झुंझुनूं-भैसावता : भैसावता के किसानों के लिए राम और राज दोनों ही रूठ गए हैं। एक तरफ पाले से तो पहले ही कुछ फसलें खराब हुई है, बची फसल अब खेतों के पास लगे क्रेशर की डस्ट से खराब हो रही है। लगातार उड़ रही डस्ट फसलों और पेड़ पौधों पर जमा हो जाती है और फसलें नष्ट हो जाती हैं।
फसलें खराब होने पर रविवार को किसानों के सब्र का बांध टूट गया। इसके बाद किसानों ने क्रेशर मशीन के पास ही विरोध प्रदर्शन किया। किसान बंशीधर शर्मा का कहना है खेतों में सरसों, चना और तारामीरा की फसलें बोई हुईं थीं। फसल बोते समय बीज का किराया, ट्रैक्टर से बुवाई का खर्चा भी लगा था, लेकिन पहले तो पाले ने फसल खराब कर दी। फिर खेतों के पास ही बड़ा क्रेशर प्लांट लगाया हुआ है, जिसकी डस्ट दिन-रात उड़ती रहती है। जिसकी वजह से फसलें खराब हो गईं।
उन्होंने बताया क्रेशर की डस्ट के लिए प्रशासन को भी शिकायत की थी, लेकिन प्रशासन द्वारा सिर्फ आश्वासन ही मिला, कार्रवाई अभी तक भी नहीं हुई है। क्रेशर मालिक सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और पर्यावरण नियमों की भी अवहेलना कर रहे हैं। आए दिन धूल उड़ने से क्रेशर के आसपास जाना भी दूभर हो रहा है। डस्ट से अस्थमा और अन्य बीमारियां भी होने का डर रहता है।
किसानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा शासन मौके पर आकर देखें और क्रेशर को अन्यत्र दूसरी जगह लगाए या फिर क्रेशर मालिक डस्ट को रोकने की व्यवस्था करे। एक तरफ तो किसान मौसम का कहर तथा दूसरी तरफ क्रेसर से उड़ रही धूल से दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। यदि प्रशासन व क्रेशर मालिक कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो किसान बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे। इस मौके पर मदनलाल शर्मा, सुरेश, सोनू पंडित, उमेश जांगिड़, सुरेंद्र शर्मा, सज्जन सहारण, बल्लू सारण, आनंद शर्मा, सुशील शर्मा, विनोद, जितेंद्र सहित अनेक किसान मौजूद रहे।