवार को नेटवर्थ 92.7 अरब डॉलर रही। यानी 58 अरब डॉलर की कमी आई है। दिसंबर तक दुनिया के शीर्ष अमीरों में केवल अदाणी ऐसे अमीर थे, जिनकी संपत्ति में उस साल उछाल आया था। पर इस साल जनवरी में शीर्ष 12 अमीरों की सूची में एकमात्र अदाणी हैं जिनकी संपत्ति 28 अरब डॉलर घटी है। अदाणी अब दुनिया के अमीरों में आठवें नंबर पर खिसक गए हैं।

हिंडनबर्ग ने कहा, देश को लूट रहे हैं अदाणी
हिंडनबर्ग ने कहा, हम यह मानते हैं कि अदाणी समूह भारत के भविष्य को रोक रहा है। यह व्यवस्थित रूप से देश को लूट रहा है। अदाणी समूह ने जितने भी सवालों के जवाब दिए वे बड़े पैमाने पर निष्कर्षों की पुष्टि नहीं करते। सवालों से बचने की कोशिश की गई है। राष्ट्रवाद की आड़ में धोखे से नहीं बचा जा सकता है। इसने कहा कि उसके 88 सवालों में से 62 के कोई जवाब नहीं मिले हैं।

सोच समझकर किया गया हमला है
अदाणी समूह ने अपने जवाब में कहा है कि ये भारत देश, उसके संस्थान और विकास की कहानी पर सोच-समझकर किया गया हमला है। अदाणी समूह ने रविवार को कहा, यह बहुत चिंता की बात है कि बिना किसी विश्वसनीयता या नैतिकता के हजारों मील दूर बैठी एक संस्था हमारे निवेशकों पर गंभीर और विपरीत प्रभाव डाल रही है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट तैयार करने के लिए सही ढंग से रिसर्च नहीं की गई है, ना ही यह रिपोर्ट स्वतंत्र है। हिंडनबर्ग ने गलत सूचनाओं का उपयोग अदाणी समूह को बदनाम करने के लिए किया है।

एलआईसी ने कहा एयूएम का एक फीसदी से कम है निवेश
एलआईसी ने कहा है, पिछले कई वर्षों मे उसने अदाणी ग्रुप की कंपनी के 30,129 करोड़ रुपये के शेयर्स खरीदे हैं। जिसका बाजार मूल्य 27 जनवरी 2023 को 56,142 करोड़ रुपये था। समूह में उसके कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट का केवल 0.97 फीसदी है। एलआईसी का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट 41.66 लाख करोड़ रुपये है।

पीएनबी ने कहा हमारी नजर बनी हुई है
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने सोमवार को कहा कि वह अदाणी समूह पर करीब से नजर बनाए रखा है। इसने समूह को करीब  7,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है। बैंक के प्रबंध निदेशक अतुल कुमार गोयल ने कहा, आज की तारीख में चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि बैंक के आकार के अनुपात में निवेश बहुत ज्यादा नहीं है।

शेयर                            गिरावट     बाजार पूंजी घटी
अदाणी ग्रीन एनर्जी           37.93       1,15,000
अदाणी टोटल गैस            39.57      1,69,000
अदाणी ट्रांसमिशन            37.95      1,17,000
अदाणी पोर्ट                    21.55       36,000
अदाणी इंटरप्राइजेज         16.38       64,000
विल्मर                           14.25       10,618
अदाणी पावर                  14.24       15,111
अंबुजा                           22.28       22,060
एसीसी                          18.47        8,103
एनडीटीवी                     14.22        260

(आंकड़े तीन दिन के हैं और करोड़ रुपये में हैं। गिरावट फीसदी में है।

अमीरों में 8वें स्थान पर खिसके अदाणी, 62 अरब डॉलर घट गई कुल संपत्ति
शेयरों में जारी गिरावट से अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी की पूंजी में भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही वह दुनिया के सबसे अमीरों की सूची में खिसककर आठवें स्थान पर पहुंच गए। फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर्स के मुताबिक, गौतम अदाणी की संपत्ति सोमवार को 8.5 अरब डॉलर घटकर 88.2 अरब डॉलर रह गई। वहीं, सितंबर, 2022 में उनकी संपत्ति 155.7 अरब डॉलर थी। तब से अब तक इसमें 62 अरब डॉलर की कमी आई है।

दिसंबर,2022 तक दुनिया के शीर्ष अमीरों में अदाणी ही ऐसे अमीर थे, जिनकी संपत्ति बढ़ी। लेकिन, इस साल जनवरी में शीर्ष-12 अमीरों की सूची में एकमात्र अदाणी ही हैं, जिनकी संपत्ति 28 अरब डॉलर घटी है।

सोच-समझकर किया गया हमला : अदाणी
हिंडनबर्ग के आरोपों के जवाब में अदाणी समूह ने कहा, यह भारत देश, उसके संस्थान और विकास की कहानी पर सोच-समझकर किया गया हमला है। चिंता की बात है कि बिना विश्वसनीयता या नैतिकता के हजारों मील दूर बैठी एक संस्था हमारे निवेशकों पर गंभीर और विपरीत असर डाल रही है। हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए सही ढंग से रिसर्च नहीं किया और न ही यह रिपोर्ट स्वतंत्र है। समूह को बदनाम करने के लिए गलत सूचनाओं का इस्तेमाल  किया है।

राष्ट्रवाद की आड़ में बचने की कोशिश : हिंडनबर्ग
हिंडनबर्ग ने कहा, हम मानते हैं कि अदाणी समूह भारत के भविष्य को रोक रहा है। यह व्यवस्थित रूप से देश को लूट रहा है। समूह ने जितने भी सवालों के जवाब दिए, वे बड़े पैमाने पर निष्कर्षों की पुष्टि नहीं करते। यह राष्ट्रवाद की आड़ में सवालों से बचने की कोशिश है।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अदाणी समूह से जवाब मांगेगी एलआईसी
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयरों में आ रही भारी गिरावट पर एलआईसी भी सामने आ गई है। सोमवार को कंपनी एमडी राजकुमार ने कहा कि वह अदाणी समूह के प्रबंधन से इस पर बात करेंगे।

फिलहाल की जो स्थिति है, हमें यह नहीं पता है कि वास्तविकता क्या है। हम एक बड़े निवेशक हैं, इसलिए संबंधित सवाल पूछने का हमारा अधिकार है। पिछले कई वर्षों मे एलआईसी ने अदाणी समूह की कंपनी के 30,129 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। इसका बाजार मूल्य 27 जनवरी, 2023 को 56,142 करोड़ रुपये था।

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