अजमेर : दरगाह जियारत के लिए दो साल बाद अजमेर पहुंचे 240 पाकिस्तानी जायरीन, जानें किस बात की रही पाबंदी

अजमेर : विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का सालाना उर्स शुरू हो चुका है, जिसमें देश के कोने कोने से जायरीन दरगाह जियारत के लिए अजमेर पहुंच रहे हैं।

वही बुधवार को पाकिस्तानी जायरीनों का दल 2 साल बाद अमृतसर से ट्रेन के जरिए अजमेर पहुंचा । जिन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बसों में बैठाकर सेंट्रल गर्ल्स स्कूल पहुंचाया गया ।

अमृतसर से विशेष ट्रेन से अजमेर पहुंचे

सूफी संत ख्वाजा मुईनुद्दीन हसन चिश्ती के सालाना उर्स में शामिल होने के लिए अबकी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से भी जायरीनों का जत्था अजमेर आ रहा है। ये जायरीन अमृतसर से विशेष ट्रेन से अजमेर पहुंचे। अमृतसर से आई विशेष ट्रेन के चार डिपो में पाकिस्तानी जायरीन पहुंचे हैं। इनके साथ पाक दूतावास के करीब 10 अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हैं।

पाक नागरिकों ने किया खुशी का इजहार

गरीब नवाज उर्स में शिरकत करने के लिए हर साल पाकिस्तान के नागरिक दरगाह में जियारत के लिए आते हैं। करेंसी चेंज करने सहित अन्य समस्या को लेकर अपने तय कार्यक्रम से करीब 3 घंटे देरी से पहुंचे 2 साल बाद पाक नागरिकों ने अजमेर आकर खुशी का इजहार किया और कहा कि अजमेर आकर उन्हें दिली सुकून मिला है। पाकिस्तान से आये जायरीनों के दल में लगभग 240 लोग शामिल थे ।

एक फरवरी तक रूकेंगे अजमेर

वहीं पाकिस्तानी नागरिकों के अजमेर पहुंचने को लेकर खुफिया एजेंसियों व पुलिस प्रशासन ने स्टेशन पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी साथ ही पूरे प्लेटफार्म को भी खाली करा दिया गया था । स्टेशन पहुंचने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सभी की गिनती कर उनको बस से अपने निर्धारित स्थान सेंट्रल गर्ल्स स्कूल पहुंचाया जहां इनको ठहराया जाएगा।

पाक नागरिकों का दल 1 फरवरी तक अजमेर में रुकेगा । इस दौरान वह गरीब नवाज की दरगाह में अकीदत के फूल और मखमली चादर पेश करेंगे। वही अजमेर पहुंचे पाक नागरिकों से जब मीडिया ने बातचीत करना चाही तो प्लेटफार्म पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उनको बात करने से रोक दिया।

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